शिक्षक की प्रतिबद्धता के क्षेत्र
शिक्षक की प्रतिबद्धता के क्षेत्रों में से मुख्य मुख्य प्रतिबद्धताओं का विवरण निम्नानुसार है-
(1) शिक्षक की छात्र के प्रति प्रतिबद्धता
(i) छात्र की उन्नति एंव चारित्रिक विकास, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक व भावात्मक विकास हेतु उचित वातावरण तैयार करना ।
(ii) छात्रों की व्यक्तिगत विभिन्नताओं का ध्यान रखना।
(iii) छात्रों के व्याख्यान के अतिरिक्त अन्य रूचिकर विधियाँ से पढ़ाना चाहिये।
(iv) छात्रों की इच्छाओं तथा आवश्यकताओं को समझना।
(v) छात्रों में तार्किक चिन्तन का विकास करना चाहिए।
(vi) शिक्षक को छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर रहना चाहिए।
2) शिक्षक की समाज के प्रति प्रतिबद्धता
(i) विद्यालय व समुदाय के सम्बन्धों को मजबूती प्रदान करना।
(ii) समाज को उन्नत किस्म के भावी नागरिक प्रदान करना ।
(iii) समाज में बन्धुत्व, सौहार्द, सद्भावना व मानव प्रेम जैसे गुणो का फैलाना।
(iv) समाज में आने वाली जड़ता व आडम्बरो अंधविश्वासों का खण्डन कर सही मार्ग प्रदान करना ।
(v) सरकार द्वारा चलाये गये सामाजिक कार्यक्रम, प्रौढ़ शिक्षा, पोलियो अभियान आदि में बड़-चढ़ कर हिस्सा लेना व समाज को इनके प्रति जागरूक करना ।
(vi) समाज में शिक्षक की जो गरिमा है वह बनाये रखना व समय आने पर अपनी राय एंव मदद देना।
( 3 ) शिक्षक की अपने व्यवसाय के प्रति प्रतिबद्धता
(i) छात्रों को पढ़ाना अर्थात् शिक्षक व्यवसाय एक सम्मानीय व्यवसाय है। इस पर हर शिक्षक को गर्व होना चाहिए।
(ii) शिक्षक को शिक्षण कार्य को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि उसके एक गलत कथन से 40-50 छात्रों को हानि हो सकती है। जो अतं में राष्ट्र हानि सिद्ध हो सकती है।
(iii) शिक्षक को अपने शिक्षण में पारदर्शिता रखनी चाहिए।
(iv) शिक्षक को शिक्षण में अपने लाभ से अधिक छात्र (अधिगमकर्त्ता) के लाभ के बारे में सोचना चाहिए।
(v) शिक्षक को अपने निजी एंव अन्य समस्याओं से शिक्षण को बचाये रखना अर्थात् उनसे शिक्षण प्रभावित नही होना चाहिए।
(4) शिक्षक की लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता
(i) शिक्षक के छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर रहना चाहिए।
(ii) शिक्षक के लिये कोई भी छात्र चाहे (विद्यालय के बाहर का ही ले) अशिक्षित नही रहना चाहिए।
(iii) राष्ट्र के विकास के लिए गुणवान व विलक्षण, भावी नागरिको का निर्माण करना ।
(iv) शिक्षक से सम्बन्धित सभी लोग उससे सतुंष्ट हो ।
(v) छात्रों में निरन्तर विकास होता रहे।
(vi) अभिभावक अध्यापन परिषद् (P.T.M.) में अभिभावको से मांगा गया अपेक्षित सहयोग-
(a) उनकी स्कूल डायरी रोज चैक करे।
(b) उनके गृहकार्य को करने के प्रति सचेत रहे ।
(c) उनके स्कूल बैग की देख-रेख करते रहे।
(d) छात्रो को ठीक समय पर स्कूल भेजे, देरी से या पहले से स्कूल न भेजे।
(e) छात्रों को विद्यालय गणवेश में स्कूल भेजे।
इन प्रतिबद्धताओं के अतिरिक्त अध्यापक को व्यावसायिक मापदण्डों को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में दक्षताएँ भी अर्जित होनी चाहिए।
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