मानव का अधिकार क्या है?
मानव का अधिकार – मानव अधिकारों का अभिप्राय उन सभी अधिकारों से है जो कि एक मानव होने के नाते व्यक्ति को चहुंमुखी विकास के लिए मानव कल्याण निमित्त नितांत आवश्यक है। मानव अधिकारों के अभाव में व्यक्तित्व विकास कदाचित संभव नहीं है बल्कि हम यह कहें कि मानव अधिकारों के अभाव में मानव, मानव नहीं रह सकता या उसके जीवन सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती अर्थात् इनके बगैर मनुष्य का सुरक्षित जीवित रहना नामुमकिन है। तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
मानव अधिकारों की कोई भी सीमा नहीं है अर्थात मानव अधिकार समय,स्थिति, परिस्थिति के अनुसार बदलते रहते हैं। मानव अधिकार केवल प्रकृति प्रदत्त उपहार जैसे- हवा. पानी, प्रकाश आदि ही नहीं वरन उसमें सम्मान से जीने के साधन, सुरक्षा के उपाय,घोषणा के लिए खाद्य सामग्री, उत्तम रहन-सहन के अवसरों के साथ-साथ वे सभी साधन मानव अधिकारों में निहित हैं जो कि किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के लिए बहुत ही आवश्यक ओर मूल है जैसे- रोटी, कपड़ा, मकान शिक्षा और संस्कृति आदि के अधिकार भी इस अधिकार में सम्मिलित है।
व्यक्ति की किसी भी अवस्था में हम उनके अधिकारों को ठुकरा या नकार नहीं सकते क्योंकि मानव अधिकारों का सम्बन्ध व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र से है। प्रत्येक मनुष्य का स्वाभाविक अधिकार है कि उसको सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्तर पर हमेशा न्याय मिले अर्थात उसके साथ कभी भी किसी भी स्थान पर किसी भी प्रकार से हानि या अन्याय न हो।
मानव अधिकारों का वर्गीकरण
1. मर्यादा एवं सम्मान का अधिकार
2. भेदहीन स्वतंत्र पात्रता का अधिकार
3. जीवन स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार
4. दासता उन्मूलन का अधिकार
5. अपमानजनक व्यवहार से प्रतिरक्षा का अधिकार
6. सर्वत्र कानून में समानता का अधिकार
7. कानून के समक्ष समान रूप से रक्षा का अधिकार
8. गोपनीयता के संरक्षण का अधिकार
9. न्यायालयों के समक्ष निष्पक्ष समानता का अधिकार
10. मौलिक अधिकारों के भंग होने पर न्यायालयों द्वारा संरक्षण पाने का अधिकार
11. राज्य की सीमा के अन्दर आवागमन और निवास की स्वतंत्रता का अधिकार
12. उत्पीड़न से बचने के लिए, देश छोड़ने या दूसरे देश में शरण लेने का अधिकार
13. राष्ट्रीयता का अधिकार
14. वयस्क स्त्री और पुरुष को बिना जाति, धर्म और राष्ट्रीयता के विवाह का अधिकार
15.स्त्री पुरुष को सम्मति से विवाह करने स्वतंत्रता का अधिकार
16. स्वयं या दूसरों के साथ सम्पत्ति रखने का अधिकार
17. मत और विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
18. शान्तिपूर्ण एकत्रित होने का अधिकार
19. सामाजिक सुरक्षा का अधिकार
20. समान काम के लिए समान वेतन का अधिकार
21. प्रत्येक व्यक्ति को उचित और अनुकूल पारिश्रमिक पाने का अधिकार
22. स्वस्थ एवं सुरक्षित रहने के लिए चिकित्सा का अधिकार
23. शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार
24. सांस्कृतिक जीवन की स्वतंत्रता का अधिकार
25. समाज के प्रति कर्तव्य पालन का अधिकार
मानव-अधिकार का अधिकार –
मानव अधिकार वे अधिकार हैं जो हमारी प्रकृति या स्वभाव में निहित हैं। इनके अभाव में अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकते हैं। मानव अधिकार और मौलिक स्वतंत्रताएं हमकों पूर्णरूप से विकसित होने के लिए अवसर प्रदान करती है। साथ ही इनके द्वारा मानवीय गुणों, प्रतिमानों तथा चेतना का सदुपयोग किया जाता है। यह अधिकार मानवता पर आधारित है। जे.ई.एस.फॉसेट के अनुसार “मानव अधिकार कभी कभी मौलिक अधिकार या मूल अधिकार हैं जिनकों किसी व्यवस्थापिका द्वारा छीना नहीं जा सकता है। प्राकृतिक अधिकार मनुष्य तथा नारी दोनों से सम्बन्धित हैं। साथ ही वे उसे स्वभाव के अनुकूल होते हैं।” मानव अधिकारों का विधायन द्वारा सर्जना नहीं की जाती है वरन इनकी स्थिति स्वाभाविक होती है।
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