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जनसंचार माध्यमों की बढ़ती भूमिका एवं समाज पर प्रभाव | Role of Communication Means

जनसंचार माध्यमों की बढ़ती भूमिका एवं समाज पर प्रभाव
जनसंचार माध्यमों की बढ़ती भूमिका एवं समाज पर प्रभाव

जनसंचार माध्यमों की बढ़ती भूमिका एवं समाज पर प्रभाव
Role of Communication Means and Effect on Society

व्यक्ति से व्यक्ति में परस्पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की कला को संचार कहते हैं परन्तु यही कार्य जब एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा सम्पन्न किया जाता है तो यह व्यापक स्तर  का रूप धारण कर लेता है अथवा इन सभी के द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान अनेक व्यक्ति या अनेक समूहों द्वारा एक ही समय में किया जाता है तब यह प्रक्रिया जनसंचार का रूप ग्रहण कर लेती है। जब एक व्यक्ति टेलीफोन पर दूसरे व्यक्ति से बात करता है तब यह संचार प्रक्रिया के नाम से जाना जाता है। इसके विपरीत जब एक वही व्यक्ति अपनी वार्ता को रेडियो या टेलीविजन के माध्यम से असंख्य लोगों तक पहुँचता है तब हम इसे जनसंचार के नाम से जानते हैं। अत: यह स्पष्ट है कि संचार की प्रकृति मूलरूप में व्यक्तिगत होती है परन्तु जनसंचार की प्रकृति सामूहिक होती है। जन संचार का अर्थ है-सूचना, विचारों और मनोरंजन का संचार के माध्यमों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार ।

इनमें ऐसे माध्यम भी सामिल हैं, जो जनसंचार के आधुनिक साधनों का उपयोग करते हैं; जैसे– रेडियो, इन्टरनेट, मल्टीमीडिया, टेलीविजन, सिनेमा, समाचार पत्र अन्य प्रकाशन एवं विज्ञापन आदि । इसके अतिरिक्त ऐसे अन्य महत्त्वपूर्ण परम्परागत माध्यम भी हैं; जैसे-लोकनृत्य, नाटक और कठपुतलियों का प्रयोग। भारत में सूचना और प्रसारण मन्त्रालय के पास जन संचार की विशाल व्यवस्था है, जिसके क्षेत्रीय तथा शाखा कार्यालय सारे देश में चहुँओर खुले हुए हैं।

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