चीन के खनिज तेल उत्पादन एवं वितरण का वर्णन कीजिए। अथवा चीन में लोहे एवं इस्पात उद्योग की अवस्थिति की विवेचना कीजिए।
चीन की खनिज सम्पत्ति
चीन के आर्थिक साधनों में खनिज सम्पत्ति का प्रथम स्थान है, क्योंकि चीन में कृषि विकास के लिए कोई क्षेत्र नहीं है। विदेशी आक्रमण तथा गृहयुद्ध के कारण चीन की खनिज सम्पदा का ठीक ज्ञान तो प्राप्त नहीं हो सका है, किन्तु ऐसी धारणा है कि देश में यथेष्ट खनिज भण्डार हैं, जो औद्योगिक विकास तथा शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण के लिए पर्याप्त है। जनवादी प्रजातन्त्र चीन की साम्यवादी सरकार ने भू-सर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ करायां कई पंचवर्षीय योजनायें समाप्त हो गयीं। भू-सर्वेक्षण कार्य भी सम्पन्न हुए हैं। खनिजों के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है किन्तु ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देश में खनिजों की उन्नति प्रचुरता नहीं है जिसका आज तक प्रचार था। साम्यवादी सरकार का दावा है कि आवश्यक खनिज कोयला, लौह अयस्क, खनिज तेल, बॉक्साइड, टंगस्टन तथा मैंगनीज अयस्क के नये भण्डारों का पता लगा है।
खनिज तेल- साम्यवादी चीन की स्थापना के पूर्व यह देश खनिज तेल के भण्डार में निर्धन समझा जाता था। किन्तु सन् 19’50 में बड़े पैमाने पर तेल-अन्वेषण का कार्य प्रारम्भ हुआ और इसके परिणामस्वरूप ज्ञात हुआ है कि चीन में विभिन्न क्षेत्रों में खनिज तेल के वृहद् भण्डार हैं ये भण्डार 10 अरब मीटरी टन हैं। चीन के दीर्घकालीन सामन्तशाही शासन, जापान-चीन युद्ध तथा गृहयुद्ध के कारण ही इस दिशा में सार्थक प्रयास नहीं हो सके थे। सन् 1943 में खनिज तेल का वार्षिक उत्पादन 30 हजार मीटरी टन था। सन् 1982 का उत्पादन 1,060 लाख टन है।चीन का प्रमुख खनिज तेल क्षेत्र साइदाम बेसिन (सिंघाई) चिउचुआन बेसिन (कान्सू), जुगेरियन बेसिन (सिनकि आंग ऊगर, स्वायत्त प्रदेश) तथा लाल बेसिन (सिचुआन) है। इनके अतिरिक्त तारिम एवं तुफन बेसिन (सिनकिआंग ऊगर), सुंगारी -लियाओं मैदान, कांगसी चुआंग स्वायत्त प्रदेश तथा कीचाऊ में तेल क्षेत्रों का पता चला है। बोराई की खाड़ी में खनिज तेल निकाला जा रहा है।
चीन में खनिज तेल की वार्षिक उत्पत्ति यूमेन (कान्सू), तुशांचे तथा कारामाई (सिनकि आंग ऊगर), मध्य जेववान प्रान्त ती साइदाम बेसिन (सिंघाई ) क्षेत्रों में हो रही है। चीन के 100 ते क्षेत्रों में सबसे बड़े डाकिंग, शेन्गली, डागांग तथा कारामाई क्षेत्र को तुशांचे शोधनशाला से 147 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन से मिला दिया गया है। मध्य जेचवान प्रान्त में खनिज तेल का विस्तार 28,400 वर्ग किलोमीटर में है। लुंगनुआजे क्षेत्र में तेल निकाला जा रहा है। साइदाम बेसिन में लेधूं स्थान पर तेल निकाला जा रहा है। यूमेन, कारामाई तथा लेखूं में तीन दैत्याकार इण्टीग्रेटेड पेट्रोलियम वकर्स निर्मित किये गये हैं।
