B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed.

शिक्षण का अर्थ | शिक्षण की परिभाषाएँ | शिक्षण और अधिगम में सम्बन्ध

शिक्षण का अर्थ
शिक्षण का अर्थ

शिक्षण का अर्थ (Meaning of Teaching )

शिक्षण के अर्थ को दो प्रकार से प्रस्तुत किया जा सकता है प्रथम व्यापक अर्थ दूसरा संकुचित अर्थ व्यापक अर्थ के अनुसार शिक्षण का तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसमें परिवार पड़ोसी मित्र इत्यादि व्यक्ति को जन्म से लेकर मृत्यु तक की यात्रा के बीच सिखाते हैं। संकुचित अर्थ के अनुसार शिक्षण का तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसके द्वारा शिक्षक या जाति के अनुभवी सदस्य किसी शिक्षा संस्थान या अन्य संस्थान पर बालकों के पूर्व निश्चित विषय या जातीय अनुभवों को सिखाते हैं ताकि वे जीवन में अपना व्यवस्थापन करने में समर्थ हो । जेराड महोदय का कहना है कि, “शिक्षण से तात्पर्य उस प्रक्रिया या उस साधन से लिया जाता है जिसके द्वारा किसी वर्ग के वे सदस्य जो अनुभवी हों अपरिपक्व एवं शिशु सदस्यों को जीवन में अपना व्यवस्थापन करने में पथ-प्रदर्शन करते हैं।” शिक्षण की परिभाषाएँ निम्न हैं-

शिक्षण की परिभाषाएँ (Definitions of Teaching)

शिक्षण की निम्नलिखित परिभाषाएँ हैं-

(1) मैन के अनुसार- “शिक्षण बताना नहीं बल्कि प्रशिक्षण है।”

(2) रायबर्न के अनुसार- “शिक्षण एक सम्बन्ध है जो बालक को अपनी समस्त शक्तियों का विकास करने में सहायता देता है।”

अधिगम अथवा सीखने का अर्थ (Meaning of Learning)

अधिगम (सीखना) (Learning) एक व्यापक शब्द है, यह जन्मजात प्रक्रियाओं पर आधारित होता है। व्यक्ति जन्मजात प्रवृत्तियों से प्रेरित होकर जो भी प्रतिक्रियाएँ करता वे समस्त परिस्थितियों से समायोजन स्थापित करने हेतु होती हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अधिगम एक मानसिक प्रक्रिया है और इसकी अभिव्यक्ति व्यवहारों के द्वारा होती है। मानव व्यवहार में अनुभवों के आधार पर परिवर्तन एवं परिमार्जन होता रहता है। वास्तव में अधिगम की प्रक्रिया में दो तत्त्व सन्निहित रहते हैं-

(i) परिपक्वता और

(ii) पूर्व-अनुभवों से लाभ उठाने की योग्यता ।

अधिगम (सीखने) की परिभाषा (Definition of Learning )

अधिगम की निम्नलिखित परिभाषाएँ हैं-

(1) जे0 पी0 गिलफोर्ड- “व्यवहार के कारण, व्यवहार में परिवर्तन ही अधिगम है।”

(2) स्किनर के मतानुसार- “सीखने में प्राप्ति तथा धारण करने की शक्ति शामिल हैं।”

(3) जी० डी० बॉज के शब्दों में- “अधिगम एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति विभिन्न आदत, ज्ञान एवं दृष्टिकोण, सामान्य जीवन की माँग की पूर्ति के लिए अर्जित करता है।”

(4) गेट्स के अनुसार, “सीखना अनुभवों द्वारा व्यवहार में परिवर्तन है।”

शिक्षण और अधिगम में सम्बन्ध (Relationship between Teaching and Learning)

शिक्षण एवं अधिगम एक बहुत नजदीकी सम्बन्ध है। जब शिक्षण की बात आती है तो बिना अधिगम के अधूरी रहती है और जब अधिगम का जिक्र आता है तो बिना शिक्षण की के चर्चा के यह अधूरा ही रहता है। इनमें यह रिश्ता इतना गहरा बन गया है कि हम शिक्षण तथा सीखने की प्रक्रिया को एक ही नाम ‘शिक्षण अधिगम’ देने लगे हैं।

शिक्षण एवं अधिगम को एक साथ ही देखा जाता है। शिक्षण किसी भी चीज का हो, उसकी कोई भी विषय-वस्तु हो तथा यह किसी भी स्तर का -इसका एक प्रभावशाली अधिगम उत्पन्न करना। जब अधिगम प्रभावशाली होता है तभी शिक्षण की उद्देश्य होता है प्रभावशीलता मानी जाती है। प्रभावशाली शिक्षण के क्षेत्र के सभी अनुसंधान अध्ययनों में अधिगम की प्रभावशीलता को आधार माना जाता है।

शिक्षण, अब अधिगम का अभिन्न अंग माना जाता है। प्रत्येक शिक्षण प्रक्रिया का अंत अधिगम ही होता है। शिक्षण, छात्रों तथा शिक्षकों के मध्य की एक परस्पर क्रिया है, उद्देश्य अधिगम-उन्मुखी होता है। शिक्षक, शिक्षण की व्यवस्था करता है, छात्र उस व्यवस्था एक ही गुजर कर अधिगम की प्राप्ति करते हैं। शिक्षण बाह्य प्रक्रम है तथा अधिगम मानसिक क्रिया है। जिसका शिक्षण के उद्देश्य छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन के पदों में लिखे जाते हैं। अतः शिक्षण के उद्देश्य और अधिगम के उद्देश्य, दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं। शिक्षण के सिद्धान्त छात्रों के अधिगम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए होते हैं। शिक्षण के विभिन्न कारक; जैसे- अभिप्रेरणा, मानसिक तत्परता, व्यक्तिगत विभिन्नता के अनुसार सीखना आदि का भी उद्देश्य छात्रों को अधिक अधिगम की प्राप्ति की ओर ले जाना है।

शिक्षण के सूत्रों का प्रयोग भी छात्रों के अधिगम की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। शिक्षण सूत्रों का प्रयोग छात्रों के अधिगम को सरल एवं स्थायी बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विभिन्न शिक्षण प्रतिमानों, शिक्षण विधियों तथा प्रविधियों एवं शिक्षण व्यूह रचनाओं का प्रयोग छात्रों के अधिगम को अधिक सुगम, उन्नत तथा गुणवत्ता प्रदान करने के लिए किया जाता है। वे ही प्रतिमान, व्यूह रचनायें, शिक्षण विधियाँ तथा प्रविधियाँ प्रभावशाली मानी जाती हैं जिनसे अधिकतम अधिगम की प्राप्ति होती है।

Important Links…

Disclaimer

Disclaimer:Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment