व्याख्यान प्रविधि के गुण एवं दोष | Merits and Demerits for Lecture Technique in Hindi
व्याख्यान प्रविधि के गुण एवं विशेषताएँ (Merits for Lecture Technique)
1. इसके माध्यम से समय और श्रम दोनों की बचत होती है।
2. इसके द्वारा उपबोध्य में तर्कशक्ति का विकास किया जा सकता है।
3. इसके द्वारा उपबोध्य में श्रवण क्षमता का विकास होता है।
4. उपबोध्यों में सामूहिकता का विकास सम्भव है।
5. ध्यान केन्द्रित करने में सहायक है।
6. विचारोत्पदक व्याख्यान छात्रों में धैर्य और रुचि का विकास करता है।
व्याख्यान प्रविधि के दोष (Demerits of Lecture Technique)
7. उपबोध्य केवल श्रोता मात्र, निर्जीव मूर्ति के समान बैठा रहता है।
8. परामर्श की दृष्टि से यह प्रविधि एक पक्षीय है।
9. उपबोध्य का अवधान विस्तार कम होने से अधिक समय तक ध्यान केन्द्रित करने में असमर्थ रहता है।
10. यह प्रविधि सैद्धान्तिक पक्ष पर बल देती है।
11. उपबोध्य का मौलिक चिन्तन कुण्ठित होता है।
12. इससे परामर्श प्रक्रिया नीरस बन जाती है।
13. व्याख्यान देने से पूर्व इसकी रूपरेखा तैयार करनी चाहिये।
14. व्याख्यान की भाषा सरल और बोधगम्य होनी चाहिये।
15. व्याख्यान देते समय उपबोध्यों की भाव मुद्रा पर ध्यान देना चाहिये।
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