वैश्वीकरण के लाभ
Merits of Globlisation
वैश्वीकरण के द्वारा आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक विकास तथा लाभ की समीक्षा निम्नलिखित प्रकार से है-
1. सन्तुलित पर्यावरण का विकास (Development of balance environment)- मानव द्वारा अपने स्वार्थ के लिये प्रकृति से सदैव छेड़छाड़ की जाती है जिसके फलस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण की सम्भावना भी बढ़ती जा रही है लेकिन वैश्वीकरण के माध्यम से सभी देशों ने इसे गम्भीर समस्या माना है, किसी एक देश की समस्या न होकर यह सभी देशों की समस्या है। इसके बारे में जब प्रयास प्रारम्भ किये गये तो आज विश्व पर्यावरण सन्तुलित स्थिति में है। ‘पर्यावरण दिवस’ इस दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है ।
2. भयमुक्त समाज (Denger free society)- आज के वैश्वीकरण की व्यवस्था में कोई. छोटा देश भी अपने आपको असुरक्षित नहीं अनुभव कर सकता क्योंकि अनावश्यक रूप से उस पर कोई आक्रमण नहीं कर सकता। सभी को अपने देश की व्यवस्था चलाने का अधिकार है। कुवैत पर ईराक द्वारा जब आक्रमण किया गया तो विश्व के कई देशों ने कुवैत का साथ दिया। इस प्रकार संसार में भय मुक्त समाज की स्थापना वैश्वीकरण के द्वारा सम्भव हुई ।
3. युद्ध की समाप्ति (Abolition of war)— वैश्वीकरण का प्रमुख लाभ यह है कि सभी समस्याओं का समाधान विचार-विमर्श के माध्यम से किया जाता है । सभी देश मध्यस्थता करके या सभा करके समस्या का समाधान करते हैं । युद्ध की स्थिति को हर सम्भव प्रयास द्वारा रोकने का प्रयास किया जाता है, जिससे युद्ध प्रायः समाप्त हो जाते हैं।
4. अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का विकास (Development of international good faith)— वैश्वीकरण के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसी विचारधारा का जन्म हुआ जो ‘सर्वजन हिताय’ की स्थिति को प्रतिपादित करती है । सभी देशों को एक-दूसरे के प्रति आर्थिक-सामाजिक सहयोग की भावना को बल मिलता है । अतः समाज को वैश्वीकरण का यह सबसे बड़ा लाभ है।
5. मानवीय दृष्टिकोण का विकास (Development of human sight)— वैश्वीकरण के द्वारा ही विश्व स्तर पर मानवीय दृष्टिकोण विकसित हुआ । आज भी देश की मानवीय समस्या हो, कुपोषण की हो या भुखमरी की, सभी देश उसका मिलकर सामना करते हैं । ईरान का भूकम्प सिर्फ ईरान की समस्या नहीं बल्कि सभी देशों की समस्या थी और सभी देशों ने ईरान की सहायता की।
6. सन्तुलित आर्थिक विकास (Balance economic development)— वैश्वीकरण का सबसे प्रमुख लाभ सन्तुलित आर्थिक विकास है क्योंकि किसी एक-दूसरे के सहयोग के बिना अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ एवं सन्तुलित नहीं बनाया जा सकता। यह वैश्वीकरण द्वारा ही सम्भव हुआ है। विश्व बैंक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष अर्थव्यवस्था को सन्तुलित बनाने में निरन्तर प्रयासरत है।
7. जीवन-स्तर में सुधार (Reformation of living standard)— वैश्वीकरण के माध्यम से विकासशील देशों के नागरिकों के जीवन-स्तर में सुधार हुआ है । औद्योगिक उन्नति के फलस्वरूप प्रतिव्यक्ति की आय में वृद्धि हुई है, जिससे सभी प्रकार की सुविधाओं में भी उन्नति हुई है । भारत एवं पाकिस्तान जैसे देशों में प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि वैश्वीकरण का ही परिणाम है ।
8. गरीबी उन्मूलन (Abolition of poverty)— सभी विकसित देशों द्वारा मिलकर विकासशील देशों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिये अपनी पूँजी विनिवेश करके रोजगार उपलब्ध कराना है । इस क्षेत्र में विश्व बैंक की अनुदान प्रणाली सभी देशों के लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक सिद्ध हुई है। भारत में गरीबी उन्मूलन के प्रयोग विश्व-बैंक की सहायता से ही सफल हुए हैं ।
9.समस्याओं का समाधान (Solution of problems)- विश्व के सभी विकासशील देशों की राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं का समाधान एक ही मंच पर अन्य विकसित देशों द्वारा मिलकर किया गया है । भारत में जम्मू-कश्मीर एवं आतंकवाद की समस्याओं को बातचीत के द्वारा सुलझाने का प्रयास करना तथा अमेरिका द्वारा हर सम्भव भारत की सहायता का आश्वासन देना इसी दिशा में किया गया महत्त्वपूर्ण प्रयास है ।
10. वैज्ञानिक विधियों का विकास (Development of scientific method)- शैक्षिक, सामाजिक एवं कृषि के क्षेत्र में परम्परागत विचारधारा को छोड़कर नवीन वैज्ञानिक विधियों को अपनाना वैश्वीकरण की ही देन है । कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि एवं शैक्षिक क्षेत्र में नवीन विधियों द्वारा तकनीकी शिक्षा प्रदाना करना वैश्वीकरण की ओर संकेत करता है। इसका लाभ प्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता के साथ-साथ विश्व की जनता को भी मिलता है । भारत को तकनीकी शिक्षा में अग्रणी देशों में गिना जाता है ।
11. सूचना तकनीकी का विकास (Development of information technology)- आज विश्व का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिसने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति नहीं हुई है। विश्व के समस्त देशों ने सूचना तकनीकी को एक विषय मानकर इस क्षेत्र में विकास किया है। तकनीकी के आदान-प्रदान के माध्यम से ही यह विकास सम्भव हुआ है। इसकी प्रगति का श्रेय वैश्वीकरण को जाता है ।
12. मानव कल्याण की भावना का विकास (Development of human welfare sprit)- आज विश्व के अन्तर्गत एक ही विचारधारा पर बल दिया जा रहा है, वह है मानव कल्याण की भावना। प्रत्येक देश में राज्य स्तर एवं केन्द्र स्तर पर मानव अधिकार संगठनों का गठन हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मानवाधिकार की चर्चा होती है। जापान पर भारत और अन्य देशों द्वारा लगाया गया आर्थिक प्रतिबन्ध इसी क्षेत्र के महत्त्व को प्रदर्शित करता है।
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