भगवान परशुराम का जीवन परिचय (Biography of Parshuram Bhagwan in Hindi)- प्राचीन समय में परशुराम का विवरण अनेक प्रसंगों में हुआ है। परशुराम भार्गव वंशी महर्षि जमदग्नि के पांच पुत्रों में सबसे छोटे पुत्र थे। इनकी माता कामली रेणुका इक्ष्वाकु वंशी राजा की बेटी थी। इनका नाम ‘राम’ था। शिव से विख्यात परशु प्राप्त करने के पश्चात् ये परशुराम के नाम से विख्यात हुए। भार्गव वंश के लोग गुजरात में रहते थे और पश्चिम भारत में शासन करने वाले हैहयों के कुलगुरु थे। तदंतर भार्गवों और हैहयों में बैर हो गया। परशुराम के समय में यह बैर अपनी पराकाष्ठा पर था।
एक बार परशुराम तपस्या करने के लिए जाते समय अपनी कामधेनु पिता जमदग्नि के आश्रम में छोड़ गए थे। मौका पाकर हैहय राजा कीर्तवीर्य ऋषि को मारकर तथा आश्रम को जलाकर कामधेनु को ले भागा। परशुराम के लौटने पर माता रेणुका ने इक्कीस बार छाती पीटकर अपने दुःख को प्रस्तुत किया तो परशुराम ने क्षत्रियों का इक्कीस बार समूल नाश करने की प्रतिज्ञा कर डाली। परशुराम ने शस्त्र विद्या द्रोणाचार्य को दी।
इससे पूर्व एक बार अपनी पत्नी के हृदय की चंचलता से कुपित जमदग्नि ने जब पुत्र परशुराम को माता का सिर काटने का आदेश दिया, तब पितृभक्त परशुराम ने आदेश पूर्ण करने में न विलंब ही किया था और न ही संकोच । सीता स्वयंवर में भी लक्ष्मण के साथ इनकी क्रुद्ध वार्ता हुई थी। फिर भगवान राम ने इन्हें शांत किया था।
परशुराम के शिष्य कौन कौन थे? | Parshuram Bhagwan shishy ke kon kon the
परशुराम ने माता का सिर क्यों काटा? | Parshuram Bhagwan ne apne mata ka sar kyu kata
भगवान परशुराम कितने भाई थे? | Parshuram Bhagwan ke kitne bhai the
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