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रेडियो शिक्षा की सीमाएँ तथा रेडियो द्वारा शिक्षण के लाभ

रेडियो शिक्षा की सीमाएँ तथा रेडियो द्वारा शिक्षण के लाभ
रेडियो शिक्षा की सीमाएँ तथा रेडियो द्वारा शिक्षण के लाभ

रेडियो शिक्षा की सीमाएँ

रेडियो द्वारा शिक्षा तथा पाठों में अनेक गुण तथा लाभ होते हुए भी इनकी अपनी कुछ सीमाएँ तथा कमियाँ हैं। इनका अध्ययन हम निम्नलिखित रूप में कर सकते हैं-

(1) रेडियो की शिक्षा तथा पाठ विद्यार्थियों को निष्क्रिय बनाने में सहयोग देते हैं। कई बार तो विद्यार्थी अनुवर्ती कार्यक्रम में भाग लेने लगते हैं। कभी-कभी इसमें भाग लेने से ऊबते हैं।

(2) कभी-कभी विद्युत की कटौती या अन्य किसी कारण से रेडियो शिक्षा से सम्बन्धित प्रसारणों की पूर्व सूचना विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को नहीं मिल पाती है, जिस कारण विद्यार्थियों और शिक्षकों की तैयारी नहीं हो पाती है।

(3) कई बार रेडियो शिक्षा के समय छात्र असावधान रहते हैं या जानबूझकर लापरवाह हो जाते हैं। अतः वे रुचि तथा मनोयोग से कार्यक्रम नहीं सुनते और न ही अपनी कॉपियों में संकेत लिखते हैं।

(4) कई बार रेडियो शिक्षा तथा पाठ छात्रों और शिक्षकों दोनों की आवश्यकता के अनुसार नहीं होते हैं। अतः पाठों में दोनों की रुचि उत्पन्न नहीं हो पाती है।

(5) रेडियो शिक्षा एकांगी प्रक्रिया है, क्योंकि विद्यार्थी इच्छा रखते हुए भी प्रश्न नहीं पूछ सकता, परन्तु शिक्षक से शंका तथा समाधान किया जा सकता है।

रेडियो द्वारा शिक्षण के लाभ

रेडियो द्वारा शिक्षा देने से निम्नलिखित लाभ होते हैं

1. रेडियो समूह शिक्षा पद्धति के लिए उपयोगी उपकरण है। सभी छात्र निर्दिष्ट स्थान एवं समय पर विषयान्तर्गत कार्यक्रम को शान्तिपूर्वक सुन लेते हैं।

2. दूर स्थान के समाचार एवं घटनाएँ विश्व के किसी भी स्थान पर सुने जा सकते हैं। वे भाषण, काव्य, संगीत आदि जिन्हें प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त करना दुर्लभ है, रेडियो द्वारा सुने जा सकते हैं।

3. रेडियो श्रोताओं में संवेग उत्पन्न करने का अच्छा साधन है। यदि आकाशवाणी का उपयोग शैक्षिक दृष्टिकोण से किया जाय छात्रों को निःसंदेह मनोवांछित भाव उत्पन्न किये जा सकते हैं और उनके व्यवहारों को सुधारा जा सकता है।

4. एक कक्षा में आकाशवाणी के माध्यम से किसी शिक्षाशास्त्री, विद्वान, विज्ञानवेत्ता और नेता के विचार लाये जा सकते हैं और ज्ञानवर्धन में योग दिया जा सकता है।

5. रेडियो सम्पूर्ण विश्व के लोगों में विचार-विनिमय करने का सर्वोत्तम साधन है। किसी विश्वव्यापी अथवा राष्ट्रव्यापी समस्या पर रेडियो के माध्यम द्वारा विचार जाने जा सकते हैं तथा अपना मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।

6. रेडियो द्वारा किसी भी समाचार को शीघ्रातिशीघ्र सुना जा सकता है और उस समाचार के  अनुकूल अपने को ढाला जा सकता है।

7. श्रोता रेडियो के माध्यम से सुनी घटना को अपने जीवन से सम्बन्धित करने में सफल होता है।

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