पाठ योजना / Lesson Plan

नव पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान New Stone Age History lesson plan for B.Ed.

नव पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान New Stone Age History lesson plan for B.Ed.
नव पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान New Stone Age History lesson plan for B.Ed.

नव पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान New Stone Age History lesson plan for B.Ed.

नव पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान New Stone Age History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत नव पाषाण काल इतिहास का लेसन प्लान New Stone Age History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें

दिनांक-

विषय-  इतिहास

चक्र- 8

कक्षा –6th

प्रकरण- नव पाषाण काल

अवधि- 30 मिनट

सामान्य उद्देश्य :- 

  1. छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि जागृत करना |
  2. छात्राओं में देश भक्ति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना |
  3. छात्राओं में आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना |
  4. छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकास करना |
  5. छात्राओं में बौधिक एवं तार्किक चिन्तन का विकास करना |
  6. छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास करना |
  7. छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करना |
  8. छात्राओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करना |

➤विशिष्ट उद्देश्य :- 

  1. छात्राएँ ‘नव पाषाण काल’ में हुए बदलाव का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
  2. छात्राएँ ‘नव पाषाण काल’ के औजारों की पहचान कर सकेंगी |
  3. छात्राएँ ‘नव पाषाण काल’ के विशेषताओं का वर्णन कर सकेंगी |
  4. छात्राएँ ‘नव पाषाण काल’ में प्रयोग की गई धातुओं का प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
  5. छात्राएँ ‘नव पाषाण काल’ के उपकरणो की व्याख्या कर सकेंगी |

➤सहायक सामग्री-  चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|

➤पूर्वज्ञान-  छात्राएँ ‘नव पाषाण काल’ के बारे में पहले से सामान्य जानकारी रखती होगी |

 ➤प्रस्तावना :-

क्र. स.

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1.

पाषाण को और क्या कहते है ?

पत्थर

2.

आदि मानव पाषाण से क्या बनाते थे ?

औजार

3.

औजारो का प्रयोग वे किस पर करते थे ?

जानवरों के शिकार के लिए

4.

जानवरों को पालना उन्होंने किस युग में किया ?

नव पाषाण काल में

➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग ‘नव पाषाण काल’ के विषय में अध्ययन करेंगे।

➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1. नव पाषाण काल का प्रारम्भ

पुरातत्व विदों का यह मानना था कि मानव ने जब से भलीभाँति खेती करना प्रारम्भ किया तभी से नव पाषाण काल का प्रारम्भ होता है | खेती के कारण मानव अब भोजन संग्राहक से भोजन उत्पादक बन गया | इस समय मानव के पत्थर अधिक उपयोगी तथा सुडौल थे | क्योंकि उन्हें अधिक कुशलता से बनाया गया था | यह उपकरण घिस कर चमकदार बनाये गए थे | हत्थेदार कुल्हाड़ी, हसियां इस समय के प्रमुख औजार थे | खेती के साथ पशुपालन भी प्रारम्भ हुआ | पशुओं का प्रयोग माँस व दूध प्राप्त करने में किया जाता था |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

2. घर का निर्माण

मानव ने अब खेतों के आस पास मिटटी एवं घास-फूस के छप्पर वाले घरों में रहने लगा | धीरे-धीरे ये बस्तियाँ गाँव बन गए | अब ये मिट्टी के बर्तन भी बनाना जान गए थे | पहिये का अविष्कार भी हुआ | इनका प्रयोग मिट्टी से बर्तन बनाने तथा सामान ढोने में होने लगा | नये-नये कौशलों का विकास हुआ जैसे गूँज की टोकरी व चटाईयाँ बनाना , कटाई करना, जानवरो के बाल से कपड़ा बनाना आदि शवो को दफ़नाने के ढंग से इनके धार्मिक विश्वास आदि की जानकारी मिलती है | शवों के साथ खाने-पीने की चीजे, बर्तन, हथियार आदि भी दफनाये जाने लगे थे | इनका विश्वास था कि मरने के बाद भी व्यक्ति इनका उपयोग करेगा |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

3. धातु काल

नव पाषाण काल का अंत छोटे-छोटे पत्थर के साथ-साथ धातुओं का इस्तेमाल शुरू हो गया | धातुओ में सबसे पहले ताँबे का प्रयोग हुआ जिसके कारण इस युग को ताम्र-पाषाण युग भी कहा गया है |

मानव ने ताँबे के खानों का पता लगाकर उससे ताँबा खोदकर निकालना शुरू किया | उच्च तापमान में ताँबा पिघलाना तथा साँचे की सहायता से धातु द्रव्य को विविध रूप देना सीख लिया |

धीरे-धीरे मानव ने ताँबे में जस्ते को मिलाकर मिश्रित धातु काँसा बनाना सीख गया |

यह है मानव की प्रगति तथा संघर्ष की कहानी कि किस प्रकार उसने समस्याओं से जूझते हुए अपने को जीवित रखा तथा उन्नत व सभ्य बनाया |

 


➤ श्यामपट्ट सारांश :-

1. खेती के कारण मानव अब भोजन संग्राहक से भोजन उत्पादक बन गया |

2. नव पाषाण काल के औजार अधिक उपयोगी तथा सुडौल थे |

3. खेती के साथ पशु पालन भी प्रारम्भ हुआ |

4. मानव खेतों के पास मिट्टी तथा घास फूस के छप्परों वाले घरो में रहने लगा |

5. नव पाषाण युग का मानव मिट्टी के बर्तन भी बनाने लगा |

6. पहिये का अविष्कार नव पाषाण युग में हुआ |

➤ निरीक्षण कार्य :-

छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश को कॉपी में लिखने को कहेंगी तथा कक्षा में घूम-घूम कर निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं को दूर करेंगी |

➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

एक शब्द में उत्तर दो |
1. किस काल में मानव भोजन का उत्पादक भी बन गया था ?
2. पहिये का अविष्कार कब हुआ ?
3. सबसे पहले किस धातु का प्रयोग हुआ ?
4. ताँबे तथा जस्ते को मिलाकर किस नयी धातु का निर्माण हुआ ?
 
➤ गृहकार्य :-
 
दस धातुओ के नामों की सूची बना कर लाइए |

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