सक्षम निःशक्तजनों का राष्ट्रीय संगठन पर प्रकाश डालिए।
सक्षम निःशक्तजनों का राष्ट्रीय संगठन- सक्षम विकलांगों के सर्वांगीण विकास हेतु समर्पित एक राष्ट्रीय संगठन है जिसका प्रधान कार्यालय 16, देवदत्त नगर, राणा प्रताप नगर चौक, नागपुर (महाराष्ट्र) में है । इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मिलिन्द माधव कसबेकर, पुणे जो स्वयं दृष्टि बाधित हैं तथा राष्ट्रीय संगठन मन्त्री डॉ. कमलेश कुमार हैं और क्षेत्र प्रचार प्रमुख (उ. प्र.) का दायित्व श्री ओम प्रकाश पाराशर को, श्री रामकुमार मिश्रा क्षेत्रीय मन्त्री सक्षम द्वारा सौंपा गया है। देश के सभी राज्यों में इसके शाखा कार्यालय निःशक्तजनों के कल्याणार्थ स्थापित किए गए हैं।
सक्षम की गतिविधियाँ
सक्षम की गतिविधियों में निःशक्तजनों की सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिए निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं-
(i) शिक्षा- नि:शक्तजनों की आवश्यकता के अनुरूप विद्यालय, छात्रावास, आदि का संचालन किया जाता है। उपयोगी भाषा सिखाने का कार्य करते हैं, दृष्टि बाधितों के लिए ब्रेल लिपि एवं मूक-बधिरों के लिए संकेत भाषा आदि सिखायी जाती है। इन्हें टाइप, शॉर्टहैण्ड, कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाता है। ब्रेल में पुस्तक ऑडियो बुक लाइब्रेरी का संचालन, दृष्टि बाधितों के लिए लेखक एवं पाठक उपलब्ध कराने का कार्य जाता है।
(ii) स्वास्थ्य- नि:शक्तजनों की शारीरिक न्यूनता के निवारण के लिए विभिन्न प्रकार के चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है। नेत्र जाँच शिविर, अस्थि रोग शिविर, श्रवण जाँच शिविर, आदि। उनकी आवश्यकता के अनुरूप चिकित्सा एवं उचित मार्गदर्शन दिया जाता है। मोतियाबिन्द का ऑपरेशन, नेत्रदान के प्रति व्याप्त भ्रान्तियों के निवारण हेतु जन जागरण, नेत्र बैंक का संचालन, आदि किया जाता है।
(iii) स्वावलम्बन- नि:शक्तजनों को स्वावलम्बी बनाने हेतु लघु उद्योगों का प्रशिक्षण दिया जाता है। अगरबत्ती, मोमबत्ती, चॉक, फाईल, ब्रश, मंजन, फिनाईल, रक्षा-सूत्र, कढ़ाई – बुनाई – सिलाई तथा जड़ी-बूटियों से औषधि तैयार करवायी जाती है।
(iv) सामाजिक विकास- निःशक्तजनों के अधिकार, सम्मान, प्रतिष्ठा एवं उनकी क्षमता विकास का कार्य किया जाता है । इनमें अन्तर्निहित प्रतिभा के प्रकटीकरण के लिए अवसर प्रदान करने का कार्य किया जाता है। यदि किसी की रुचि संगीत, कथा, प्रवचन, आदि में है तो उसके लिए मंच उपलब्ध करवाया जाता है। संगीत एवं भजन मण्डलियों का संचालन होता है। विकलांगों के प्रतिभा सम्मान का कार्य भी किया जाता है।
