शैक्षिक उपलब्धि के मापन से आप क्या समझते हैं? (What do you understand by measurement of academic achievement?
शैक्षिक उपलब्धि के मापन या परीक्षण का अर्थ यह निर्धारित करना है कि किसी विशेष पाठ या विषय में छात्र ने किस मात्रा में कौशल या प्रवीणता अर्जित कर पाया है। जैसे- 100 छात्रों को एक साल तक स्कूल में गणित की शिक्षा दी गयी। अब इस बात को निर्धारित करना आवश्यक है कि इन छात्रों ने इस अवधि में दिये गये निर्देश के परिणामस्वरूप गणित में कितना ज्ञान हासिल किया। अतः जिस प्रक्रिया द्वारा गणित में इन छात्रों के ज्ञान अर्जन की जाँच की जाती है, उसे ही शैक्षिक उपलब्धि परीक्षण कहते हैं।
ओर्मरोड के अनुसार, “शैक्षिक उपलब्धि परीक्षण का अर्थ यह निर्धारित करना है कि छात्रों ने विशिष्ट रूप से पढ़ाये गये विषयों में कितना सीखा है।”
शैक्षिक उपलब्धि के मापन के उद्देश्य एवं उपयोगिता
शैक्षिक उपलब्धि अथवा स्कूल उपलब्धि के परीक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
(1) शैक्षिक उपलब्धि के मापने का एक मुख्य उद्देश्य यह है कि इससे यह पता चल जाता है कि जिस विषय की शिक्षा छात्रों को एक खास अवधि में दी गयी इससे वे कहाँ तक लाभांवित हो सके। इस जानकारी से छात्रों के अगले चरण के संबंध में निर्णय लेने में मदद मिलती है।
(2) शैक्षिक उपलब्धि के मापन का एक यह भी उद्देश्य है कि बालकों को अनुकूल शैक्षिक निर्देशन दिया जा सके। यदि किसी बालक की उपलब्धि गणित में अच्छी होती है तो उसे गणित में अपनी पढ़ाई को जारी रखने का निर्देशन दिया जाता है । यदि उसकी उपलब्धि संतोषजनक नहीं होती है तो उसे गणित विषय को छोड़कर अन्य विषय में शिक्षा लेने की सलाह दी जाती है।
(3) उपलब्धि परीक्षण का एक उद्देश्य निर्देशन प्रविधि की प्रभावशीलता की जाँच करना है। विशेष निर्देश प्रविधि से शिक्षा देने पर बालकों में उपलब्धि अच्छी होती है तो उसे उपयोग में रखा जाता है और यदि बालकों की उपलब्धि असंतोषजनक होती है तो उसे विस्थापित कर दिया जाता है।
(4) शैक्षिक उपलब्धि परीक्षण का एक लक्ष्य अध्यापक प्रभावशीलता को निर्धारित करना है। गणित का कोई शिक्षक साल भर छात्रों को गणित की शिक्षा देता है। यदि छात्रों की उपलब्धि गणित में असंतोषजनक पायी जाती है तो समझा जाता है कि वह शिक्षक योग्य नहीं है और उसे विस्थापित करना आवश्यक बन जाता है।
(5) शैक्षिक उपलब्धि का एक लक्ष्य वर्ग प्रोन्नति है। परीक्षण से यदि किसी छात्र की उपलब्धि वर्ग के अन्य छात्रों से असाधारण पायी जाती है तो उसे उच्चतर वर्ग में प्रोन्नति कर दी जाती है।
(6) व्यावसायिक निर्देशन भी शैक्षिक उपलब्धि परीक्षण का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है है किसी विषय में छात्रों की उपलब्धि के अनुकूल ही व्यावसायिक निर्देशन दिया जाता है। जैसे, यदि किसी छात्र की उपलब्धि गणित विषय में अत्यधिक होती है तो उसे इसी से संबद्ध व्यवसाय को अपनाने की सलाह दी जाती है।
इस प्रकार स्पष्ट हो जाता है कि शैक्षिक उपलब्धि के मापन या परीक्षण के उपर्युक्त कई उद्देश्य हैं।
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