लोक जुम्बिश परियोजना Lok Jumbish Yojana in Hindi
लोक जुम्बिश परियोजना – भारतीय संविधान की यह प्रतिबद्धता थी कि 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य व गुणात्मक शिक्षा प्रदान की जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1992 में भी इस प्रतिबद्धता को दोहराया गया था, क्योंकि आँकड़े बताते थे कि अभी भी अधिकतर बच्च प्राथमिक शिक्षा के चक्र से बाहर थे। राजस्थान देश के पिछड़े राज्यों में से एक था जो प्राथमिक शिक्षा में बच्चों की भागीदारी सुधारने में संघर्षरत था। हालांकि इस सन्दर्भ में राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की थीं। राज्य में वर्ष 1951 में 4336 प्राथमिक विद्यालय थे जो बढ़कर वर्ष 1991 में 30005 हो गए नामांकन आँकड़ों में भी वृद्धि हुई और 1951 में 3,69000 से बढ़कर 1991 में 4,652,000 हो गए। इसके बावजूद भी शिक्षा की दृष्टि में राजस्थान देश के 10 पिछड़े राज्यों में से एक है। राज्य की साक्षरता दर देश की साक्षरता दर 52,21% की तुलना में 38.51 % है। महिला साक्षरता दर बहुत ही कम 20. 44% है। केवल 30% बच्चे ही 14 वर्ष की आयु तक प्राथमिक शिक्षा पूर्ण कर पाते हैं। 55% बच्चे विद्यालय से बाहर हैं तथा 55% बच्चे कक्षा 1 5 तक पहुँचते-पहुँचते विद्यालय से बाहर हो जाते हैं। इस संदर्भ में राज्य में लोक जुम्बिश परियोजना का शुभारम्भ किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य प्रारंभिक शिक्षा सार्वजनीकरण था। राज्य में लोक जुम्बिश यानी जन आंदोलन 1989 में प्रारम्भ किया गया। इस आंदोलन की मुख्य विशेषता यह थी कि इसमें गाँव स्तर पर समुदाय की भागीदारी तथा समर्थन सुनिश्चित किया गया। वास्तव में यह कोई अलग से नई परियोजना नहीं थी, अपितु प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए वर्तमान में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों को अधिक अनुक्रियाशील बनाने का साधन मात्र था।
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