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महाकवि कालिदास का जीवन परिचय | Kalidas Biography in Hindi

महाकवि कालिदास का जीवन परिचय
महाकवि कालिदास का जीवन परिचय

महाकवि कालिदास का जीवन परिचय (Kalidas Biography in Hindi)- तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो प्राचीन भारत की साहित्य परंपरा में मनोरंजन से ज्यादा नीति कथाओं व ज्ञान प्रदायगी को ज्यादा महत्व प्रदान किया जाता था। कालिदास की काव्य रचनाओं में कथ्य की मनोरंजकता अवश्य ही थी, लेकिन जीवन की सारगर्भिता भी उसमें दृष्टिगत होती थी। कालिदास ने अपने कृतित्व में सभी नवरसों का बखान किया है।

इसके उपरांत भी भारत के उस महान व्यक्ति और संस्कृत भाषा के अप्रतिम कवि व नाटककार रहे कालिदास की निजी जिंदगी के बारे में तयशुदा जानकारी प्राप्त नहीं है। इन्हें लोग उड़ीसा, बंगाल, मध्य प्रदेश या कश्मीर का रहवासी प्रदर्शित करते हैं। इनकी रचनाओं को आधार माना जाए तो ये मध्य प्रदेश अथवा उज्जैन के निवासी ही प्रतीत होते हैं। ‘कुमारसंभव’ शीर्षक का इनका काव्य ग्रंथ का संपूर्ण विवरण हिमालय का है। दूसरी कृतियों में भी कई स्थानों पर हिमालय का सटीक ब्यौरा प्राप्त होता है। इस कारण कुछ इतिहासकारों का मानना है कि शायद कालिदास का जन्म हिमाचल प्रदेश में हुआ, लेकिन काव्य रचना इनके द्वारा उज्जैन या उज्जैयनी नगरी में रहकर ही पूर्ण की गई थी। इस पर विद्वजन सहमत हैं, लेकिन कालिदास किस कालखंड के थे ? इस पर भी बड़ा सवालिया चिह्न है।

इनके जन्म समय के बारे में भी खासा विवाद है। अलग-अलग इतिहासकार इनके जीवनकाल का समय ईसा पूर्व दूसरी सदी से सातवीं सदी तक का बताते हैं, किंतु ज्यादातर विद्वान इन्हें गुप्तवंश के शासनकाल का बताते हैं। जनश्रुति कालिदास को 56 ई. पू. के किसी विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक कहती है, लेकिन इसका प्रमाणित आधार नहीं है। आम तौर पर इनकी जन्मतिथि 365 ई. के इर्द-गिर्द मानी जाती है।

कालिदास की सात कृतियां प्रसिद्ध रही हैं- ‘अभिज्ञान शाकुंतल’, ‘विक्रमोर्वशी’ और ‘मालविकाग्निमित्र’ नाटक थे। ‘रघुवंश’, ‘कुमारसंभव’, ‘मेघदूत’ और ‘ऋतुसंहार’ काव्य रचनाएं रही हैं। ‘अभिज्ञान शाकुंतल’ की गिनती विश्व साहित्य की सर्वोत्कृष्ट कृतियों में होती है। इसमें कालिदास ने महाभारत की कथा को अपनी प्रतिभा के द्वारा नए रूप में प्रस्तुत किया। ‘विक्रमोर्वशी’ की कथावस्तु पुरुरवा और उर्वशी से आशयित है और यह ऋग्वेद पर अवलंबित है। ‘मालविकाग्निमित्र’ की कथा शुंग वंश के राजा अग्निमित्र व उसकी प्रियतमा मालविका के प्रेम पर आधारित है।

महाकाव्य ‘रघुवंश’ में सूर्यवंशी राजपुरुषों की विरुदावली के दिग्दर्शन किए जा सकते हैं। ‘कुमारसंभव’ महाकाव्य में उमा व शिव के पाणिग्रहण, कुमार कार्तिकेय के जन्म व तारकासुर के वध की कथा अंतर्निहित रही है। मेघदूत में विरहाकुल यक्ष मेघों के द्वारा अपनी प्रेमिका को संदेश प्रेषित करता है। ‘ऋतुसंहार’ जिसे कवि की प्रथम रचना भी कहा जाता है, में कालिदास ने पृथक ऋतुओं में प्रेमी-प्रेमिकाओं के स्नेह मेल का बखान किया है।

कालिदास के साहित्य में कई विशिष्टताए हैं। इन्होंने तत्कालीन समय की सभी ज्ञात शैलियों में साहित्य रचा। इनकी भाषा सहज, सुंदर व सरल है। अपनी कृतियों में इन्होंने ज्यादातर सभी रसों का बखान किया है। उपमा विषयक संस्कृत साहित्य में ये अद्वितीय प्रतिभाशाली माने जाते हैं। ‘उपमा कालिदासस्य’ पद का प्रयोग इसी कारण मुहावरे की तरह होता है। इनके ग्रंथों में कुछ समय के भारत की सामाजिक, प्रशासनिक व्यवस्था, भूगोल, पशु-पक्षी और वनस्पति इत्यादि का बखान बेहद दक्षता के साथ किया गया मिलता है। कालिदास की कृतियों के बारे में कई अविश्वसनीय दंतकथाएं कही जाती हैं। एक दंतकथा के अनुसार, शुरू में वे निरे मूर्ख थे व जंगल के वृक्ष की उसी शाखा को काट रहे थे, जिस पर बैठे थे। इन्हें पंडितों के एक समूह ने देखा। ये पंडित विद्योत्तमा नाम की विदुषी राजकुमारी से शास्त्रार्थ में पराजित होकर आए थे। इन्होंने धोखे से कालिदास की शादी विद्योत्तमा से करवा दी थी। जब विद्योत्तमा को इनके मूर्ख होने का भाव हुआ तो उसने यह कहकर कालिदास को अपने जीवन से दूर कर दिया कि वे उससे अधिक विद्वान बनकर ही उसके जीवन में लौट सकते हैं। अपमानित कालिदास ने काली के मंदिर में कठिन तपस्या की और दैवीय वरदान से ये जल्दी ही परम विद्वान बन गए। यह भी मान्यता है कि काली की इस कृपा के पश्चात् ही इन्होंने अपना नाम कालिदास रखा था।

महाकाव्य (महाकाव्य कविताएँ)

महाकाव्य
रघुवंश
कुमारसंभव

खण्डकाव्य (लघु कविताएँ)

खंडकाव्य
मेघदूत
ऋतुसंहार

नाटक (नाटक)

नाटक
अभिज्ञान शाकुंतलम्
मालविकाग्निमित्र
विक्रमोर्वशीय

अन्य काम

अन्य रचनाएँ
श्यामा दंडकम्
ज्योतिर्विद्याभरणम्
श्रृंगार रसाशतम्
सेतुकाव्यम्
श्रुतबोधम्
श्रृंगार तिलकम्
कर्पूरमंजरी
पुष्पबाण विलासम्
अभ्रिज्ञान शकुंन्त्लम्
विक्रमौर्वशीय
मालविकाग्निमित्रम्

महाकवि कालिदास (FAQ)

प्रश्न 01 – महाकवि कालिदास पर बनी हिंदी फिल्म का क्या नाम हैं?

Mahakavi Kalidas Ka Jivan Parichay पर बनी फिल्म का नाम “महाकवि कालिदासु” हैं. यह फिल्म 1960 में बनी थी. इस फिल्म में कालिदास के जीवन के सभी पहलुओं को दर्शाया गया हैं.

प्रश्न 02 – महाकवि कालिदास की पत्नी का क्या नाम हैं?

कालिदास की पत्नी का नाम विद्योत्तमा था।

प्रश्न 03 – किस राज्य के महाकवि कालिदास दरबारी थे?

राजा विक्रमाद्वितीय के कालिदास दरबारी थे.

प्रश्न 04 – कालिदास का जन्म कब हुआ था?

पहली से तीसरी शताब्दी ईo पूर्व के बीच कालिदास का जन्म माना जाता हैं.

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