भगवान दत्तात्रेय का जीवन परिचय- इन्हें विष्णु के 24 अवतारों में से एक गिना जाता है। ये महर्षि अत्रि व अनसूया से उत्पन्न पुत्र थे, जो स्वयं भी महान ऋषि रूप में जाने जाते हैं। अनुसूया को देवताओं से वरदान प्राप्त था कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही उसके गर्भ द्वारा जन्म ग्रहण करेंगे। मार्कंडेय पुराण के अनुसार इस वरदान के परिणाम स्वरूप ब्रह्मा ने सोम, विष्णु ने दत्तात्रेय व महेश ने दुर्वासा के रूप में अनसूया के गर्भ से जन्म लिया था।
भागवत पुराण में भी दत्तात्रेय का विवरण है। उसके अनुसार ये सदैव योग- साधना में लीन रहते थे। इन्होंने पृथ्वी, समीर, समुद्र, सांप व तितली जैसे 24 पदार्थों को अपना गुरु माना व उनसे ज्ञान प्राप्त किया था।
Dattatreya Jayanti 2024:
Dattatreya Jayanti 2024: ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश श्री दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष पूर्णिमा को हुआ था,इसलिए इस पूर्णिमा का और भी महत्व बढ़ जाता है। इस बार यह 7 दिसंबर को है। पूर्णिमा तिथि के दिन पूर्ण चन्द्रमा के कारण सकारात्मकता होती है,इसलिए इस दिन पूजा-पाठ,व्रत-अनुष्ठान,दान एवं नदियों में स्न्नान का बहुत फल मिलता है।
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