Biography

डॉक्टर जीवक का जीवन परिचय | Biography of Doctor Jeevak in Hindi

डॉक्टर जीवक का जीवन परिचय
डॉक्टर जीवक का जीवन परिचय

डॉक्टर जीवक का जीवन परिचय (Biography of Doctor Jeevak in Hindi)- ज्ञान-विज्ञान समयधूलि के आशीर्वाद के साथ संपन्न ही होता रहा है। तथापि भारतीय इतिहास साक्षी रहा है कि अतीत में यहां का चिकित्सा ज्ञान भी बेहद समृद्ध एवं गौरवपूर्ण रहा है। महात्मा बुद्ध के समय में भी भारतीय चिकित्सा कौशल शिखर पर रहा था। महात्मा बुद्ध के चिकित्सक का नाम जीवक था। ऐसी मान्यता है कि जीवक उस दौर का महान आयुर्वेदिक चिकित्सक रहा था। बौद्ध ग्रंथों में भी इस चिकित्सक के विषय में जानकारी दी गई है। इससे प्रमाणित होता है कि जीवक की ख्याति बतौर चिकित्सक अपार थी। गरीब-अमीर, राजा- महाराजा, स्थानीय तथा विदेशी सभी जीवक के चिकित्सा ज्ञान का लाभ उठाना चाहते थे।

जीवक के निजी जीवन के बारे में यह चौंकाने वाली जानकारी प्राप्त होती है कि जीवक राजगृह की एक गणिका से पैदा हुए थे, लेकिन ये गणिका के वैधानिक पुत्र नहीं थे। यही कारण था कि गणिका मां ने जन्म के पश्चात् अपने पुत्र को लोकलाज के भय से त्याग दिया था, लेकिन जीवक के भाग्य में जीवन भी लिखा था और यश भी। इस कारण राजकुमार अभय ने जीवक का पालन-पोषण महल में करवाया। जीवक ने बाल्यकाल से ही अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करनी आरंभ कर दी थी।

माना जाता है कि जीवक ने तक्षशिला में सात वर्ष तक आयुर्वेद का ज्ञान प्राप्त किया। गुरु इन पर प्रसन्न हुए और उन्होंने आशीर्वाद दिया कि तुम्हारी कीर्ति चहुं दिशा में फैले। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् जब ये तक्षशिला से चलकर अयोध्या के पास फैजाबाद नामक स्थान पर आए, तब तक उनका समस्त धन समाप्त हो गया था। तभी भाग्यवश इन्हें एक धनवान व्यापारी मिला, जिसकी पत्नी सात वर्ष से रुग्ण थी। जीवक ने मक्खन में कुछ औषधियां मिलाकर उस महिला की नाक में डालीं, जो उसके मुंह से निकलने लगी। इसके असर से वह बेहद अल्प समय में ही पूरी तरह निरोगी हो गई। व्यापारी ने खुश होकर इन्हें अतुलित दौलत, दास- दासियां और एक रथ प्रदान किया। जीवक राजकुमार अभय के पास आए। राजकुमार अभय के पिता राजा बिंबसार भगंदर रोग से ग्रस्त थे। जीवक ने एक ऐसा लेप बनाया, जिसके एक बार के प्रयोग से ही राजा को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ हो गया। राजा ने इन्हें अपना राजवैद्य और महात्मा बुद्ध का प्रधान चिकित्सक तैनात कर दिया। तदंतर जीवक उनके उत्तराधिकारी अजातशत्रु के राजवैद्य भी बने। जीवक के कारण ही अजातशत्रु ने भी बौद्धधर्म ग्रहण किया था। जीवक सभी प्रकार के रोगों की चिकित्सा करते थे।

दोस्तों मै आशा करता हूँ आपको ”डॉक्टर जीवक का जीवन परिचय (Biography of Doctor Jeevak in Hindi) वाला Blog पसंद आया होगा अगर आपको मेरा ये Blog पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करे लोगो को भी इसकी जानकारी दें।

अनुक्रम (Contents)

इसे भी पढ़ें…

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider.in does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment