व्यक्तित्व मापन की प्रक्षेपी विधियाँ
व्यक्तित्व मापन की प्रक्षेपी विधियाँ – प्रक्षेपण विधि द्वारा व्यक्तित्व की माप परोक्ष (Indirect) रूप से होती है। प्रक्षेपण का अर्थ किसी छिपी हुयी वस्तु अथवा तथ्य का प्रकट होना होता है। इस विधि द्वारा व्यक्ति के अचेतन स्तर पर दबी हुयी आन्तरिक भावनाओं का मापन किया जाता है। प्रक्षेपी विधि में साधारणतया व्यक्ति के सम्मुख उद्दीपक स्थिति प्रस्तुत की जाती है तथा उसे ऐसा अवसर प्रदान किया जाता है। जिससे वह अपने व्यक्तिगत जीवन से सम्बन्धित छिपी बातों को उन स्थितियों के माध्यम से प्रकट कर सके।
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रोर्शाख परीक्षण, विषय आत्मबोधन परीक्षण, शब्द-सहचर्य परीक्षण, वाक्यपूर्ति परीक्षण, कहानी पूर्ति परीक्षण, स्वप्न परीक्षण आदि प्रमुख प्रक्षेपी विधियाँ है।
रोर्शाख परीक्षण (Rorschach test) प्रक्षेपण परीक्षण का सबसे प्रचलित एवं प्रमुख परीक्षण है जिसका प्रतिपादन हरमान रोर्शाख ने किया। इस परीक्षण में 10 कार्ड होते हैं जिन पर स्याही के धब्बों के समान चित्र बनें होते हैं। इसमें 5 कार्डों पर काली स्याहीं के धब्बे होते हैं तथा शेष 5 बहुरंगी होते हैं। इन स्याही के धब्बों का कोई निश्चित आकर नहीं होता। प्रत्येक कार्ड एक-एक करके उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसके व्यक्तित्व का आकलन करना होता है। कार्डों पर स्याही के धब्बों से उत्पन्न आकृति की रचना के अनुसार प्रयोज्ज द्वारा किसी पक्षी, पशु, वस्तु अथवा व्यक्ति की कल्पना की जाती है तथा उसे बताना होता है कि उस कार्ड में क्या दिख रहा है अथवा धब्बे का पूरा भाग अथवा कोई अंश उसे किस चीज के समान दिखायी पड़ रहा है। व्यक्ति द्वारा दिये गये अनुक्रियाओं को लिख लिया जाता है और तत्पश्चात उसका विश्लेषण स्थान निरूपण, निर्धारक, विषय-वस्तु, मौलिक अनुक्रिया एवं संगठन के सहारे किया जाता है।
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प्रक्षेपी विधियों के गुण
1. इनसे व्यक्ति के अर्धचेतन और अचेतन व्यवहार के अनेक पक्षों का पता लगाया जा सकता है। व्यक्ति की दूषित इच्छाओं, अतृप्त अभिलाषाओं, अन्तरंग भावों, चिन्ता, भय आदि के कारणों का पता लगाकर उसके व्यक्तित्व के गोपनीय पक्षों का मूल्यांकन इस विधि के द्वारा सहज ही किया जा सकता है।
2. प्रक्षेपी विधियों के प्रयोग का क्षेत्र काफी व्यापक है। बालक और प्रौढ़, शिक्षित और अशिक्षित सभी के लिये इनको प्रयोग में लाया जा सकता है।
3. प्रक्षेपी विधियों के द्वारा किये जाने वाले मूल्यांकन की प्रवृत्ति बहुत गोपनीय होती है। व्यक्ति को यह नहीं पता चले कि परीक्षक इस परीक्षण से क्या परिणाम निकाल सकता है।
4. प्रक्षेपी विधियाँ व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व को समझने में सहायक होती हैं।
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प्रक्षेपी विधियों के दोष
1. प्रक्षेपी विधियों की रचना और मानकीकरण अत्यन्त कठिन कार्य है।
2. प्रक्षेपी विधियों का प्रशासन, फलांकन और विश्लेषण किसी सामान्य व्यक्ति के द्वारा सम्भव नहीं है।इसके लिये तो योग्य और प्रशिक्षित व्यक्तियों अथवा मनोवैज्ञानिकों की आवश्यकता होती है।
3. प्रक्षेपी विधियों के प्रशासन, फलांकन और विश्लेषण में बहुत अधिक समय लगता है इसमें विश्वसनीयता एवं वैधता निर्धारित करना अत्यन्त कठिन कार्य है।
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