चीन में तेलिया मिट्टी का जमाव मुख्यतः कांगतुंग प्रान्त में है। कृत्रिम तेल के उत्पादन की संभावना देश में अधिक है।
लौह अयस्क- चीन में लौह अयस्क (Iron ore) का भण्डार 44 अरब मीटरी टन है जो संसार के अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। लोहा अयस्क की खोज में अनवरत प्रयास हो रहे हैं। आधुनिक संवादों से ज्ञात हो रहा है कि लोहे के भण्डार लिआओनिंग, होपे, अन्तर्वर्ती मंगोलिया, कान्सू चिंघाई, हूपे, कांगतुंग फुकीन, शान्तुंग तथा हूनान में प्राप्त हैं लिआओनिंग की आनशान तथा पेन्सिहू की खदानों से चीन के 40 प्रतिशत लोहा अयस्क का उत्पादन होता है।
टंगस्टन- यह बुलफ्राम धातु से मिलता है। यह चीन की प्रमुख धातु है। चीन संसार में सबसे अधिक टंगस्टन उत्पन्न करता है। यहाँ संसार के कुल उत्पादन का एक-तिहाई टंगस्टन प्राप्त होता है। इस धातु का भण्डार कांगडोंग, कांगसी, चुआंग हूनान, युन्नान, हुबे तथा चीजिआंग प्रान्तों में है।
सुरमा- यह चीन का मुख्य खनिज है। इसके उत्पादन में चीन का संसार में तीसरा स्थान है। दक्षिण अफ्रीका गणराज्य प्रथम तथा बोलिविया द्वितीय है। सबसे अधिक उत्पादन होनान प्रान्त में होता है। यहाँ की प्रसिद्ध खान सिजिआंग शान है। इसके अतिरिक्त कांगतुंग, जिआंगसी, युन्नान तथा ग्यीचाऊ में इसका उत्पादन होता है। सुरमा का उत्पादन 7 हजार मीटरी टन था। यहाँ का सुरमा बहुत अच्छा होता है और उत्पादन का अधिकाँश भाग निर्यात कर दिया जाता है। हांकाऊ, चांगशा तथा सिजिआंग शान में सुरमा साफ करने का केन्द्र है।
टिन अयस्क- लोहे के बाद चीन में यह सबसे महत्वपूर्ण धातु है। योजनान्तर्गत सर्वेक्षण से पता चला है किइस देश में टिन अयस्क का भण्डार अधिक है। यहाँ युनान, जिआंगसी, चुआंग, कांगतंग तथा हेनान द्वीप में टिन के क्षेत्र हैं। युनान यहाँ का मुख्य टिन अयस्क उत्पादन क्षेत्र है। इसका कोचियू जिला प्रमुख उत्पादक है।
ताँबा अयस्क- इस धातु के भण्डार की दृष्टि से एशिया में चीन का तीसरा स्थान है। मुख्य उत्पादन क्षेत्र यून्नान, जेचवान तथा सीकिआंग हैं जिनमें कुल भण्डार 126 लाख मीटरी टन अनुमानित है। ताँबा के मुख्य उत्पादक केन्द्र तुंगच्वान (युन्नान), हुइली, पेशागन (जेच्वान), तथा पाओशान (किसि) हैं। अन्य उत्पादक हेलुंकिआंग, लिआओकिंग तथा कान्सू प्रान्त हैं। एशिया
में यह द्वितीय बड़ा उत्पादक देश है।
मैंगनीज अयस्क- इसका भण्डार 3 लाख मीटरी टन है जो विश्व के कुल भण्डार का 4.9 प्रतिशत है। भण्डार एवं उत्पादक की दृष्टि से विश्व का यह आठवाँ देश है। यह युन्नान, हुनान, किऑगसी, कान्सू तथा गुईचाऊ से निकलता है।
जसता अयस्क- इसके उत्पादन में चीन का एशिया में तीसरा स्थान है। यह युन्नान, जिलिन तथा लिआओनिंग प्रान्तों में मिलता है। हुनान, सोना एवं चांदी- सोने के उत्पादन में एशिया में पांचवा एवं चाँदी में छठा है। वार्षिक उत्पादन क्रमशः 8400 किग्रा तथा 2.6 मीटरी टन है। सोने का भण्डार 67 लाख टन है।
सीसा अयस्क- इसके उत्पादन में एशिया में चीन का प्रथम स्थान है।
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