आचार्य नरेन्द्र देव समिति के कार्य क्षेत्र
आचार्य नरेन्द्र देव समिति की नियुक्ति उत्तर प्रदेश सरकार ने मार्च, 1952 में की थी। इस समिति के अध्यक्ष आचार्य नरेन्द्र देव थे। इसे माध्यमिक शिक्षा पुनर्गठन समिति भी कहा जाता है। इसे समिति का कार्य क्षेत्र निम्नलिखित विषयों की जाँच करना था –
(1) उच्चतर माध्यमिक शिक्षा (Higher Secondary Education) की सफलता की समीक्षा करना।
(2) व्यावहारिक एवं व्यावसायिक विषयों का अध्ययन करने वाले छात्रों की सफलता का निरीक्षण करना।
(3) सामान्य एवं प्राविधिक शिक्षा के मध्य समन्वय स्थापित करने के प्रयास करना।
(4) साहित्यिक, वैज्ञानिक, व्यावसायिक, कलात्मक एवं रचनात्मक वर्गों की वास्तविक स्थिति की समीक्षा करना।
(5) बालक/बालिकाओं द्वारा व्यक्तिगत विभिन्नता के आधार पर विषयों के चयन के फलस्वरूप प्राप्त सफलता का मूल्यांकन करना।
(6) पाठ्यक्रम, प्रवेश एवं प्रमाण-पत्र आदि के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत करना।
(7) व्यक्तिगत संस्थाओं की त्रुटियों को दूर करने के लिये सुझाव प्रस्तुत करना ।
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- गैने के सीखने के सिद्धान्त
- थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त
- अधिगम का गेस्टाल्ट सिद्धान्त
- उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धान्त या S-R अधिगम सिद्धान्त
- स्किनर का सक्रिय अनुबन्धन का सिद्धान्त
- पैवलोव का सम्बद्ध अनुक्रिया सिद्धान्त
- थार्नडाइक द्वारा निर्मित अधिगम नियम
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