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भारतीय संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा तथा इसके वर्गीकरण | Meaning & Definition of Indian Culture and its Classification

भारतीय संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा तथा इसके वर्गीकरण
भारतीय संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा तथा इसके वर्गीकरण

भारतीय संस्कृति को परिभाषित कीजिए एवं इसके वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।

भारतीय संस्कृति का अर्थ एवं परिभाषा – ‘संस्कृति’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- सम एवं कृति जिसका अर्थ है अच्छी प्रकार करना।

अर्थात् अच्छी प्रकार से किए गए कार्य को संस्कृति कहते हैं। विभिन्न विद्वानों ने संस्कृति के अर्थ में सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।

के.एम. मुंशी के अनुसार- “संस्कृति जीवन की विशेषता है जो समाज में रहने वाले व्यक्तियों के आधारभूत मूल्यों से प्रभावित होती है। यह कला, धर्म, साहित्य संस्थाओं एवं व्यवहार द्वारा ‘अभिव्यक्त किये गये मूल्यों का कुल योग है जिसमें व्यक्ति के बाह्य कार्यों एवं सामूहिक आवश्यकताओं द्वारा प्रेरित सामूहिक कार्यों को भी सम्मिलित किया जाता है।”

ब्लूमेनथल के शब्दों में- “संस्कृति मानव द्वारा समायोजन के लिए सीखे गए प्रयासों का परिणाम है।” “Culture consists of all results (products) of human learned efforts at adjustment.”

डॉसन के शब्दों में- “संस्कृति जीवन का एक सामान्य तरीका है, जिसमें मानव अपने प्राकृतिक वातावरण एवं आर्थिक आवश्यकताओं के साथ समायोजन करता है।” “A culture is a common way of life, particular adjustment of man to his natural Surroundary and his economic needs.”

ओटावे के अनुसार- “किसी समाज की संस्कृति से तात्पर्य है उस समाज की सम्पूर्ण जीवन पद्धति ।” “The Culture of society means the total way of life of a society.”

सदरलैण्ड एण्ड वुडवर्थ के अनुसार- “संस्कृति में प्रत्येक वस्तु सम्मिलित होती हैं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तान्तरित की जा सकती है। किसी जन समुदाय की संस्कृति उसकी सामाजिक विरासत होती है। ” “Culture includes anything that can be communicated from one generation to another, the culture of people is their social heritage.”

श्री अरविन्द के अनुसार- “संस्कृति मानव की जीवन के प्रति चेतना की अभिव्यक्ति है।” “Culture of the people may be described as the expression of a consciousness of life.”

भारतीय संस्कृति का वर्गीकरण- शिक्षशास्त्रियों ने संस्कृति को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जन्मजात संस्कृति एवं अर्जित संस्कृति जन्मजात संस्कृति वह है, जो मानव की आधारभूत इच्छाओं पर आधारित होती है, जैसे- भोजन, सुरक्षा, किन्तु अर्जित संस्कृति में खेल, जाति, प्रजाति, समुदाय, परिवार एवं धर्म से प्राप्त चीजें निहित हुआ करती हैं।

भौतिक एवं अभौतिक संस्कृति- भौतिक संस्कृति में मूर्त वस्तुएँ सम्मिलित की जाती हैं। जैसे भवन, आवागमन साधन, यंत्र, वेशभूषा आदि अबकि अभौतिक संस्कृति अमूर्त होती है। इसमें आस्था मूल्य, विश्वास पूर्वाग्रह परम्पराएँ आदि को सम्मिलित किया जाता है।

सार्वभौमिक एवं विशिष्ट संस्कृति- मेलिनास्की एवं लिटन वर्गीकरण के विषय में एकमत हैं। इनके मतानुसार सार्वभौमिक संस्कृति में समाज की वह बातें सम्मिलित होती हैं जिन्हें सभी स्वीकार करते हैं, इसके अतिरिक्त विशिष्ट संस्कृति वह है जो विभिन्त्रीकरण की प्रक्रिया पर आधारित है।

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