बिस्मिल्लाहर स्म क्या है?
मुसलमानों की शिक्षा ‘बिस्मिल्लाह’ रस्म के बाद प्रारम्भ होती थी। जब बालक 4 वर्ष, 4 माह, 4 दिन की आयु का होता था तब उसे किसी मुल्ला अथवा मौलवी के सामने ले जाया जाता था। बालक सम्वन्धियों के सामने कुरान की कुछ आयतों का पाठ करके अथवा ‘विस्मिल्लाह’ का उच्चारण कर अपनी शिक्षा प्रारम्भ करता था। धनी तथा सम्पन्न व्यक्ति मौलवी साहब को अपने घर पर ही बुलाकर बालकों की बिस्मिल्लाह रस्म अदा करा देते थे।
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