लार्ड कर्जन की शिक्षा नीति 1904 | Lord Curzon’s Education Policy in Hindi
लार्ड कर्जन की शिक्षा नीति 1904 के सुझाव – शिक्षा नीति, सन् 1904 सम्बन्धी सुझावों को निम्नलिखित रूप में क्रमबद्ध किया जा सकता है-
1. प्राथमिक शिक्षा सम्बन्धी सुझाव
(i) प्राथमिक शिक्षा की ओर ध्यान देकर उसका प्रसार करना सरकार का मुख्य कर्त्तव्य है।
(ii) प्रान्तीय सरकारें प्राथमिक शिक्षा को उन्नति के लिये आर्थिक मदद दें। स्थानीय निकायों को चाहिये कि वह प्राथमिक शिक्षा के लिये मिली आर्थिक सहायता को प्राथमिक विद्यालयों पर ही व्यय करें।
(iii) प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में अंग्रेजी को स्थान न देकर भारतीय भाषाओं को मुख्य रूप से स्थान दिया जाये। इसमें उपयोगी विषयों को सम्मिलित करके शारीरिक व्यायाम अनिवार्य किया जाये।
(iv) प्राथमिक शिक्षा में किण्डर गार्टन विधि का प्रयोग करके शिक्षण विधियों में सुधार किया जाये।
2. माध्यमिक शिक्षा सम्बन्धी सुझाव
(i) गैर मान्यता प्राप्त सभी माध्यमिक विद्यालयों को सरकार द्वारा मान्यता लेना आवश्यक होगा।
(ii) इनके पाठ्यक्रमों में व्यावसायिक विषयों को स्थान दिया जाये।
(iii) सभी माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित अध्यापकों की नियुक्ति की जाये।
(iv) माध्यमिक विद्यालयों का स्तर ऊँचा करने के लिये, उन्हें मान्यता देने व आर्थिक अनुदान देने के नियम कठोर किये जायें।
3. उच्च शिक्षा सम्बन्धी सुझाव –
(i) महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों का शिक्षा, स्तर ऊँचा उठाने का प्रयास किया जाये।
(ii) उच्च शिक्षा के विकास के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जाये।
(iii) उच्च शिक्षा में बाह्य परीक्षाओं का महत्व कम किया जाये।
भारतीय शिक्षा आयोग द्वारा प्राथमिक शिक्षा के सम्बन्ध में दिये गये सुझावों का वर्णन कीजिये।
भारतीय शिक्षा आयोग द्वारा माध्यमिक शिक्षा के सम्बन्ध में दिये गये सुझावों का वर्णन कीजिये।
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