नदी घाटी की सभ्यताएँ इतिहास का लेसन प्लान River Valley Civilization History lesson plan for B.Ed.
नदी घाटी की सभ्यताएँ इतिहास का लेसन प्लान River Valley Civilization History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत नदी घाटी सभ्यताएँ इतिहास का लेसन प्लान River Valley Civilization History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.
विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें
दिनांक- |
विषय- इतिहास |
चक्र- 8 |
कक्षा –6th |
प्रकरण- “नदी घाटी की सभ्यताएँ“ |
अवधि- 30 मिनट |
➤सामान्य उद्देश्य :-
- छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि जागृत करना |
- छात्राओं में देश भक्ति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना |
- छात्राओं में आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना |
- छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकास करना |
- छात्राओं में बौधिक एवं तार्किक चिन्तन का विकास करना |
- छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास करना |
- छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करना |
- छात्राओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करना |
➤विशिष्ट उद्देश्य :-
- छात्राएँ ‘सिन्धु घाटी सभ्यता’ का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
- छात्राएँ ‘सिन्धु घाटी सभ्यता’ की विशेषताओ का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
- छात्राएँ ‘सिन्धु घाटी सभ्यता’ की उपलब्धियों का वर्णन कर सकेंगी |
- छात्राएँ ‘सिन्धु घाटी सभ्यता’ के अवशेषों की पहचान कर सकेंगी |
- छात्राएँ ‘सिन्धु घाटी की सभ्यता’ की संस्कृति का विवरण दे सकेंगी |
➤सहायक सामग्री- चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|
➤पूर्वज्ञान- छात्राएँ प्राचीन काल एवं सभ्यताओं के बारे में सामान्य जानकारी रखती होगी |
क्र. स. |
छात्र अध्यापक क्रियाएं |
छात्र क्रियाए |
1. |
जब हमें प्यास लगती है तब हम क्या करते है ? |
पानी पीते है | |
2. |
पानी हमें कहाँ-कहाँ प्राप्त होता है ? |
नदी, कुआँ, तालाब |
3. |
प्राचीन काल में नदियों के किनारे किसका विकास हुआ ? |
सभ्यताओं का |
➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग ‘सिन्धु घाटी की सभ्यता’ के विषय में अध्ययन करेंगे।
➤प्रस्तुतीकरण :-
शिक्षण बिन्दु |
छात्र अध्यापक क्रियाएं |
छात्र क्रियाए |
1. सिन्धु घाटी सभ्यता की पहचान |
शिक्षिका कथन- विश्व की प्राचीन नगर सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे पर हुआ | नदी के किनारे होने के कारण खेती के लिए पानी की उपलब्धता ने अधिक अन्न उत्पादन में मदद की | जिससे नगरों का विकास संभव हो सका | व्यापार के लिए जल मार्ग सुलभ था | नदी मार्ग से व्यापार सस्ता आसान तथा सुरक्षित था | नगरीय जीवन में कृषि की अपेक्षा काम धन्धो को अधिक महत्व मिला | |
छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी | |
2. हड़प्पा सभ्यता पुराने शहर की खोज
|
सन 1921 की बात है जब अंग्रेजों का राज्य था | इसी वर्ष पुरातत्व विदों ने पंजाब प्रांत में हड़प्पा नामक स्थल से एक खण्डहर के अवशेषों के अध्ययन से पुरातत्व विदों को ज्ञात हुआ कि यह एक नगरीय सभ्यता के अवशेष है | इसी प्रकार सिंध प्रांत में एक और गाँव मिला जिसको लोग मोहनजोदड़ो कहते थे | मोहनजोदड़ो का मतलब है- मृतकों का टीला | पुरातत्व विदों ने इन स्थलों की विस्तृत खुदाई की तो नीचे दबा हुआ पूरा शहर निकला आया | लोग नीचे उतर कर उसकी गलियों में घुमने लगे | उन्होंने देखा घरों में उतरने के लिए सीढ़ियाँ बनी है | शहरों में चौड़ी-चौड़ी सड़के, सड़कों के किनारे ढकी हुई नालियों की व्यवस्था थी | अवशेषों से यह पता चला कि यह शहर चार-पाँच हजार साल पुराना है | |
छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी | |
3. शहर ही शहर |
धीरे-धीरे आगे और खोज हुई तो यह पता चला कि उस समय एक, दो नहीं अपितु कई शहर थे | वे ख़ास कर एक बड़ी नदी और उसमे मिलने वाली दूसरी छोटी नदियों की घाटी में बसे हुए थे | इस सभ्यता के कुछ क्षेत्र आज पाकिस्तान में आते है किन्तु रोपड़ नाम की जगह भारत के पंजाब राज्य में है | काली बंगा भारत के राजस्थान राज्य में तथा लोथल भारत के गुजरात राज्य में है | |
➤ श्यामपट्ट सारांश :-
1. विश्व की प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ |
2. पुरातत्व विदों ने पंजाब प्रांत में हड़प्पा नामक स्थल से एक खण्डहर की खोज की |
3. मोहनजोदड़ो का अभिप्राय है- मृतकों का टीला |
4. सिन्धु घाटी की सभ्यता सिन्धु नदी के किनारे बसा था | इसीलिए इसे सिन्धु घाटी की सभ्यता कहा गया |
5. कई जगहो पर खुदाई की गई तो पता चला कि उस समय एक नही दो नही कई शहर थे |
6. सभी शहर नदियों के किनारे ही बसा था |
➤ निरीक्षण कार्य :-
छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश को कॉपी में लिखने को कहेंगी तथा कक्षा में घूम-घूम कर निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं को दूर करेंगी |
➤ मूल्यांकन प्रश्न :-
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