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भाषा और वाणी में अन्तर | Difference Between Language and Speech in Hindi

भाषा और वाणी में अन्तर
भाषा और वाणी में अन्तर

अनुक्रम (Contents)

भाषा और वाणी में अन्तर

सामान्य बोलचाल की भाषा में वाक्य शक्ति (वाणी) और भाषा शब्दों का प्रयोग एक-दूसरे के स्थान पर किया जाता है, परन्तु इन दोनों में अन्तर निम्न प्रकार है –

भाषा

वाणी

हरलॉक के अनुसार, “भाषा में सम्प्रेषण के वे सभी साधन आते है, जिसमें विचारों और भावों को प्रतीकात्मक बना दिया जाता है जिससे कि अपने विचारों और भावों को दूसरों से अर्थपूर्ण ढंग से कहा जा सके। लिखना, पढ़ना, बोलना, सुखात्मक अभिव्यक्ति हाव-भाव, संकेतों का का प्रयोग तथा कलात्मक अभिव्यक्तियाँ आदि भाषा में ही सम्मिलित है।” हरलॉक के अनुसार, “वाणी भाषा का एक स्वरूप है जिसमें अर्थ को दूसरों को व्यक्त करने के लिए कुछ ध्वनियाँ या शब्द उच्चारित किए जाते. है। लेकिन बालक द्वारा उत्पन्न प्रत्येक ध्वनि वाणी नहीं है केवल उस ध्वनि या शब्द को वाणी कह सकते है जो बालक द्वारा बोली गयी है और जिसका अर्थ बालक जानता है।

अतः कहा जा सकता है कि वाणी भाषा का एक विशिष्ट रूप है। वाणी प्रत्यय की अपेक्षा भाषा प्रत्यय अधिक व्यापक है। वाणी के विकास को यदि बालकों में देखा जाय तो वाणी प्रारम्भ में अस्पष्ट और . अनियन्त्रित होती है, परन्तु विकास के साथ वह स्पष्ट हो जाती है।

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