B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

समावेशी शिक्षा का अर्थ (Meaning of Inclusive Education in Hindi)

समावेशी शिक्षा से आप क्या समझते हैं?

अथवा

समावेशी शिक्षा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

समावेशी शिक्षा का अर्थ

समावेशी शिक्षा का अर्थ

परिचय- समावेशी शिक्षा शारीरिक, मानसिक तथा विशिष्ट गुणों से युक्त विभिन्न बालकों पर अपनायी जाती है। लेकिन यह शिक्षा सामान्य बालकों को शिक्षण नहीं देती। विशिष्ट शिक्षा का इतिहास, अत्यन्त विशाल है। भारत के प्राचीन काल के इतिहास में ब्राह्मण तथा क्षत्रिय शिक्षा के क्षेत्र में निपुण होते थे तथा वैश्यों व शूद्रों को भी शिक्षा उनके अनुरूप अलग-अलग प्रदान की जाती थी। उस समय कार्यों का वर्गीकरण विभिन्न प्रतिभाओं के अनुरूप किया जाता था अर्थात् विभिन्न प्रतिभाओं से सम्पन्न छात्रों को अलग-अलग श्रेणी में रखकर शिक्षण प्रदान किया जाता था।

विशिष्ट बालकों की शिक्षा के क्षेत्र में आज आधुनिक शिक्षण विधियाँ उनकी विभिन्न प्रतिभाओं का अनुसरण करा रही हैं। आधुनिक शिक्षाशास्त्री सामान्य और शारीरिक रूप से विकृत बालकों पर विशेष ध्यान दिये जाने के कारण विशिष्ट बालकों की आवश्यकताओं पर कम ध्यान दे पाते हैं। समेकित शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न तथ्य विवादास्पद पूर्ण हैं। ये तथ्य बालकों को शिक्षा की मुख्य धारा से नहीं जोड़ते हैं। जिसके कारण विशिष्ट बालकों को विशेष अवसर प्रदान कराने के पक्ष में हैं।

वस्तुतः समावेशी शिक्षा सम्पूर्ण कार्यक्रम नहीं है। यह सामान्य बालकों की शिक्षा से सर्वथा भिन्न है। इस शिक्षा में ऐसे घटकों को सम्मिलित किया जाता है, जो सामान्य बालकों के कार्यक्रमों के साथ-साथ विशिष्ट भी होते हैं। आज ब्रिटेन तथा अमेरिका जैसे कुछ विकसित देशों में इस प्रकार की शिक्षण संस्थाएँ आवासीय विद्यालयों के रूप में कार्यरत हैं लेकिन हमारे देश भारत विकासशील होते हुए भी इस प्रकार की संस्थाओं का अभाव है। अतः समावेशी बालकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आज भारत के महानगरों में ऐसी संस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

समावेशी शिक्षा का अर्थ (Meaning of Inclusive Education)

समावेशी शिक्षा से आशय है कि छात्रों को सार्थक शिक्षा अनुकूलतम पर्यावरण में उपलब्ध करायी जाये जिससे वे अपने जीवन को सफल बना सकें। यह एक ऐसी शिक्षा पद्धति है जो यह तय करती है कि प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और इसमें योग्यता, शारीरिक अक्षमता, भाषा, संस्कृति, पारिवारिक पृष्ठभूमि तथा उम्र किसी प्रकार का अवरोध पैदा न कर सके।

समावेशी शिक्षा के विकास हेतु निम्नलिखित कदम उठाये जा सकते हैं-

(1) निम्न वर्ग के बच्चों को शिक्षा की हद में लेना होगा।
(2) कार्यशील बच्चे।
(3) सड़कों पर पाये जाने वाले बच्चे।
(4) प्रवासी श्रमिकों के बच्चे।
(5) एच.आई.वी. संक्रमित तथा ऐसे ही सभी प्रकार के शारीरिक या मानसिक रूप से असक्षम बच्चे।

विद्यालयी शिक्षा में समावेशी शिक्षा का अत्यधिक विकास करने के लिए विद्यालय में सुरक्षा, आवास, शौचालय तथा पीने के पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिये और साथ-ही-साथ बच्चों की व्यक्तिगत विशेषताओं को ध्यान में रखते हुये उनकी रचनात्मक क्षमताओं का विकास करना चाहिये। शिक्षकों को छात्रों के माता-पिता से निरन्तर सम्पर्क बनाये रखना चाहिए ताकि वे उनको बच्चों की उन्नति एवं अवनति के बारे में उन्हें बता सकें। जहाँ तक सम्भव हो प्राथमिक शिक्षा सर्वत्र सुलभ कराना होगा। जल्दी-से-जल्दी इस समस्या का समाधान करना होगा। भाषागत् समस्याओं को ध्यान में रखकर तद्जनित समस्याओं को त्वरित रूप से दूर करने का प्रयास करना होगा। अतः हमें एक ऐसी शिक्षा प्रणाली की तरफ अग्रसर होना होगा, जो प्रत्येक व्यक्ति को आसानी से उपलब्ध हो सके।

समावेशी शिक्षा तथा सामान्य शिक्षा के उद्देश्य लगभग समान होते हैं। जैसे देश का विकास, बालकों को उपयुक्त शिक्षा के द्वारा मानवीय संस्थाओं का विकास, नागरिक विकास समाज का पुनर्गठन तथा व्यावसायिक कार्यकुशलता आदि प्रदान किया जाना। इन ध्येयों के अतिरिक्त समावेशी शिक्षा के अन्य ध्येयों का वर्णन निम्नलिखित है-

1. शारीरिक अक्षमता वाले बालकों के माता-पिता का निपुणता तथा कार्यकुशलताओं के बारे में समझना तथा बालकों के समक्ष आने वाल समस्याओं एवं कमियों का समाधान करना।

2. शारीरिक विकृत बालकों की विशेष आवश्यकताओं की सर्वप्रथम पहचान करना तथा उनका निर्धारण करना।

Important Links

Percy Bysshe Shelley Biography

William Wordsworth as a Romantic Poet

William Wordsworth as a poet of Nature

William Wordsworth Biography

William Collins Biography

John Dryden Biography

Alexander Pope Biography

Metaphysical Poetry: Definition, Characteristics and John Donne as a Metaphysical Poet

John Donne as a Metaphysical Poet

Shakespeare’s Sonnet 116: (explained in hindi)

What is poetry? What are its main characteristics?

Debate- Meaning, Advantage & Limitations of Debate

Sarojini Naidu (1879-1949) Biography, Quotes, & Poem Indian Weavers

Charles Mackay: Poems Sympathy, summary & Quotes – Biography

William Shakespeare – Quotes, Plays & Wife – Biography

Ralph Waldo Emerson – Poems, Quotes & Books- Biography

What is a lyric and what are its main forms?

Disclaimer

Disclaimer:Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment