भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी)
मुख्य कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय व कार्यालय- सेबी का मुख्य कार्यालय मुम्बई में स्थित है। वर्तमान में इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, दिल्ली एवं चेन्नई में हैं। इसके साथ ही सेबी को भारत के विभिन्न स्थानों पर आवश्यकतानुसार कार्यालयों की स्थापन का अधिकार में है।
सेबी के उद्देश्य
सेबी की स्थापना के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय अधिनियम निम्नलिखित उद्देश्यों का उल्लेख किया गया है (i) प्रतिभूतियों के व्यवसाय में संलग्न निवेशकों के हित की सुरक्षा करना।
(ii) प्रतिभूति बाजार का सम्वर्द्धन एवं विकास करना।
(iii) प्रतिभूति बाजार का नियमन व नियन्त्रण करना।
सेबी का प्रबन्ध
सेबी के प्रबन्ध के लिए निम्न सदस्यों की नियुक्ति अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत की जाती हैं-
(i) एक अध्यक्ष ।
(ii) दो सदस्य, अधिकारियों में से जो केन्द्र सरकार के वित्त मन्त्रालय एवं विधि मन्त्रालय के कार्यों का संचालन व नियन्त्रण करते है।
(iii) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नामांकित एक सदस्य ।
(iv) केन्द्र सरकार द्वारा नामांकित दो अन्य सदस्य ।
इन सभी सदस्यों का कार्यालय केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
सेबी की संगठन संरचना
सेबी ने अपने क्रिया-कलापों को उचित रूप से निष्पादित करने के लिए एक संगठन संरचना तैयार की है। इसके अन्तर्गत सेबी के सात निम्न विभाग (Section) निर्धारित किये गये हैं।
1. प्राथमिक बाजार- यह विभाग प्राथमिक बाजार से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं का निरीक्षण, निर्देशन एवं प्रबन्ध करता है। इस विभाग द्वारा किये जाने वाले प्रमुख कार्य निम्न है-
(i) प्राथमिक बाजारों के सम्बन्ध में नीतियों एवं नियमों का निर्माण एवं उनका क्रियान्वयन करना।
(ii) प्राथमिक बाजार के मध्यस्थों का पंजीयन एवं नियन्त्रण
(iii) प्राथमिक बाजार से सम्बन्धित स्वायत्तशासी संगठनों का नियमन एवं नियन्त्रण।
(iv) निवेशकों की शिकायतों का समाधान।
(v) निवेश परामर्शदाताओं एवं अभिगोपकों का नियम।
(vi) ऋणपत्र प्रन्यासियों का पंजीयन एवं नियमन ।
(vii) निवेश संघों को मान्यता प्रदान करना एवं उनका पंजीयन करना।
(viii) निवेशकों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करना ।
2. निर्गमन प्रबन्ध एवं मध्यस्थ- इस विभाग का कार्य कम्पनियों द्वारा प्रतिभूतियों के निर्गमन की देख-रेख करना एवं मध्यस्थों के क्रिया-कलापों पर नियन्त्रणा करना है। इस विभाग के अन्तर्गत निम्न प्रमुख कार्य हैं।
(i) किसी कम्पनी द्वारा जारी नये पूँजी प्रस्तावों पर प्रविवरणों की जाँच करना।
(ii) निर्गमन से सम्बन्धित मार्गदर्शक नियमों का निर्माण करना तथा उनका क्रियान्वयनं ।
(iii) निर्गमन से सम्बन्धित मध्यस्थों का पंजीकरण, नियमन व नियन्त्रण करना।
(iv) निर्गमन से सम्बन्धित पक्षकारों को परामर्श देना एवं उन्हें प्रत्येक बदली हुई परिस्थितिय से अवगत कराना।
(v) सार्वजनिक एवं प्रथम अधिकार निर्गमनों का नियमन करना ।
(vi) कम्पनी से अंशों के आबंटन के बाद सूचनाएँ माँगना एवं भूल / त्रुटि होने पर आवश्यक कार्यवाही करना ।
