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व्यक्तिगत तालिका सेवा, प्रकार, और महत्त्व Individual Inventory Services in Hindi

व्यक्तिगत तालिका सेवा
व्यक्तिगत तालिका सेवा

विद्यालय निर्देशन सेवा के लिए व्यक्तिगत तालिका सेवा की विवेचना कीजिए।

व्यक्तिगत तालिका सेवा | Individual Inventory Services in Hindi

व्यक्तिगत तालिका सेवा (Individual Inventory Services)-विद्यालय में निर्देशन सेवा के मुख्यतः पाँच प्रकार हैं-

(1) व्यक्तिगत तालिका सेवा,
(2) सूचना सेवा,
(3) परामर्श सेवा,
(4) स्थानापन्न सेवा तथा
(5) अनुवर्ती सेवा।

इसमें व्यक्तिगत तालिका सेवा का विशेष स्थान है।

व्यक्तिगत तालिका सेवा व्यक्ति के बारे में वह सामग्री है जो उसे अन्य व्यक्तियों से अलग रखने में सहायता करती है। वह तालिका जन्म से जमा होती रहती है और संख्या बढ़ने में साथ अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है। इसका सम्बन्ध सामग्री को इकट्ठा करना, फाइल (file) करना और उसके उपयोग करने, उसे व्यक्ति के बारे में संरचना इकट्ठी करने की सूचनाएँ शामिल हों।

व्यक्तिगत तालिका सम्बन्धी संरचना के प्रकार (Kinds of Information for individual Inventory)

सामग्री की पहचान- ऐसी संरचना जो व्यक्ति की पहचान कराती है, जैसे नाम, जन्म-स्थान पता आदि। सूचना।

स्वास्थ्य व शारीरिक विकास

इसमें बच्चों का क्रय, भार, बचपन की बीमारियाँ, शारीरिक अक्षमता आदि शामिल है।

(1) सामाजिक वर्णन- परिवार, पड़ोस, समुदाय से सम्बन्धित विशेषताओं की

(2) उपलब्धियाँ- छात्रवृत्ति कक्षा तथा स्कूल के बाहर की उपलब्धियाँ।

(3) रुचियाँ- सामान्य की जाने वाली और नापसन्द की जाने वाली गतिविधियाँ की सूचना।

व्यक्तिगत और सामाजिक समायोजन

इसमें व्यक्ति के विकास से सम्बन्धित सूचना।

शैक्षिक और व्यावसायिक-

शैक्षिक और व्यावसायिक तथा अन्य प्रकार की अभिलाषाएँ- छात्र व्यक्तिगत-विश्लेषण विद्यालय में उपलब्ध निर्देशन-कार्यक्रमों के माध्यम से कर सकता है। कभी-कभी व्यक्तिगत-विश्लेषण के अवसर बाह्य जगत् से प्राप्त अनुभव भी प्रदान कर देते हैं। कुछ विद्यालय औपचारिक रूप से छात्रों को ऐसे अवससर प्रदान करते हैं जिनके द्वारा वह इस प्रकार के अनुभव प्राप्त करता है जिनसे वह अपना आत्म-विश्लेषण कर सकता है। मायर्स इस प्रकार के अनुभवों को परख-अनुभव (Tryout experience) का नाम देते हैं। निर्देशन में ऐसे परख अनुभवों को अधिक महत्त्व देना चाहिये जिनका शैक्षिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से अधिक महत्त्व हो। इस कार्य के लिये छात्रों को विभिन्न व्यवसाय तथा उद्योग केन्द्रों का प्रत्यक्षीकरण कराना आवश्यक है जिससे वे वहाँ जाकर प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सके और अनुमान लगा सकें कि कोई विशेष व्यवसाय या उद्योग उनके रुचि, क्षमता तथा योग्यता के अनुसार है अथवा नहीं। कभी-कभी यह कार्य छात्र द्वारा अध्ययन किये जा रहे विभिन्न विषयों के माध्यम से भी किया जा सकता है।

व्यक्तिगत-विश्लेषण सेवा का महत्त्व (Importance of Individual-Inventory Service)-

निर्देशन की परिभाषा में यह स्पष्ट रूप से अभिव्यक्ति किया गया है कि व्यक्ति की इस प्रकार सहायता करना कि वह व्यक्तिगत रूप को पहचान सके। इसी तथ्य को स्पष्ट करते हुये शर्ले हेमरिन ने लिखा है कि “जॉन को उसकी शक्तियों का ज्ञान इस प्रकार करा दो कि वह अपनी शक्तियों को पहचान सके।

यदि व्यक्ति अपनी योग्यताओं, क्षमताओं तथा योग्यताओं को समझ सकने में सक्षम हो जाता है तो अपनी समस्याओं को स्वयं ही बिना किसी के सहयोग के हल करने लगेगा। स्वयं को समझने में व्यक्ति की सहायता करने में आत्म-विश्लेषण सेवा की अहम् भूमिका होती है। यदि व्यक्ति स्वयं की क्षमताओं से परिचित नहीं होता है तो प्रारम्भ से ही उसको किसी निर्णय तक पहुँचने में दूसरों पर निर्भर रहना पड़ेगा। हो सकता है कि दूसरों द्वारा थो गये निर्णय भावी जीवन में उसके लिये गलत सिद्ध हों।

निर्देशन कार्यक्रम किसी प्रकार का हो, व्यक्तिगत-विश्लेषण सेवा उसका अभिन्न अंग होती है। इस सेवा द्वारा छात्र अपनी मानसिक-शारीरिक क्षमताओं, योग्यताओं और व्यक्ति सम्बन्धी गुणों से परिचित होता है। इसके साथ ही उसको अपनी दुर्बलताओं, कमियों तथा अविकसित गुणों का ज्ञान इस सेवा के माध्यम से ही होता है। यह सेवा उसको जन्मजात गुणों के साथ-साथ उसके द्वारा अर्जित गुणों का ज्ञान भी कराती है। छात्र को इस सेवा द्वारा अपनी बौद्धिक योग्यता, रुचि, अभिरुचि, अभियोग्यता आदि का ज्ञान होता है जो उसकी भावी योजनाओं के निर्माण में उसकी सहायता करता है।

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