ब्राजील के संसाधन आधार और आर्थिक विकास का वर्णन कीजिये।
स्थिति एवं विस्तार
ब्राजील दक्षिणी अमेरिका का सबसे विशाल देश है। इसका विस्तार 5° उत्तरी अक्षांश से 34° दक्षिणी अक्षांश तक और 34° पश्चिमी देशांतर में 74° 30′ पश्चिमी देशांतर तक है। ब्राजील का लगभग 90 प्रतिशत भूभाग उष्ण कटिबंध (अयनवृत्त) के अंतर्गत है। ब्राजील का क्षेत्रफल 85.12 लाख वर्ग किमी है जो भारत के क्षेत्रफल के ढाई गुना से अधिक है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विश्व का छठाँ वृहत्तम देश हैं जबकि जनसंख्या (19.2 करोड़) के अनुसार इसका पाँचवा स्थान है।
ब्राजील की सीलीय सीमाएं 10 देशों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा करीबियन तटीय देश फ्रेंच गुयाना, सुरीनाम, गुयाना तथा वेनेजुएला, पश्चिम में कोलम्बिया तथा पेरू, दक्षिण में बोलीविया, परागुए, अर्जनटीना तथा युरूग्वे देश स्थित है। ब्राजील की पूर्वी सीमा अटलांटिक महासागर द्वारा निर्धारित है।
उच्चावच (Relief)
ब्राजील की धरातलीय बनावट अपेक्षाकृत कम विविधतापूर्ण है। ब्राजील के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित अमेजन बेसिन निचला समतल मैदानी है जिसके उत्तर गुयाना पठार और दक्षिण में ब्राजील का पठारी भाग स्थित है जबकि सागरतटीय भागों में संकरे मैदान या कटे-फटे तट पाये जाते है। इस प्रकार ब्राजील को निम्नलिखित भौतिक प्रदेशों में विभक्त किया जा सकता है-
- अमेजन बेसिन
- ब्राजील का पठार
- ब्राजील का तटीय प्रदेश।
1. अमेजन बेसिन (Amazon Besin) – ब्राजील के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित अमेजन बेसिन एक विस्तृत निचला प्रदेश है जिसका विस्तार पश्चिम में एण्डीज पर्वत से लेकरह पूर्व में कैरीबियन सागर तक है। इसके उत्तर में गुयाना उच्चभूमि और दक्षिण में ब्राजील उच्चभूमि स्थित है।
आमेजन नदी इसके मध्य में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है इौर इसकी सहायक नदियां उत्तर और दक्षिण दोनों ओर से आकर इसमें मिलती है। इस निचले प्रदेश में अमेजन तथा उसकी सहायक नदियों ने जलाढ़ की मोटी परत जमा कर दी है। अमेजन बेसिन का सामान्य ढाल पश्चिम से पूर्व की ओर है। इस बेसिन की चौढ़ाई पश्चिम में अधिक है जो पूर्व की ओर कम होती गयी हैं भूमध्य रेखीय भाग में स्थित अमेजन बेसिन में 250 सेमी0 वार्षिक से अधिक वर्षा होती है और भयंकर बाढ़े आती हैं। अमेजन नदी के बाढ़ क्षेत्र 40.50 किमी0 तक चौड़े है। इस बेसिन की अधिकतर भूमि भूमध्य रेखीय सदाबहार वर्षा वनों से आच्छादित है।
2. ब्राजील का पठार (Brazilin Plateau )- अमेजन बेसिन के दक्षिण तथा पूर्व में ब्राजील उच्चभूमि ( स्थित है। जो प्राचीन गोण्डबाना लैण्ड का एक अंग है। यह पठारी भाग दक्षिण में युरूग्वे की सीमा तक फैला हुआ है। इस पठार का उत्तरी तथा पूर्वी ढाल तीव्र है। पूर्व में यह कहीं-कहीं अटलांटिक तट तक पहुँच गया है किन्तु अधिकांशतः इसके पूर्व में तटीय मैदान स्थित है जो इससे अटलांटिक महासागर से अलग करते है। अत्यंत प्राचीन आग्नेय एवं रूपांतरित शैलों से निर्मित ब्राजील के पठार पर अनेक महत्वपूर्ण खनिज पदार्थों के पर्याप्त संचित भण्डार पाये जाते है। इसका सर्वोच्च शिखर बैडीरिया 2890 मीटर ऊँचा है।
