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जैव विविधता के महत्त्व | importance of biodiversity in Hindi

जैव विविधता के महत्त्व | importance of biodiversity in Hindi
जैव विविधता के महत्त्व | importance of biodiversity in Hindi

जैव विविधता के महत्त्व का वर्णन कीजिए।

जैव विविधता का महत्त्व

जैव विविधता की मानवीय जीवन में भी बहुत महत्ता है। इसका वर्णन इस प्रकार है-

(1) उपभोगात्मक एवं उत्पादक उपयोग- प्रकृति में पाये जाने वाले जीव एवं वनस्पति हमारे लिए अनेक रूपों में लाभदायक है। मानव जाति प्रागैतिहासिक काल से जैवविविधता का शोषण करती आयी है तथा अनेक प्रजातियाँ तो मानव की पहचान से पूर्व ही विलुप्त हो चुकी हैं। वर्तमान में दैनिक जीवन में उपयोग वाली अनेक वस्तुएँ जीव जगत पर निर्भर करती है। जैवविविधता हमारे लिए खाद्य पदार्थों, ड्रग्स एवं दवाइयों, सौन्दर्यात्मक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के साथ-साथ पारिस्थितिकीय दृष्टि से भी लाभदायक है। इस प्रकार यह एक और उपभोगात्मक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है तो दूसरी ओर इसकी उत्पादक प्रकृति भी है। जैवविविधता हमारे लिए निम्नांकित रूपों से भी महत्त्वपूर्ण हैं-

(2) भोजन- हमारे भोजन का अधिकांश भाग जीव जगत से ही प्राप्त होता है। जंगली पौधों की अनेक प्रजातियाँ मानव भोजन के रूप में मुख्य योगदान देती है। प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् नॉर्मन मेयर्स ने एक आकलन कर बताया है कि मानव द्वारा लगभग 80,000 खाद्य जंगली पौधों की प्रजातियों का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, इण्डोनेशिया के गाँवों में लगभग 4000 देशज पौधों व जन्तुओं की प्रजातियों का भोजन, दवाईयों तथा अन्य मूल्यवान उत्पादों के लिए उपयोग किया जा रहा है। इनमें से कुछ जातियों का पालतूकरण सम्भव हो गया है जिसके उपरान्त इनकी विस्तृत कृषि की जा रही है। 1975 में संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी ने अध्ययन कर पाया है कि इण्डोनेशिया में 250 खाद्य पदार्थों की जातियाँ हैं जिनमें से केवल 43 प्रतिशत की विस्तृत रूप से कृषि की जा रही है। दुर्भाग्य से अतिचद्दरण वनों को साफ करने, प्राकृतिक भूदृश्य को कृषि रूप में बदलने तथा अन्य रूपों में मानवीय प्रभावों के कारण संभाव्य महत्त्वपूर्ण खाद्य प्रजातियों का विनाश हो गया है।

इसी प्रकार हमारे खाद्य फसलों के जंगली पूर्वज उनकी पहचान एवं उनके जीन को सुरक्षित करने से पूर्व ही विलुप्त हो गये हैं।

(3) औषधियाँ एवं दवाइयाँ- जीव जगत में हमें अनेक महत्त्वपूर्ण ड्रग्स एवं दवाइयाँ प्राप्त होती हैं। आज उपयोग में आने वाले दवाई-संगठनों में लगभग 50 प्रतिशत योगदान प्राकृतिक उत्पादों का है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने फार्मास्यूटिकल उत्पादों के मूल्यों का आकलन कर बताया कि तीसरी दुनिया से प्रतिवर्ष 30 बिलियम यू.एस. डॉलर मूल्य के पौधे, जन्तु तथा सूक्ष्म जीव दवाइयों के उपयोग के लिए प्राप्त किये जाते हैं। कुछ मूल समुदायों को रक्षित रखा गया है। इनमें से अनेक की जैव तस्करी की गई।

मेडागास्कर पेरिविंकल पौधे से विनब्लास्टीन एवं विन्क्रिस्टीन नामक कैंसर रोधी एल्केलॉयड प्राप्त किये गये हैं। इनमें कुछ विशिष्ट प्रकार के कैंसर का उपचार सम्भव हुआ है। इनसे बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया पर 99 प्रतिशत नियन्त्रण पा लिया गया है। मेडागास्कर प्रतिवर्ष पराविकल फसल से लगभग 15 मिलियन यू.एस. डॉलर प्राप्त करता है।

(4) सामाजिक एवं सौन्दर्यात्मक महत्त्व- इस गृह पर जीवन की विविधता हमारे लिए एण्टी कैंसर विभिन्न रूपों में सामाजिक एवं सौन्दर्यात्मक महत्त्व रखती है। इस विविधता में लाखों-करोड़ों लोग शिकार, मत्स्यन, शिविर, पदयात्रा, वन्य जीवों को देखने तथा अन्य प्रकृति पर आधारित गतिविधियों से आनन्द लेते हैं।

(5) पारिस्थितिकीय लाभ- तकनीकी विकास के कारण यद्यपि पर्यावरण प्रतिदिन मानव जीवन के लिए कृत्रिम बनता जा रहा है। पर्यावरण में रहने वाले विभिन्न जीव पारिस्थितिकीय दृष्टि से मानव जीवन की सेवाएँ प्रदान करने के लिए जुड़ रहे हैं। मृदा निर्माण, अपशिष्ट निस्तारण, वायु एवं जल शुद्धिकरण, पोषक चक्रीकरण, सौर ऊर्जा का अवशोषण एवं जैव भूरासायनिक व जलीय चक्रों का प्रबन्धन आदि सभी जैव विविधता पर निर्भर करते हैं। इन सभी सेवाओं का प्रतिवर्ष का पारिस्थितिकीय मूल्य लगभग 33 ट्रीलियन यू.एस. डालर आंका गया है। यह मूल्य विश्व के कुल सकल राष्ट्रीय उत्पादन का दुगुना है। पृथ्वी का पारिस्थितिक तन्त्र करोड़ों वर्षों में विकसित हुआ है। प्रकृति ने इस सम्पूर्ण तन्त्र को पारिस्थितिकीय प्रक्रियाओं द्वारा अनुरक्षित किया है, जिसके लिए हमें कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ी।

पारिस्थितिक तन्त्र की स्थिरता में जैव विविधता की भूमिका के बारे में एक बड़ा विवाद रहा है। गणितीय मॉडल से स्पष्ट हुआ है कि साधारण पारिस्थितिकीय तन्त्र स्थिर हो सकता है। मिनिसोटा के पारिस्थितिकविद् डेविड टिलमेन ने क्षेत्र अध्ययन कर बताया है कि विविधतापूर्ण जैविक समुदाय अपनी स्थिरता को आसानी से कायम रखता है जबकि कम जातियों द्वारा पारिस्थितिकी तन्त्र शीघ्रता से पुनःपूरित नहीं हो पाता है।

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