मुस्लिम काल की शिक्षा की प्रमुख विशेषतायें | मध्यकालीन शिक्षा की विशेषताएँ
मुस्लिम काल की शिक्षा की प्रमुख विशेषतायें
मुस्लिम काल की शिक्षा की प्रमुख विशेषतायें निम्न प्रकार थीं-
(1) शासन द्वारा प्रोत्साहन व सहायता-मुस्लिम काल के शासक शिक्षा के प्रचार व प्रसार में रुचि लेते थे। वे मकतबों एवं मदरसों की आर्थिक सहायता भी करते थे। इन अध्यापन केन्द्रों को जमीनें व जागीरें भी प्रदान की जाती थी। विद्वानों का राजदरबार में विशेष स्थान था तथा उन्हें सम्मान का पात्र समझा जाता था।
(2) भाषा विशेष पर बल-मुस्लिम काल में कुछ विशेष भाषाओं पर अधिक ध्यान दिया जाता था। इस काल में अरबी, फारसी भाषा का विशेष विकास हुआ।
(3) धर्म का प्रभाव-इस्लाम धर्म के शासन में शिक्षा प्रणाली भी इस्लाम धर्म से प्रभावित थी, इस कारण शिक्षा पर इस्लाम का प्रभाव था। प्रत्येक मुस्लिम व्यक्ति धर्म तथा ज्ञान के लिए शिक्षा को महत्त्व देता था।
(4) भौतिकता-मुस्लिम काल की शिक्षा ने समाज में भौतिकता व सांसारिकता में वृद्धि की। मुस्लिम धर्म, परलोक, पुनर्जन्म आदि में विश्वास नहीं करता था इसलिए वह इसी जन्म में समस्त सांसारिक सुख प्राप्त करना चाहता था। उस काल में कला, संगीत, नृत्य, चित्रकारी, कृषि, चिकित्सा आदि की जानकारी का इतिहास इस तथ्य को हमारे सामने प्रकट करता है।
(5) इतिहास लेखन-मुस्लिम शासकों में शिक्षा का महत्त्व क्या था ? यह इसी तथ्य से पता चलता है कि वे अपने युद्ध के संस्मरण तथा प्रमुख घटनाओं को लिपिबद्ध करवाते थे। मुस्लिम शासकों के समय में ही इतिहास लेखन की कला का सर्वाधिक विकास हुआ।
(6) उर्दू का जन्म-मुस्लिम शासन काल में अरबी तथा फारसी के संयोग से उर्दू का जन्म हुआ।
उर्दू मुस्लिम काल की सबसे बड़ी उपलब्धि समझी जाती है।
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