पर्यावरण शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा को स्पष्ट कीजिए।
पर्यावरण शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Environment Education)
पर्यावरण शिक्षा वह शिक्षा है जो पर्यावरणीय घटकों का विस्तृत ज्ञान, तथा मनुष्य के मध्य अन्तर्सम्बन्धों एवं पारस्परिक निर्भरता का ज्ञान एवं इसके प्रति संचेतना का विकास कर पर्यावरण की अभिवृत्ति व कौशल का विकास करती है। अतः पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण के सुधार के लिए, पर्यावरण के सम्बन्ध में पर्यावरण के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा है।
पर्यावरण शिक्षा की परिभाषा को विभिन्न विद्वानों ने भिन्न-भिन्न प्रकार से परिभाषित किया है –
श्री भोला प्रसाद लोहानी के अनुसार, “पर्यावरणीय शिक्षा का अभिप्राय एवं मानवीयता का प्रकृति के साथ सम्बन्ध स्थापन की जागरूकता विकसित करने से है। “
चैपमैन टेलर के अनुसार, “पर्यावरणीय शिक्षा का अभिप्राय सदनागरिकता विकसित करने के लिए सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को पर्यावरणीय मूल्यों एवं समस्याओं पर केन्द्रित करना है ताकि सद्गागरिकता का विकास हो सके तथा अधिगमकर्ता पर्यावरण के सम्बन्ध में भिन्न प्रेरित तथा उत्तरदायी हो सके।”
चेम्बर्स शब्दकोश के अनुसार, “पर्यावरण शिक्षा एक ऐसा अध्ययन क्षेत्र है, जिसमें जीव जन्तुओं, पेड-पौधों तथा मनुष्य समुदायों के अपने वातावरण के साथ अन्तर्सम्बन्धों को व्याख्यातित किया जाता है। पर्यावरण के साथ जीवधारियों का जो भी आदान-प्रदान होता है, जो भी अतः क्रियायें होती है अथवा अन्तर्सम्बन्ध बनते हैं, उनका वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन करना ही पर्यावरण शिक्षा है।”
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के महानिदेशक श्री लक्ष्मीधर मिश्र के अनुसार, “पर्यावरण उन सभी प्राकृतिक संसाधनों की समग्रता का नाम है, जो धरती माता ने मानव जाति के लिए वरदान के रूप में दिए हैं। ये संसाधन हैं जमीन, जल, वायु, वनस्पति वन, और वन्यजीव, जो हमें घेरे हुए और जो प्रतिदिन हमारे जीवन को प्रभावित करते रहते हैं।”
ओडम के अनुसार, “पर्यावरण शिक्षा मानव के चारों ओर व्याप्त जीवित तथा भौतिक वातावरण की शिक्षा है।
उपरोक्त परिभाषाओं का अध्ययन करने के उपरान्त यह कहा जा सकता है कि मनुष्य पर्यावरण की महत्ता को समझे. पर्यावरण सन्तुलन बनाना सीखें एवं पर्यावरण सुधार के लिए प्रयत्न करे, यही पर्यावरण शिक्षा का मूल है।
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