विधि एवं प्रविधि में अन्तर (Difference between Method and Technique)
शिक्षा एक गतिशील तथा अनवरत प्रक्रिया है तथा शिक्षण एक गतिशील तथा सुनियोजित प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी अधिक-से-अधिक सीखने के अनुभव प्राप्त करें। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मनोवैज्ञानिक खोजों पर आधारित अनेक विधियों तथा प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है।
विधियों तथा प्रविधियों में पर्याप्त अन्तर पाया जाता है जो निम्नलिखित हैं-
(1) शिक्षण विधि का सम्बन्ध शिक्षण के उद्देश्य से होता है जबकि शिक्षण प्रविधि का सम्बन्ध शिक्षण के उद्देश्य से न होकर केवल शिक्षण विधि से होता है।
(2) शिक्षण विधि का शिक्षण के उद्देश्य से प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है जबकि शिक्षण प्रविधि का शिक्षण के उद्देश्य से अप्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है।
(3) शिक्षण विधि में कैसे की भावना अन्तनिर्हित होती है परन्तु शिक्षण प्रविधि में किसका’ भाव अन्तनिर्हित होता है।
(4) शिक्षण विधि पाठ्य-वस्तु की उचित एवं क्रमबद्ध व्यवस्था पर बल देती है जबकि शिक्षण प्रविधि मनोवैज्ञानिक तथा तार्किक पक्षों पर बल देते हुए उन तरीकों की ओर इशारा करती है जिनके द्वारा शिक्षण को प्रभावपूर्ण बनाया जा सकता है।
(5) शिक्षण विधि शिक्षा प्रदान करने की एक आधारभूत प्रक्रिया होती है जबकि शिक्षण प्रविधि शिक्षण विधि की सहायक प्रक्रिया होती है।
विधि के उदाहरण – इस विधि के प्रमुख उदाहरण हैं – व्याख्यान विधि, व्याख्यान एवं विवेचन विधि, प्रयोजन विधि, स्रोत विधि, समाजीकृत अभिव्यक्ति विधि, पर्यवेक्षित अध्ययन विधि।
प्रविधि के उदाहरण – प्रविधि के प्रमुख उदाहरण हैं – वाद-विवाद, समूह कार्य, संगोष्ठी, विचार गोष्ठी एवं कार्य गोष्ठी।
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