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विद्यालय में निर्देशन सेवाओं के लिए सूचनाओं के प्रकार बताइए|

विद्यालय में निर्देशन सेवाओं के लिए सूचनाओं के प्रकार
विद्यालय में निर्देशन सेवाओं के लिए सूचनाओं के प्रकार

निर्देशन सेवाओं के लिए सूचनाओं के प्रकार

निर्देशन सेवाओं के लिए सूचनाओं का प्रकार– विद्यालय में निर्देशन दो बिन्दुओं पर केन्द्रित रहता है। शिक्षा और व्यवसाय। निर्देशन सहायता के लिये इन तीनों के बारे में सूचनाएँ उपलब्ध होना आवश्यक है। इनके आधार पर इस सेवा के दो प्रकार हो सकते हैं- शैक्षिक सूचना सेवा और व्यावसायिक सूचना सेवा।

शैक्षिक सूचना सेवा (Educational Information Service)-

एक विद्यालय में शिक्षा के एक स्तर को पूर्ण करने के बाद छात्र जब अग्रिम स्तर की शिक्षा की योजना बनाता है तो उसको अग्रिम शिक्षा से सम्बन्धित निम्नलिखित सूचनाएँ उपलब्ध करवाना आवश्यक है-

1. विद्यालय में प्रवेश सम्बन्धी सूचना- प्रत्येक विद्यालय के प्रवेश सम्बन्धी नियम पृथक्-पृथक् होते हैं। कहीं प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है तो कहीं गत परीक्षा के प्राप्तांकों को प्रवेश का आधार बनाया जाता है। कहीं छात्रों का तो कहीं छात्रों के साथ उनके अभिभावकों का साक्षात्कार लिया जाता है। प्रवेश के लिये फार्म तथा पंजीकरण कब होता है? फार्म का शुल्क तथा पंजीकरण का शुल्क कितना जमा होता है? आदि सूचनाओं की जानकारी छात्रों को होना आवश्यक है।

2. विद्यालय भवन की सूचना- विद्यालय में प्रवेश प्राप्त छात्रों को विद्यालय भवन की जानकारी होना आवश्यक है। विद्यालय भवन में प्रधानाचार्य कक्ष, लिपिक कक्ष, परामर्शदाता कक्ष, वाचनालय, प्रयोगशालाएँ, खेल के मैदान, प्रार्थना-स्थल, भोजन कक्ष आदि की स्थिति से सम्बन्धित सूचनाएँ छात्र को प्रवेश के समय दे दी जाये तो छात्र को विद्यालय भवन परिचित-सा लगेगा।

3. विद्यालय के नियम की सूचना- प्रत्येक विद्यालय में अनुशासन रखने के लिये कुछ नियम तथा परम्पराएँ होती हैं। इनसे छात्र को अवगत कराने से उसके विद्यालय पर्यावरण में समायोजित होने में कोई समस्या पैदा नहीं होती है। पाठशाला आने का समय, भोजनावकाश का समय, विद्यालय पोशाक की अनिवार्यता, प्रार्थना में सम्मिलित होने की अनिवार्यता, शिक्षकों से वार्तालाप का ढंग, पुस्तकालय में पढ़ने का ढंग आदि की जानकारी छात्र का होना आवश्यक है।

4. विद्यालय में उपलब्ध विषय के बारे में सूचना- 10वीं कक्षा के बाद छात्र को विषयों का चयन करना पड़ता है। अतः 10वीं कक्षा में ही छात्र को नवीन विद्यालय में उपलब्ध वैकल्पिक विषयों की जानकारी देना आवश्यक है।

5. विद्यालय में उपलब्ध सुविधाएँ एवं सेवाएँ- विद्यालय छात्रों को अनेक सुविधाएँ तथा सेवाओं का लाभ उपलब्ध करवाते हैं। जैसे निर्देशन सेवा, स्वास्थ्य परीक्षण सेवा के अतिरिक्त शिक्षण शुल्क में रियायत, छात्रवृत्ति, कमजोर छात्रों को अतिरिक्त शिक्षण की सुविधाएँ, विद्यालय द्वारा प्रदान की जाती हैं। छात्रों को इनकी जानकारी होने पर ही वे इनका लाभ उठा सकते हैं।

6. विषयों के चयन तथा उनका व्यवसायों के साथ सम्बन्धी सूचनाएँ- छात्र 11वीं कक्षा में वैकल्पिक विषयों का चयन तो कर सकते हैं लेकिन ऐसा चयन उस समय तक व्यर्थ है जब तक कि उनको यह जानकारी नहीं दी जाये कि किस विषय के अध्ययन से किन जीविकाओं के योग्य बना सकता है।

7. पाठ्य सहगामी क्रियाओं की सूचनाएँ- विद्यालय में कौन-सी पाठ्य सहगामी क्रियाओं का संचालन होता है, कौन-से खेलों के प्रशिक्षण की सुविधा है, इनके आयोजन का समय क्या है, इनमें सम्मिलित होने के लिये किससे सम्पर्क करना चाहिये, आदि बातों की जानकारी छात्रों को करवानी चाहिये।

8. पुस्तकालय सम्बन्धी सूचनाएँ- पुस्तकालय के खुलने के समय, पुस्तकालय के नियम कितनी पुस्तकें एक बार में और कितने दिनों के लिये उपलब्ध होती है, आदि की जानकारी छात्रों को करवानी चाहिये।

9. आर्थिक सहायता सम्बन्धी सूचनाएँ- सरकार की ओर से निर्धन छात्रों को अपना अध्ययन निरन्तर रखने के लिये अनेक आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजनाओं का प्रावधान है। यदि इनकी जानकारी छात्रों को दी जाएँ तो अनेक छात्र अर्थाभाव के कारण अपना अध्ययन बीच में छोड़ने से बच सकेंगे।

10. उच्च शिक्षा सम्बन्धी सूचनाएँ- हायर सेकेण्डरी कक्षा में अध्ययरत अनेक छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक होते हैं। ऐसे छात्रों की सहायतार्थ उच्च शिक्षा तथा महाविद्यालयों
के बारे में सूचनाओं का संकलन करना आवश्यक है।

व्यावसायिक सूचना सेवा (Occupational Information Services)-

आधुनिक शैक्षिक शब्दकोष के अनुसार, “व्यावसायिक जानकारी शब्द व्यावसायिक साहित्य में व्यापक अर्थ में प्रयुक्त होता है। इसका सम्बन्ध उन तथ्यों से है जो व्यवसायों के महत्त्व, प्रवेश की योग्यताओं, उन्नति के अवसर एवं विधियों, स्वास्थ्य एवं दुर्घटनाओं की सम्भावनाओं, उनके एवज में दिये जाने वाले मुआवजों तथा विशिष्ट व्यवसाय या सम्बन्धित व्यवसाय समूहों में उपस्थि होने वाली दशाओं इत्यादि से सम्बन्ध रखते हैं।” विभिन्न उद्योग एवं उनके प्रक्रमों का अध्ययन, जहाँ तक वह कृत्यों से सम्बद्ध है, व्यावसायिक सूचना के अन्तर्गत आता है। शार्टले कृत्यों तथा व्यावसायों के बारे में सही एवं उपयोग के लायक सूचना को व्यावसायिक सूचना अथवा जानकारी की संज्ञा देता है।

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