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भूमण्डलीकरण या वैश्वीकरण का अर्थ तथा परिभाषा | Meaning & Definition of Globlisation

भूमण्डलीकरण या वैश्वीकरण का अर्थ तथा परिभाषा

भूमण्डलीकरण या वैश्वीकरण का अर्थ तथा परिभाषा

भूमण्डलीकरण या वैश्वीकरण
Globlisation

सामान्य रूप से वैश्वीकरण का अर्थ यह है कि विश्व की सम्पूर्ण आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षिक गतिविधियों का ज्ञान सभी को होना चाहिये । दूसरे शब्दों में, संसार में विकसित एवं विकासशील देश परस्पर मिलकर विकास के पक्ष पर अग्रसर होते हैं । किसी एक देश की प्रगति में बाधक तत्त्वों का निराकरण, किसी दूसरे के सहयोग के माध्यम से किया जाता है । यह वैश्वीकरण का प्रमुख ज्वलन्त उदाहरण है । जब भारत आतंकवाद से ग्रस्त था तब तक वह मात्र उसकी अपनी समस्या थी लेकिन जब शक्तिशाली देश अमेरिका पर 11 सितम्बर, सन् 2001 में आतंकवादी हमला हुआ तब यह समस्या पूरे विश्व की बन गयी । इसी प्रकार सुनामी से पीड़ित व्यक्तियों की सहायता सम्पूर्ण विश्व द्वारा मिलकर की गयी और इस प्राकृतिक आपदा को सम्पूर्ण विश्व के देशों ने अपनी समस्या मानकर सहायता का कार्य पीड़ित व्यक्तियों के पूर्णरूपेण सहयोग के रूप में किया है। यह वैश्वीकरण सद्भाव का ज्वलन्त उदाहरण है ।

ग्लोबलाइजेशन अर्थात् ग्लोब जिस प्रकार अपनी धुरी पर घूमता है, ठीक उसी प्रकार समस्त पृथ्वी की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक क्रियाएँ एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा वर्तमान व्यवस्था में कोई भी देश किसी भी समस्या के लिय अकेला नहीं है बल्कि सम्पूर्ण ग्लोब (पृथ्वी) उसके साथ है.। दूसरे शब्दों में संसार के मानचित्र में सभी देश एक-दूसरे के विकास के लिये एवं समस्याओं के समाधान के लिये कटिबद्ध हैं । सार्क शिखर सम्मेलन, WHO, UNO, L. M. P. आदि संगठन वैश्वीकरण के उदाहरण हैं ।

वैश्वीकरण की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित प्रकार हैं-

(1) प्रो. के. मनस्वी के अनुसार, “उदारीकरण, आर्थिक विकास एवं निजीकरण के सामंजस्य की विश्वस्तरीय प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते हैं।”

(2) प्रो. टी. राघवन ने कहा है, “विश्व की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं मानवीय समस्याओं का समाधान जब विश्व के एक वैचारिक मंच पर होता है तब वैश्वीकरण का संकेत मिलता है।”

(3) श्रीमती आर. के. शर्मा के अनुसार, “वैज्ञानिक प्रगति, आर्थिक समानता एवं मानव कल्याण के लिये किये गये विश्वस्तरीय प्रयास वैश्वीकरण की परिधि में आते हैं।”

(4) प्रो. एस. के. दुबे के शब्दों में, “वैश्वीकरण के अन्तर्गत वे सभी शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक क्रियाएँ आती हैं, जो मानव कल्याण से सम्बन्धित होती हैं।” इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि वैश्वीकरण से आशय मुख्य रूप से मानव के आर्थिक एवं सामाजिक कल्याण से सम्बन्धित प्रक्रियाओं से है जो कि उसके विभिन्न प्रकार के पक्षों से सम्बन्धित हैं।

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