3. ब्राजील का तटीय प्रदेश- इसके अंतर्गत ब्राजील का अटलांटिक महासागर तटीय भाग सम्मिलित है जो समतल मैदानी है। ब्राजील के उत्तरी तटीय भाग का विस्तार अधिक है। जिसकी चौढ़ाई 100 से 1000 किमी0 पायी जाती है। किन्तु इसका पूर्वी तटीय मैदान अत्यंत संकरा है। कहीं-कहीं तो ब्राजील का पठारी भाग अंटलांटिक तट तक पहुँच गया है जिससे तट की चौड़ाई 30-40 किमी0 से भी कम पायी जाती है। ब्राजील के कई बड़े नगर और बन्दरगाह इसी भाग में स्थित है जिनमें परनाम्बुको (रेसिफ), सल्वाडोर, कारावेलास, रियोडिजनेरो, सैन्टोस, परनागुआ, पोर्ट अलेग्रे, रियोग्राण्डी आदि विशेष उल्लेखनीय है।
कृषि
ब्राजील एक कृषि प्रधान देश है जहाँ विविध प्रकार की उष्ण कटिबंधीय फसलें उगायी जाती है। पठारी भागों पर कृषि और पशुपालन दोनों का प्रचलन है। ब्राजील में उत्पन्न की जाने वाली फसलों मेकं चावल, मक्का, गन्ना, कहवा, कपास आदि प्रमुख है।
(i) चावल- ब्राजील दक्षिणी अमेरिका का बृहत्तम चावल उत्पादक देश है। विश्व का 2 प्रतिशत चावल ब्राजील से प्राप्त होता है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन 100 लाख मीटरी टन से अधिक है। चावल मुख्यतः ब्राजील के उत्तर-पूर्वी भाग में उगाया जाता है।
(ii) मक्का- विश्व में मक्का के उत्पादन में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के पश्चात् ब्राजील का तीसरा प्रमुख स्थान है। ब्राजील में विश्व का लगभग 7 प्रतिशत और दक्षिणी अमेरिका का लगभग 60 प्रतिशत मक्का का उत्पादन किया जाता है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन 400 लाख मीटरी टन से अधिक रहता है।
(iii) कहवा- ब्राजील विश्व का वृहत्तम कहवा उत्पादक देश है। विश्व का लगभग 25 प्रतिशत और दक्षिणी अमेरिका का 60 प्रतिशत से अधिक कहवा ब्राजील से प्राप्त होता है। ब्राजील के दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश (साओपालो तथा मिनामजिराम क्षेत्र) कहवा का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है।
खनिज एवं शक्ति संसाधन
ब्राजील में अनेक प्रकार तथा अधात्विक खनिज पाये जाते हैं। ब्राजील में पाये जाने वाले खनिज पदार्थों में लोहा, मैंगनीज, टिन कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि अधिक महत्वपूर्ण है। इनके अतिरिक्त शक्ति के साधन के रूप में जल विद्युत का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
1. लौह अयस्क – ब्राजील विश्व में लौह अयस्क का द्वितीय वृहत्तम उत्पादक देश है। विश्व में उत्पादित कुल लौह अयस्क (खनिज लोहा) का लगभग 19 प्रतिशत ब्राजील से प्राप्त होता है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन अकेले ब्राजील में होता है। लौह अयस्क के संचित भण्डार की दृष्टि से विश्व के देशों में ब्राजील का स्थान भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के पश्चात् चौथा है। यहां लगभग 92 अरब लांग टन लौह अयस्क के संचित भण्डार होने का अनुमान है जिसमें लगभग 68 अरब लाख टन उच्च एवं मध्यम कोटि का तथा 24 अरब लांग टन निम्नकोटि का हैं।
ब्राजील चीन के पश्चमात् विश्व का द्वितीय सबसे बड़ा खनिज लौह उत्पादक देश है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन लगभग 35 करोड़ मीटरी टन हैं यहाँ निकाला जाने वाला अधिकांश लौह अयस्क संयुक्त राज्य, जापान तथा पश्चिमी यूरोपीय देशों को निर्यात कर दिया. जाता है। ब्राजील के वृहत् लौह भंडार मिलासजिरास राज्य में हैं। माउण्ट इताबिरा यहाँ का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है।
