अर्थव्यवस्था में वित्तीय प्रणाली का महत्व बताइये।
अर्थव्यस्था में वित्तीय प्रणाली का महत्व निम्न लिखित हैं:
1. वित्तीय प्रणाली बचत, विनियोग व पूँजी निर्माण (Financial System Saving Investment and Capital Formation)- आर्थिक विकास के लिए पूँजी निर्माण की ऊँची दर जरूरी है। पूँजी निर्माण की क्रिया निम्नलिखित अवस्थाओं पर निर्भर करती है।
(क) बचत में वृद्धि – जिसका अभिप्राय संसाधनों के उपयोग को उपभोक्ता उद्देश्यों से हटाकर अन्य उद्देश्यों के लिए मुक्त करना है।
(ख) बचत को गतिमान करना- देशीय बचत बैंक एवं वित्तीय संस्थाओं द्वारा एकत्र की जाती हैं और वास्तविक विनियोक्ताओं को उपलब्ध करायी जाती हैं।
(ग) विनियोग विशेष (Investment-Proper) का अर्थ पूँजी वस्तुओं का उत्पादन है।
2. वित्तीय प्रणाली व मौद्रिक नियन्त्रण (Financial System and Monetary Control)- वित्तीय प्रणाली केन्द्रीय बैंक की साख एवं मौद्रिक नीतियों के कार्यान्वयन में सहायता करती हैं और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाती हैं। केन्द्रीय बैंक वित्तीय प्रणाली के विभिन्न संघटकों की सहायता से स्थिरता के साथ विकास (Growth with Stability) के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो जाता है।
3. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के सहायता स्त्रोत (A Source of Help to Different Sectors of the Economy) वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के सहायता स्रोत हैं। यह घरेलू क्षेत्र (Household Sector) को अपने अतिरेक कोषों को लाभदायक उपयोगों में लाने की योग्यता प्रदान करता है। समाज के सदस्यों में यह बचत तथा विनियोग करने की आदत का संचार करता है। वित्तीय प्रणाली की संस्थाएँ ऋण-पत्र, बंधकों व शेयर आदि के जरिए वित्त सहायता प्रदान करके व्यवसाय क्षेत्र (Business Sector) की भी सहायता करती है। राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार, स्थानीय सरकार आदि की भी वित्तीय प्रणाली उनकी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करके सहायता करती है।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास में वित्तीय प्रणाली की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
इसे भी पढ़े…
- वित्तीय प्रणाली की अवधारणा | वित्तीय प्रणाली के प्रमुख अंग अथवा संघटक
- भारतीय मुद्रा बाजार या वित्तीय बाजार की विशेषताएँ बताइए।
- मुद्रा का अर्थ एवं परिभाषा | Meaning and Definitions of money in Hindi
- मानी गयी आयें कौन सी हैं? | DEEMED INCOMES IN HINDI
- मुद्रा के प्रमुख कार्य क्या-क्या हैं ?| Functions of Money in Hindi
- कर नियोजन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, आवश्यक तत्त्व या विशेषताएँ, उद्देश्य, आवश्यकता एवं महत्व
- कर अपवंचन का अर्थ, विशेषताएँ, परिणाम तथा रोकने के सुझाव
- कर मुक्त आय क्या हैं? | कर मुक्त आय का वर्गीकरण | Exempted incomes in Hindi
- राष्ट्रीय आय की परिभाषा | राष्ट्रीय आय के मापन या गणना की विधियां
- कर नियोजन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, आवश्यक तत्त्व या विशेषताएँ, उद्देश्य, आवश्यकता एवं महत्व
- कर अपवंचन का अर्थ, विशेषताएँ, परिणाम तथा रोकने के सुझाव
- कर बचाव एवं कर अपवंचन में अन्तर | Deference between Tax avoidance and Tax Evasion in Hindi
- कर मुक्त आय क्या हैं? | कर मुक्त आय का वर्गीकरण | Exempted incomes in Hindi
- राष्ट्रीय आय की परिभाषा | राष्ट्रीय आय के मापन या गणना की विधियां
- शैक्षिक आय का अर्थ और सार्वजनिक एवं निजी आय के स्त्रोत
- गैट का अर्थ | गैट के उद्देश्य | गैट के प्रावधान | GATT Full Form in Hindi
- आय का अर्थ | आय की विशेषताएँ | Meaning and Features of of Income in Hindi
- कृषि आय क्या है?, विशेषताएँ तथा प्रकार | अंशतः कृषि आय | गैर कृषि आय
- आयकर कौन चुकाता है? | आयकर की प्रमुख विशेषताएँ
- मौद्रिक नीति का अर्थ, परिभाषाएं, उद्देश्य, असफलतायें, मौद्रिक नीति एवं आर्थिक विकास
- भारत में काले धन या काले धन की समस्या का अर्थ, कारण, प्रभाव या दोष
- निजीकरण या निजी क्षेत्र का अर्थ, विशेषताएँ, उद्देश्य, महत्त्व, संरचना, दोष तथा समस्याएं
- औद्योगिक रुग्णता का अर्थ, लक्षण, दुष्परिणाम, कारण, तथा सुधार के उपाय
- राजकोषीय नीति का अर्थ, परिभाषाएं, उद्देश्य, उपकरण तथा विशेषताएँ
- भारत की 1991 की औद्योगिक नीति- मुख्य तत्व, समीक्षा तथा महत्त्व
- मुद्रास्फीति या मुद्रा प्रसार की परिभाषा, कारण, परिणाम या प्रभाव
- मुद्रा स्फीति के विभिन्न रूप | Various Types of Inflation in Hindi
- गरीबी का अर्थ एवं परिभाषाएँ | भारत में गरीबी या निर्धनता के कारण अथवा समस्या | गरीबी की समस्या को दूर करने के उपाय
- बेरोजगारी का अर्थ | बेरोजगारी की प्रकृति | बेरोजगारी के प्रकार एवं विस्तार