अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का अर्थ बताइए एवं शिक्षा के द्वारा इसका विकास कैसे किया जा सकता है?
अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का अर्थ- अन्तर्राष्ट्रीयता से तात्पर्य एक ऐसी भावना से है जिससे प्रेरित होकर एक राष्ट्र अन्य राष्ट्रों के साथ आदान-प्रदान सहयोग, सद्भावना, मैत्री, भाई-चारा आदि रखता है। एक राष्ट्र विशेष के नागरिक अपने राष्ट्र की सीमाओं में बंधे न रहकर समस्त विश्व को अपना निवास स्थल एवं कार्य-स्थल समझने लगते हैं। उसका लक्ष्य मानव मात्र का कल्याण करना एवं सभी प्राणियों पर समान दृष्टि रखना है। इस प्रकार यह भावना विश्व बन्धुत्व की भावना पर आधारित है ‘आलिवर गोल्डस्मिथ’ के कथनानुसार- “अन्तर्राष्ट्रीयता एक भावना है जो व्यक्ति को यह बतलाती है। कि वह अपने राष्ट्र का ही नागरिक नहीं वरन् विश्व का भी नागरिक है “
दूसरे शब्दों में- “अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना एक ऐसी योग्यता है जो आलोचनात्मक रूप से सभी लोगों के आचार विचार का निरीक्षण करें तथा उनकी अच्छाइयों की एक दूसरे से प्रशंसा करे जिसमें इनकी राष्ट्रीयता एवं संस्कृति का ध्यान न रखा जावे। यदि कोई व्यक्ति अच्छा है तो हम उसके गुणों को लें, उसकी जाति, उसका वर्ण, उसकी राष्ट्रीयता न देखें। “
अन्तर्राष्ट्रीयता की भावना विकसित करने के उपाय
अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना विकसित करने के लिए निम्नवत् साधनों का प्रयोग अत्यन्त जरूरी है-
(1) अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ- अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के विकास में अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। इन संस्थाओं के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का विकास का कार्य आसानी से किया जा सकता है। इन संस्थाओं में यूनेस्को डब्लू.एच.ओ., ओ.ए.एफ., रोटरी इन्टरनेशनल आदि प्रमुख हैं।
(2) शिक्षण संस्थाएँ- शिक्षण संस्थाएँ जैसे, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय आदि में स्वच्छ वातावरण दिया जाना चाहिए जिससे ये संस्थाएँ विश्व प्रेम एवं विश्व बंधुत्व का संदेश फैला सकें।
(3) खेलकूद आदि का प्रसार- खेलकूद एवं अभिरुचि, इंटरनेशनल पैन फ्रेएण्ड्स आदि कुछ ऐसे साधन हैं जो विद्यालयों तथा समाज के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर सकते हैं। यह बात अवश्य है कि इन्हें छोटी-छोटी इकाइयों के माध्यम से भी सम्पन्न कर सकते हैं। ओलंम्पिक स्पोर्ट्स एवं इंटरनेशनल हॉबी कम्पटीशन से भी ऐसी भावना का विकास अच्छी तरह होता है।
(4) संवेगात्मकत एवं स्थायी भावात्मक साधन- संवेगात्मक एवं स्थायी भावात्मक अनुभवों के विकास से भी यह कार्य सम्पादित हो सकता है। इस प्रकार के अनुभव कई ढंग से प्राप्त किए जा सकते हैं, उदाहरणार्थ-
- सम्पूर्ण मानवता की परम्परा के उत्तराधिकारी की भावना
- सम्पूर्ण मानवता की सेवा की भावना
- सहिष्णुता, दान, त्याग, सहयोग, भ्रातृत्व की सद्भावनाएँ।
- झूठे प्रचार को दूर करना, सत्यता का प्रचार करने से अन्तर्राष्ट्रीय भावना उत्पन्न हो सकती हैं।
(5) अध्यापक के माध्यम से विचारों का आदान-प्रदान – अध्यापक एवं विद्यार्थियों के सद्भाव एवं उन्नत विचार एवं इनका पारस्परिक आदान-प्रदान हो। आधुनिक समय में विश्व के सभी राष्ट्रों के अध्यापक एक दूसरे देश में जाकर अध्यापन एवं स्वयं अध्ययन करते हैं। ऐसी व्यवस्था छात्रों के लिए भी है। इससे पारस्परिक सम्बन्ध में समीपता स्थापित होती है। इसके अलावा समाज के नेताओं का व्यापक एवं उदार दृष्टिकोण भी समाज के लोगों में यह भावना जागृत करता है।
Important Links
- मानवीय मूल्यों को विकसित करने में शिक्षा की भूमिका
- मूल्यों के विकास के स्त्रोत अथवा साधन क्या हैं? What are the source or means of Development of values?
- मानव मूल्य का अर्थ एंव परिभाषा तथा इसकी प्रकृति | Meaning and Definition of human value and its nature
- व्यावहारिक जीवन में मूल्य की अवधारणा | Concept of value in Practical life
- सभ्यता एवं संस्कृति का मूल्य पद्धति के विकास में योगदान
- संस्कृति एवं शैक्षिक मूल्य का अर्थ, प्रकार एंव इसके कार्य
- संस्कृति का मूल्य शिक्षा पर प्रभाव | Impact of culture on value Education in Hindi
- संस्कृति का अर्थ, परिभाषा तथा मूल्य एवं संस्कृति के संबंध
- मूल्य शिक्षा की विधियाँ और मूल्यांकन | Methods and Evaluation of value Education
- मूल्य शिक्षा की परिभाषा एवं इसके महत्त्व | Definition and Importance of value Education
- मूल्य का अर्थ, आवश्यकता, एंव इसका महत्त्व | Meaning, Needs and Importance of Values
- विद्यालय मध्याह्न भोजन से आप क्या समझते है ?
- विद्यालयी शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य
- स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एंव इसके लक्ष्य और उद्देश्य | Meaning and Objectives of Health Education
- स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्य | Objectives of health education in schools
- स्वास्थ्य का अर्थ एंव इसके महत्व | Meaning and Importance of Health in Hindi
- स्वास्थ्य का अर्थ एंव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक
- स्वास्थ्य विज्ञान का अर्थ एंव इसके सामान्य नियम | Meaning and Health Science and its general rules in Hindi
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य का अर्थ एंव नियम | Meaning and Rules of Personal health in Hindi
- शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक | Factors Affecting Physical Health in Hindi
- एक उत्तम स्वास्थ्य का अर्थ एंव परिभाषा और इसके लक्षण
- बजट का अर्थ एंव इसकी प्रक्रिया | Meaning of Budget and its Process in Hindi
- शैक्षिक व्यय का अर्थ प्रशासनिक दृष्टि से विद्यालय व्यवस्था में होने वाले व्यय के प्रकार
- शैक्षिक आय का अर्थ और सार्वजनिक एवं निजी आय के स्त्रोत
- शैक्षिक वित्त का अर्थ एंव इसका महत्त्व | Meaning and Importance of Educational finance
- भारत में शैक्षिक प्रशासन की समस्याएं और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु सुझाव
- प्राथमिक शिक्षा के प्रशासन | Administration of Primary Education in Hindi
Disclaimer