अभिवृत्ति का महत्व (Importance of Attitudes)-
अभिवृत्ति का निम्नलिखित महत्व है-
1. अभिवृत्ति किसी व्यक्ति, घटना, विचार या वस्तु के प्रतिकूल अथवा अनुकूल भावना प्रदर्शन करती है।
2. अभिवृत्ति जन्मजात या अर्जित दोनों होती है।
3. अभिवृत्तियों का सम्बन्ध मनोभावों से होता है।
4. ये स्थायी होते हुये भी रूप परिवर्तन करती रहती हैं।
5. अभिवृत्ति व्यक्तिगत या सामूहिक दोनों प्रकार की होती है।
6. यह व्यक्ति की सहज अनुक्रिया है।
7. इनके मानसिक और सामाजिक दोनों पहलू हैं।
अभिवृत्तियों की विशेषताएँ (Characteristics of Attitudes)-
अभिवृत्ति की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
(1) अभिवृत्ति भाव एवं संवेगों से सम्बन्धित होती हैं।
(2) अभिवृत्ति बाह्य उद्दीपक के प्रति मानसिक स्थिति है जो पसन्द/नापसन्द पक्ष/विपक्ष के रूप में व्यक्त होती है।
(3) अभिवृत्ति का स्वरूप स्थाई एवं एक रूप होता है।
(4) अभिवृत्ति में परिवर्तनशीलता का गुण पाया जाता है।
(5) अभिवृत्ति के क्षेत्र में वैयक्तिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं।
(6) अभिवृत्ति हमारे सम्पूर्ण व्यवहार-संगठन में समन्वित होती है।
(7) अभिवृत्तियाँ हमारे व्यवहार का आधार है ये व्यक्ति को विशिष्ट दिशा निर्देशित करती है।
(8) अभिवृत्तियाँ वातावरण जन्य होती हैं, अनुभवों के आधार अर्जित की जाती है। इनके विकास में प्रत्यक्षीकरण एवं संवेगात्मक तत्व सहायक होते हैं।
(9) अभिवृत्तियाँ सामान्य तथा विशिष्ट दोनों प्रकार की होती हैं।
(10) अभिवृत्तियों का प्रसार असीमित है
(11) अभिवृत्ति के दो पक्ष हैं जिसकी अभिवृत्ति और जिसके प्रति अभिवृत्ति।
(12) अभिवृत्तियाँ सामान्य/विशिष्ट, वस्तुओं/स्थितियों के प्रति हमारा ध्यान आकृष्ट करती हैं।
(13) अभिवृत्तियाँ व्यवहार को प्रभावित करती हैं। संस्कृति एवं समुदाय द्वारा प्रभावित होती हैं।
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