स्थानापन्न सेवा का अर्थ , परिभाषा तथा उद्देश्य
स्थानापन्न सेवा (Placement Service in Hindi)
स्थानापन्न सेवा (Placement Service)-निर्देशन सेवाओं के लिए स्थानापन्न सेवा का महत्वपूर्ण स्थान है। निर्देशन कार्यक्रम तभी सुचारु रूप से सफल हो सकता है जब नियोजन (स्थानापन्न) अनुवर्ती सेवाएँ समुचित प्रकार से उपलब्ध हों। भारत में निर्देशन सेवाओं को उचित प्रकार से संगठित नहीं किया गया है। वर्तमान समय में प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी उच्च शिक्षा दिलाना चाहता है तथा उस पर व्यय करने के लिए भी तत्पर रहता है। इस दिशा की ओर अपने प्रयासों को भी जारी रखता है क्योंकि शिक्षा की प्रक्रिया आगामी जीवन की तैयारी का मार्ग होती है। शिक्षा समाप्ति के बाद व्यक्ति किसी व्यवसाय में स्थान प्राप्त कर लेता है। आज अनेकों व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के संचालित होने के कारण व्यवसाय चयन में कठिनाई नहीं आती है बल्कि उसका स्थानापन्न पाठ्यक्रम के द्वारा निर्धारित हो जाता है। व्यावसायिक निर्देशन द्वारा छात्रों की योग्यताएँ एवं क्षमताओं के अनुरूप ही स्थानापन्न के लिए सुझाव दिया जाता है।
स्थानापन्न संस्थाएँ छात्र को कहाँ और किस व्यवसाय जाना इस प्रकार का निर्देशन प्रदान नहीं करती। विद्यार्थी को स्वयं स्थानापन्न के लिए प्रयास करना होता है।
स्थानापन्न या नियुक्ति सेवा में हमारा अभिप्राय है व्यक्ति को उसकी योग्यता एवं व्यक्तित्व सम्बन्धी गुणों के आधार पर उचित स्थान पर नियुक्ति कराने में सहायता प्रदान की जाए जिससे वह सरलतापूर्वक सामंजस्य स्थापित कर सके। किसी भी व्यवसाय या व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपयुक्त स्थान दिलाने की प्रक्रिया को स्थानापन्न सेवा कहा जाता है। इसे नियोजन, स्थान तथा नियुक्ति सेवा के नाम से भी जाना जाता है।
फ्रोलिक (Frochlich) के अनुसार, “स्थानान्न सेवा का सम्बन्ध विद्यार्थियों को अगला कदम उठाने में सहायता करने से है चाहे वह कुछ भी हो। इस प्रकार की स्थानापन्न सेवा विद्यार्थी को व्यवसाय प्राप्त करने में मदद करती है। यह पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाओं में विद्यार्थियों की उनका सही स्थान ढूँढ़ने में मदद करती है। सारांश में यह विद्यार्थियों को उनके अवसरों का उपयोग करने में मदद करती है।”
डाऊनिंग (Downing) के अनुसार, “स्थानापन्न सेवा को नौकरियों के चयन में सहायता बताते हुए कहा है कि नियुक्ति या स्थानापन्न या स्थानन सेवा निर्देशन कार्यक्रम में वह प्रक्रिया है जो विद्यार्थियों को उपयुक्त पाठ्यक्रम चुनने, अतिरिक्त कक्षा गतिविधियों और सम्पूर्ण या अंशकालीन व्यवसाय चुनने में सहायता करती हो।”
एन्डूयू और विली (Andrew & Wiliey) के अनुसार, “नियुक्ति सेवा उन सभी क्रियाओं की ओर संकेत करती है जो छात्र के किसी जीविका में या शैक्षिक प्रशिक्षण में प्रवेश के समय सहायतार्थ की जाती है जिससे वह उनमें पर्याप्त समायोजन स्थापित कर सके।”
स्थानापन्न सेवा के उद्देश्य (Objectives of Placement Service)
स्थानापन्न सेवा के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है-
(1) व्यवसाय ढूँढ़ने में सहायता प्रदान करना (To help in scarching out part time jobs)- कई बार व्यक्ति के सम्मुख ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं कि वह पढ़ाई के साथ-साथ व्यवसाय भी करना चाहता है। व्यवसाय को ढूँढ़ने में स्थानापन्न सेवा व्यक्ति को सहायता प्रदान करती है।
(2) व्यवसाय की व्यवस्था में सहायक (To Provide Full Time Jobs)- इस समाप्ति के पश्चात् व्यक्ति जीवन में प्रवेश करता है और व्यक्ति को आर्थिक रूप से सुदृढ़ता प्राप्त करने के लिए व्यवसाय की आवश्यकता होती है। ऐसी आवश्यकताओं की पूर्ति में स्थानापन्न सेवा व्यक्ति को सहायता प्रदान करती है।
(3) पाठ्यक्रमों के चयन में सहायता देना (Proper selection of curriculum)- स्थानापन्न सेवा का शैक्षिक उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को उचित कोर्स तथा उपयुक्त पाठ्यक्रम चयन में सहयोग देना जिससे भविष्य में उचित कोर्स तथा पाठ्यक्रम उसके काम आ सके।
(4) अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना (To encourage extra activities)- कक्षा में पढ़ाई-लिखाई के अतिरिक्त विद्यार्थियों की आन्तरिक क्षमता को ज्ञात करके अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना नियुक्ति सेवा का उद्देश्य है। इन गतिविधियों के अन्तर्गत क्लब, संगीत, विभिन्न खेलकूद, नाटक, भाषण देना, वाद-विवाद आदि आते हैं।
(5) प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक (Help in training prtogrammes)- अनेक प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्थानापन्न सेवा व्यक्ति को सहायता देती है। इस प्रकार के सहायता में सम्मिलित हैं-
(i) प्रशिक्षण देने वाले स्थान की जानकारी देना।
(ii) वांछित प्रशिक्षण को चुनने में सहायता देना।
(iii) वांछित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए एक योजना तैयार करना।
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