3. सहायक बाजार प्रशासन – यह विभाग सहायक बाजार (स्कन्ध विपणि केन्द्र) से सम्बन्धित विभिन्न सूचनाओं को एकत्र कर सहायक बाजार के नियमन एवं नियन्त्रण की व्यवस्था करता है। इसके प्रमुख कार्य निम्न हैं।
(i) स्कन्ध विनिमय केन्द्रों के सदस्यों का पंजीयन एवं पंजीकृत सदस्यों के कार्यों का नियमन करना।
(ii) आपातकालीन स्थिति में किसी भी स्कन्ध विनिमय केन्द्र की कार्यकारिणी समिति के पद को ग्रहण करना।
(iii) स्कन्ध विनिमय केन्द्रों के सूचकांक जैसे-डोंलेक्स, नैटेक्स एवं सैन्सेक्स आदि पर नजर रखना।
(iv) सहायक बाजार के नीतिगत एवं नियमन सम्बन्धी मामलों की देख-रेख करना।
(v) आन्तरिक सौदों का नियमन व नियन्त्रण करना।
(vi) समंको को एकत्र कर, व्यवस्थित कर सम्बन्धित पक्षकारों को उपलब्ध कराना।
4. स्कन्ध विनिमय केन्द्र प्रबन्ध- इस विभाग के माध्यम से सेबी अलग-अलग स्कन्ध विनिमय केन्द्रों के प्रबन्ध सम्बन्धी कार्यों पर नियन्त्रण रखती है। इस विभाग के द्वारा किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं।
(i) कुछ विनिमय केन्द्रों का प्रत्यक्ष नियमन व नियन्त्रण करना एवं इन्हें प्रबन्धकीय निर्देश देना।
(ii) उप-दलालों एवं प्रतिभूति एजेन्सियों का पंजीयन एवं नियमन करना।
(iii) सभी विनिमय केन्द्रों का नियमन एवं नियन्त्रण करना ।
5. संस्थागत निवेश, अधिग्रहण, शोध एवं प्रकाशन- यह विभाग संस्थागत निवेशकों को प्रोत्साहित कर निवेश प्रक्रिया में आगे बढ़ाता है एवं उनकी गतिविधियों पर नियन्त्रण करता है। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर शोध करता है एवं शोध को निष्कर्ष सहित प्रकाशित कराता है। इस विभाग के द्वारा किये जाने वाले प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
(i) अन्तर्राष्ट्रीय स्कन्ध विनिमय केन्द्रों की कार्य प्रणाली का अध्ययन कर देश में प्रचलित कार्य प्रणाली से उसका समन्वय करना ।
(ii) साहस पूँजी कोषों, पारम्परिक निधियों, सामूहिक कोषों का नियमन एवं नियन्त्रण करना।
(iii) विदेशी संस्थागत निवेशक संस्थाओं का पंजीयन एवं नियमन।
(iv) स्कन्ध विनिमय केन्द्रों के सम्बन्ध में आवश्यक शोध करना एवं शोध को निष्कर्ष सहित प्रकाशित करना।
6. विधि – यह विभाग प्रतिभूतियों से सम्बन्धित कानूनों का अध्ययन एवं उनके प्रावधानों के कार्यान्वयन पर नियन्त्रण रखता है। विधिसम्मत प्रावधानों के उल्लंघन की दशा में यह विभाग कानूनी कार्यवाही करता है। यह विभाग सेबी के विरुद्ध की गयी कार्यवाही के प्रति जबावदेय है तथा अन्य विधिक समस्याओं का समाधान भी करता है ।
7. अन्वेषण – अन्वेषण विभाग के माध्यम से सेबी स्कन्ध विनिमय केन्द्रों, उसके मध्यस्थों, प्राथमिक बाजारों में असूचीबद्ध सौदों, कपटपूर्ण व्यवहारों आदि क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है। यह विभाग अनुचित व्यापारिक क्रियाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय भी करता है।
8. सेबी के कार्य – भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के प्रमुख कार्य निम्न हैं-
(i) प्रतिभूति बाजार के विकास एवं नियमन हेतु व्यापक कानून तैयार करना।
(ii) प्रतिभूति बाजार का विकास तथा नियमन सम्बन्धी कार्य करना एवं केन्द्रीय सरकार को उचित परामर्श देना ।
(iii) केन्द्रीय सरकार द्वारा सौंपे गये प्रतिभूति बाजार के विकास एवं नियमन सम्बन्धी कार्यों का निष्पादन करना ।
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