सक्षम द्वारा चलाए जाने वाले प्रमुख प्रकल्प निम्नलिखित हैं-माधव नेत्र बैंक, माधव ऑडियो बुक लाइब्रेरी, माधव बेलग्रंथ निर्मित केन्द्र, सक्षम अल्प दृष्टि सुधार केन्द्र, ऑडियो बुक रीडर एवं रिकॉर्डर, सक्षम ज्योति अगरबत्ती निर्माण केन्द्र, आयुर्वेद औषधि निर्माण केन्द्र, दृष्टिबाधितों की संगीत मण्डली, कम्प्यूटर केन्द्र, कानूनी सलाह केन्द्र, मनोरंजन केन्द्र, विवाह सम्मेलन आदि ।
सक्षम द्वारा मनाए जाने वाले मुख्य उत्सव
सक्षम द्वारा मनाए जाने वाले मुख्य उत्सव इस प्रकार हैं-
(i) सूरदास जयन्ती – वैशाख शुक्ल पंचमी को मनायी जाती है।
(ii) रक्षाबन्धन उत्सव- श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता हैं।
(iii) नेत्र पखवाड़ा- 25 अगस्त से 8 सितम्बर के मध्य नेत्र की सुरक्षा, चिकित्सा एवं नेत्रदान देते जन जागरण के कार्यक्रम होते हैं।
(iv) विश्व विकलांग दिवस- 3 दिसम्बर को विश्व विकलांग दिवस घोषित है। उक्त तिथि को जन-जागरण हेतु कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
(v) लुई ब्रेल जयन्ती- 4 जनवरी को ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल की जयन्ती मनायी जाती है।
(vi) विश्व पर्यावरण दिवस– 5 जून को मनाते हैं।
(vii) स्थापना दिवस- 20 जून को सक्षम का स्थापना दिवस मनाया जाता है।
(viii) हेलेन एडेम्स लेकर जयन्ती- 27 जून को मनाते हैं।
निःशक्तजन निम्नलिखित कार्यों को कर सकते हैं-
नेत्रहीन- सब्जी बेचना, बेल्ट स्टॉल, फल विक्रेता, फ्रूट जूस स्टाल, पापड़, राईस, कोचियों और चाकूओं को धार लगाना, पूजा के सामान का विक्रय, वस्तु विक्रेता (डॉमेस्टीक आईटम), गन्ने एवं फलों का जूस, चाय-नाश्ते की दुकान, हेल्थ क्लब, कारपेंटर, ब्लैकस्मिथ, साइकिल रिपेयरिंग शॉप, बिजली के उपकरण, क्लिनिंग टू व्हील रिपेयरिंग एवं अन्य रिपेयरिंग, एस. टी. डी. फैक्स सुविधा, साईबरथैरेपी सेण्टर, भिन्न-भिन्न सामान बनाना, जैसे फ्लॉवर पॉट, खेल का सामान, चॉक, मोमबत्ती, अगरबत्ती, जूट का सामान, चमड़े का सामान, रस्सी, सॉस, पापड़, अचार, बड़ी ब्रिक्स, कप-प्लेट, बैंबू आइटम, फर्नीचर, नोटबुक, फाइल, हैण्डलूम प्रोडक्ट, पेपर बैग, लेडी आईटम, आदि, बुक एवं स्टेशनरी शॉप, वीडियो सी. डी. कैसेट शॉप एवं अन्य वैरायटी स्टोर।
श्रवण बाधिंता से ग्रसित- जो कार्य नेत्रहीन से सम्पादित किए जाते हैं ये सभी श्रवण बांधिता से ग्रसित व्यक्ति कर सकता है। सुने जाने के कार्य सम्पादित नहीं किए जाएँगे। अस्थि विकलांगता से ग्रसित-बैठकर किए जाने वाले सभी कार्य जैसे मोची, नाई, प्रेस करना, कुर्सी केनिंग, फोटो फ्रेमिंग, सिलाई, सब्जी बेचना, फल विक्रेता, चाय-नाश्ते का स्टॉल, आटा चक्की, अन्य आवश्यकता के सामान बेचना, इत्यादि।
मानसिक रूप से विमन्दित- जो कार्य उपर्युक्त निःशक्तजनों से सम्पादित किए जाते हैं लगभग सभी कार्य मानसिक रूप से विमन्दित व्यक्ति कर सकता है।
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