परामर्शदाता की विशेषताएँ (Characteristics of the Consultant)
परामर्शदाता की विशेषताएँ- परामर्शदाता एक तरह के विद्यालय में परामर्श- विशेषज्ञ होते हैं। उनका मुख्य कार्य परामर्श एवं प्रशिक्षण देना है।
परामर्शदाता निर्देशन कार्यक्रम का प्रमुख व्यक्ति यही है। रूथ स्ट्रेंग ने परामर्शदाता के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए कहा है-
“परामर्शदाता एक माली की भाँति है, जो मिट्टी तैयार करता है तथा प्रत्येक पौधे को स्वयं उगने में सहायता करने के प्रत्येक कार्य करने को उत्साहित रहता है।”
परामर्शदाता को कार्यकुशल व्यक्ति बनने के लिये निम्नलिखित गुणों से युक्त होना चाहिये-
1. बौद्धिक क्षमता का विकास अधिक मात्रा में होनी चाहिये।
2. व्यक्तियों का सहानुभूतिपूर्ण एवं वैषयिक ज्ञान।
3. विस्तृत सामान्य ज्ञान और विस्तृत रुचियाँ।
4. स्थिर एवं भली-भाँति समायोजित व्यक्तित्व।
5. सामाजिक और आर्थिक दशाओं एवं उनके प्रभाव का ज्ञान।
6. छात्रों एवं साथी कर्मचारियों को प्रेरणा देने की योग्यता।
7. व्यक्तिगत एवं सामाजिक सम्बन्ध स्थापित करने की योग्यता।
8. कक्षा की परिस्थितियों और शिक्षण के उत्तरदायित्वों का ज्ञान।
9. व्यवसाय का कार्य करने की शर्तों का ज्ञान।
10. अन्य व्यक्तियों के साथ सहकारिता के आधार पर कार्य करने की योग्यता।
एक अच्छे परामर्शदाता की अधोलिखित विशेषता होनी चाहिए-
(I) माता-पिता के साथ कार्य करने के लिये आवश्यक विशेषता-
(1) माता-पिता का विश्वास प्राप्त करने की क्षमता।
(2) उनसे सम्मान प्राप्त करने की क्षमता।
(3) छात्रों की समायोजन की समस्याओं के समाधान में माता-पिता का सहयोग प्राप्त करना।
(4) माता-पिता का सम्मेलन संगठित करने की योग्यता।
(II) छात्रों के साथ कार्य करने के लिये आवश्यक विशेषता-
(1) छात्रों की समूह परीक्षाएँ लेने की क्षमता।
(2) छात्रों को सूचनाएँ प्रदान करने के लिए विभिन्न स्रोतों से सूचनाएँ संगृहीत करना।
(3) छात्रों के व्यक्तित्व का मूल्यांकन करने की योग्यता।
(4) समाजमिति बनाने एवं व्याख्या करने की योग्यता।
(5) छात्रों को परामर्श देने की क्रिया का ज्ञान।
(6) छात्रों का साक्षात्कार लेने की योग्यता।
(III) समाज के साथ कार्य करने के लिये आवश्यक विशेषता-
(1) सामाजिक क्रियाओं में भाग लेने की कौशल एवं क्षमता।
(2) नियोक्ताओं के साथ मधुर सम्बन्ध स्थापित करने की योग्यता।
(3) निर्देशन कार्यक्रम के लिये समाज की सहायता प्राप्त करने की योग्यता।
(4) सामाजिक सेवाओं की सहायता प्राप्त करने की योग्यता।
(IV) अधापकों का सहयोग प्राप्त करने के लिये आवश्यक विशेषता-
(1) निर्देशन समिति में नेतृत्व करने की कौशल एवं क्षमता।
(2) प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों का विश्वास प्राप्त करना।
(3) सेवाकालीन कार्यक्रम संगठित करना।
(4) पुस्तकालयाध्यक्ष का सहयोग प्राप्त करने की योग्यता।
(V) कार्यक्रम का नेता बनने की विशेषता-
यह विशेषता परामर्शदाता में होने चाहिये। निर्देशन कार्यक्रम की क्रियाओं एवं निर्देशन कार्यक्रम के संगठित रूप का ज्ञान होना चाहिये। परामर्शदाता को बाल-मनोविज्ञान का ज्ञान भी होना चाहिए।
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