विशिष्ट शिक्षा, समेकित शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में संबंध (Relation between Special Education, Integrated Education and Inclusive Education)
विशिष्ट शिक्षा के अंतर्गत विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को विशिष्ट स्कूलों में, विशिष्ट शिक्षकों के माध्यम में विशिष्ट पाठ्यचर्या के अनुरूप शिक्षा दी जाती है। जबकि एकीकृत शिक्षा में उन्हें विशिष्ट विद्यालयों के बजाय मुख्यधारा के विद्यालयों में लाया जाता है। वहीं समावेशी शिक्षा का अर्थ विकलांग बच्चों को शिक्षा के दायरे में लाने या जो पहले से ही शिक्षा पा रहे हैं उनके साथ असमान व्यवहार कम करने के प्रयास करने से बहुत आगे की कोई चीज है।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को मुख्यधारा के विद्यालयों, उनके गैर-विकलांग साथियों की संगति में दी जाने वाली शिक्षा को आमतौर पर एकीकृत शिक्षा कहा जाता है आक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक ‘इंटिग्रेटेड’ का मतलब है ‘ (अंशों को) एक समग्र में जोड़ना, अंशों को जोड़कर पूरा करना, समाज, किसी विद्यालय आदि की बराबरी की सदस्यता देना या पाना, (किसी विद्यालय आदि) का अलगाव समाप्त करना, विशेषकर नस्ली दृष्टि में ‘इनक्लूड’ का अर्थ है ‘किसी समग्र का अंग होना या समझना।
एकीकरण का अर्थ है- ‘शारीरिक रूप से अपंग तथा सामान्य बालकों की एक ही शिक्षण संस्थान में शिक्षा का प्रबंध करना तथा ऐसे बालकों की आपसी बातचीत एवं मेल-जोल की प्रक्रिया व्यवस्था होना।’
सामान्यतः समावेशी शिक्षा का प्रयोग उन बच्चों की शिक्षा के संदर्भ में किया जाता है। जो विकलांगता से ग्रस्त हों। आमतौर पर इसे विशिष्ट शिक्षा का विस्तार या विशेष शैक्षिक आवश्यकताओं की धारणा या एकीकृत शिक्षा की धारणा माना जाता है।
समावेशी शिक्षा भाषाई और तार्किक गणितीय तथा दोहरी बुद्धि पर आधारित, व्यक्तिवादी प्रकार के अधिगम में विश्वास नहीं रखती है। वह बुद्धि के अन्य क्षेत्रों, जैसे- दैशिक, संगीतात्मक, गतिबोधक अंतः, वैयक्तिक और अंतरावैयक्तिक क्षेत्रों में बच्चों की योग्यताओं और क्षमताओं की छानबीन करती है।
समावेश उस प्रक्रिया का वर्णन करता है जिसके द्वारा एक विद्यालय अपनी पाठ्यचर्या के गठन और प्रावधान पर पुनर्विचार करके सभी छात्रों को व्यक्ति मानकर उनका प्रत्युत्तर देने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया के द्वारा विद्यालय स्थानीय समुदाय को उन सभी छात्रों को स्वीकार करने के लिए अपनी क्षमता का विकास करता है जो विद्यालय आना चाहते हैं और इस प्रकार छात्रों को बाहर रखने की आवश्यकता घटाता है।
समेकित शिक्षा छात्रकेन्द्रित होता है जबकि समावेशी शिक्षा कक्षा केन्द्रित। समेकित शिक्षा के अंतर्गत विशेषज्ञता के तत्वों के आधार पर छात्र का आकलन किया जाता है जबकि समावेशी शिक्षा में पठन-पाठन की जाँच परख के आधार पर।
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