अपराधी बालक का अर्थ एवं विशेषताएँ ( Meaning and Characteris tics of Delinguent child)
जब कोई बालक सामाजिक, आर्थिक, नैतिक या शैक्षणिक नियम का उल्लंघन करता है तो उसके इन व्यवहारों को बाल अपराध तथा उस बालक को अपराधी बालक कहा जाता है। चोरी करना, विद्यालय से भाग जाना, घर से समय पर स्कूल के लिए निकलना किन्तु सचमुच स्कूल नहीं जाना, स्कूल में अनुशासनहीनता की समस्या उत्पन्न करना, कक्षा में साथियों के साथ आक्रामक व्यवहार करना, आदि बाल अपराध के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।
परन्तु उपयुक्त विचार से यह पता नहीं चलता है कि किस उम्र के बालक द्वारा किए गये अपराध को बाल अपराध कहा जायेगा? क्या 4 साल की उम्र का बालक यदि कक्षा में अपने साथी की किताबें चुरा लेता है, तो इसे बाल अपराध कहा जायेगा? कारसन, बुचर एवं कोलमैन ने इस प्रश्न पर गम्भीरतापूर्वक विचार करने के बाद कहा है कि उन बालकों द्वारा किए गये अपराधों को बाल अपराध कहा जाता है। जिनकी आयु 16,17 या 18 साल (जैसा कि देश का कानून होता है) से कम होता है। 8 साल से कम उम्र या आयु के बालकों द्वारा किये गये ऐसे व्यवहारों को बाल अपराध में शामिल नहीं किया जाता है, क्यों कि इस उम्र में बालक में इन व्यवहारों की सार्थकता के अर्थ को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्वन नहीं होती है। कारसन, बुचर तथा कोलमैन के शब्दों में “बाल अपराध एक कानूनी पद है। इससे तात्पर्य उन बालकों के अपराधों से होता है जिनकी आयु 16, 17, 18 साल से कम होती है। 8 साल से कम आयु के बालक जो ऐसे कार्य करते हैं, उन्हें बाल अपराधी नहीं कहा जाता है, क्योंकि ऐसा समझा जाता है कि ऐसे बालक इन कार्यों के परिणाम तथा उसकी सार्थकता को समझने के लिए उतना परिपक्व नहीं हैं जितना की होना चाहिए।”
इवान्स ने भी बालअपराध को कुछ इसी अर्थों में परिभाषित करते हुए कहा है, “जब कोई 18 साल से कम आयु का व्यक्ति नैतिक या कानूनी नियामावली को तोड़ता है, तो उसे बाल अपराध कहा जाता है। पेज ने भी बाल अपराध को कुछ इसी ढंग से परिभाषित करते हुए कहा है, “वैसे बालकों एवं किशोरों द्वारा किया गया अपराध जो कानून द्वारा निश्चित आयु के अधीन जाते हैं, बाल अपराध कहलाता है।
उपर्युक्त परिभाषाओं के विश्लेषण के आधार पर अपराधी बालक में निम्नलिखित लक्षण दिखलाई पड़ते हैं-
1. शारीरिक गुण (Physical Characteristics) – अक्सर बाल अपराधी शरीर से हृष्ट-पुष्ट होते हैं तथा उनके शरीर की मांसपेशियां एवं हड्डी समान उम्र के अन्य बालकों से अधिक विकसित होते हैं।
2. स्वभावगत गुण ( Temperamental Characteristics) – ऐसे बालक स्वभाव से आक्रामक सांवेगिक रूप से अस्थिर, बेचैन आवेगशील एवं विध्वंसक होते हैं।
3. मनोवृत्ति सम्बन्धी गुण ( Attitudinal Chracteristics) – ऐसे बालकों की मनोवृत्ति स्कूल अधिकारियों के प्रति नकारात्मक होती है। वे प्रायः शक्की, अवज्ञाकारी, मनोवृत्ति दिखलाते है। माता पिता एवं विद्यालय के अधिकारियों एवं शिक्षकों के प्रति वे प्रायः अनादर व्यवहार प्रकट करते हैं।
4. सामाजिक सांस्कृतिक गुण- ऐसे बालकों में दूसरों के प्रति कोई स्नेह, प्यार या अनुकंपा नहीं होती है। इनका नैतिक स्तर काफी नीचा होता है जिसके फलस्वरूप उन्हें कोई सामाजिक एवं सांस्कृतिक निययों के प्रतिकूल काम करने में हिचकिचाहट नहीं होती है।
5. मनोवैज्ञानिक विशेषताएं- ऐसे बालक किसी समस्या के समाधान में मात्र सीधा एवं सुगम रास्ता अपनाते हैं। उनमें सांकेतिक बौद्धिक अभिव्यक्ति की क्षमता नहीं होती।
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