(ii) मैंगनीज- मैंगनीज का उपयोग मुख्यतः लौह पूरक धातु के रूप में होता है। पिंग आइरन (ढलवां लोहा) के निर्माण में इसका प्रयोग शोधक तत्व के रूप में किया जाता हैं इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के रासायनिक मिश्रण, कीटनाशक, दवाओं, रंग रोगन ( वार्निश-पेंट) आदि के निर्माण में भी इसका प्रयोग होता है।
(iii) टिन- टिन या वंग एक अलौह धातु है जिसका उपयोग तांबा आदि अलौह धातुओं के साथ मिश्रधातु (alloy) के रूप में तथा लोहा-इस्पात उद्योग में पूरक के रूप में किया जाता है। इसका सर्वाधिक उपयोग टिन प्लेट के निर्माण में किया जाता है। विश्व के लगभग 5.5 प्रतिशत और दक्षिणी अमेरिका के लगभग 22 प्रतिशत टिन का उत्पादन ब्राजील में होता है। इसका औसत वार्षिक उत्पादन 12 से 13 हजार मीटरी टन हैं 1995 से पहले ब्राजील विश्व का द्वितीय वृहत्तम टिन उत्पादक देश था और लगभग 18 प्रतिशत टिन का उत्पादन करता था ब्राजील में साओजोआओं टिन की प्रमुख खदान है।
(iv) अन्य खनिज- उपर्युक्त खनिज पदार्थों (लौह अयस्क, मैंगनीज, बाकसाइट और टिन) के अतिरिक्त ब्राजील के पठारी भाग में सोना, जस्ता, क्रोमियम निकिल, पोटाश कोयला आदि भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हपाये जाते है।
विनिर्माण उद्योग
ब्राजील एक विकासशील तथा कृषि प्रधान देश है जहाँ औद्योगिक विकास कम हुआ है। फिर भी दक्षिणी अमेरिका के देशों में सर्वाधिक औद्योगिकरण ब्राजील में ही पाया जाताह ब्राजील के उद्योग स्थानीय रूप से प्राप्त कच्चे माल पर आधारित है। ब्राजील के उद्योगों में लोहा-इस्पात उद्योग सूती वस्त्र उद्योग चीनी उद्योग, जलयान निर्माण उद्योग तथा रासायनिक उद्योग उल्लेखनीय है।
(i) लोहा एवं इस्पात उद्योग- ब्राजील दक्षिणी अमेरिका का सबसे बड़ा इस्पात – उत्पादक देश है। विश्व के लगभग 4 से 5 प्रतिशत पिग आयरन एवं इस्पात का उत्पादन ब्राजील में होता है। लोहा-इस्पात के कारखाने रियोडिजनेरो के समीप वोल्टारेडोण्डा क्षेत्र में संकेन्द्रित है। इन कारखानों को बाहिरा तथा मिनास जिरास राज्यों के लौह अयस्क अत्पादक क्षेत्रों से लोहा तथा साओपालो तथा मिनासजिरास के विद्युत केन्द्रों से बिजली प्राप्त होती है।
(iii) सूती वस्त्र उद्योग- यह ब्राजील का दूसरे प्रमुख उद्योग है। विश्व में सूती वस्त्र के कारखाने साओपालो, मिलासजिराम सल्वाडोर, रियोडिजनेरो आदि केन्द्रों पर अवस्थित है। इन कारखानों में मुख्यतः ब्राजील में उत्पादित कपास का उपयोग किया जाता है।
(ii) चीनी उद्योग- चीनी उद्योग ब्राजील का प्रमुख उद्योग है विश्व में गन्ना का वृहत्तम उत्पादक होने के कारण यहाँ चीनी उद्योग का विकास स्वाभाविक है। गन्ना भारी होने के साथ ही खेत में काटने के पश्चमात् इसकी शीघ्र पेराई भी आवश्यक होती है क्योंकि इसका रस सूखने लगता है। यही कारण है कि चीनी उद्योग के कारखाने मुख्यतः गन्ना उत्पादक क्षेत्र में ही लगाये जाते हैं। चीनी के उत्पादन में ब्राजील का स्थान भारत के पश्चात् दूसरा है। इसका चीनी उत्पादन का लगभग 15 प्रतिशत प्राप्त होता है ब्राजील में चीनी के कारखाने प्रमुख गनना उत्पादक क्षेत्र अर्थात् पूर्वी ब्राजील में केन्द्रित हैं पारहिया, परनाम्बुको, बाहिया, एस्पर्टो मिनास जिरास, रियोडिजनेरो आदि ब्राजील के प्रमुख चीनी उत्पादक केन्द्र है
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