पाठ योजना / Lesson Plan

जैन धर्म इतिहास का लेसन प्लान Jainism History lesson plan for B.Ed.

जैन धर्म इतिहास का लेसन प्लान Jainism History lesson plan for B.Ed.
जैन धर्म इतिहास का लेसन प्लान Jainism History lesson plan for B.Ed.

जैन धर्म इतिहास का लेसन प्लान Jainism History lesson plan for B.Ed.

जैन धर्म इतिहास का लेसन प्लान jainism History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत जैन धर्म इतिहास का लेसन प्लान Jainism History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें

दिनांक-

विषय-  इतिहास

चक्र- 8

कक्षा –6th

प्रकरण- जैन धर्म

अवधि- 30 मिनट

सामान्य उद्देश्य :- 

  1. छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि जागृत करना |
  2. छात्राओं में देश भक्ति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना |
  3. छात्राओं में आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना |
  4. छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकास करना |
  5. छात्राओं में बौधिक एवं तार्किक चिन्तन का विकास करना |
  6. छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास करना |
  7. छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करना |
  8. छात्राओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करना |

➤विशिष्ट उद्देश्य :- 

  1. छात्राएँ ‘जैन धर्म’ के विभिन्न तीर्थकरो का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
  2. छात्राएँ ‘जैन धर्म’ के तीर्थकर महावीर के जीवन के बारे में प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
  3. छात्राएँ ‘जैन धर्म’ की विशेषताओ की व्याख्या कर सकेंगी |
  4. छात्राएँ ‘जैन धर्म’ दोनों सम्प्रदायों का विश्लेषण कर सकेंगी |
  5. छात्राएँ ‘जैन धर्म’ की शिक्षाओं को निजी जीवन से जोड़ सकेंगी |

➤सहायक सामग्री-  चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|

➤पूर्वज्ञान-  छात्राएँ ‘जैन धर्म’ तथा महावीर स्वामी के बारे में पहले से सामान्य जानकारी रखती होगी |

 ➤प्रस्तावना :-

क्र. स.

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1.

वैशाली में किसका जन्म हुआ था ?

वर्धमान का

2.

वर्धमान किसके बचपन का नाम था ?

महावीर

3.

महावीर किस धर्म के अनुयायी थे ?

जैन धर्म

➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग जैन धर्म पाठ का अध्ययन करेंगे।

➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1. महावीर का जीवन

महावीर स्वामी जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर थे | इनके बचपन का नाम वर्धमान था | इनका जन्म एक राज परिवार में वैशाली के निकट 540 ईसा पूर्व में हुआ था | सत्य और शान्ति की खोज में इन्होने कठोर तप करने का मार्ग अपनाया | तीस वर्ष की अवस्था में घर छोड़कर कठिन तपस्या की तथा अपनी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर लेने के कारण वे ‘महावीर’ और ‘जिन’ अर्थात् विजेता कहे गए | स्वयं ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् दूसरों की भाल्ल्यी के लिए उन्होंने अपने सिद्धान्तों का प्रचार प्राकृत भाषा में किया | जो उस समय लोगो की बोल चाल की भाषा थी | महावीर स्वामी के अनुसार मनुष्य का सबसे बड़ा लक्ष्य जन्म-मरण के चक्कर से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करना है |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

2. त्रिरत्न

 

जीवन के विकास के लिए उन्होंने मन, वचन और कर्म से शुद्ध रह कर तीन बातों को मानने पर विशेष बल दिया |

1. सही बातों पर विश्वास |

2. सही बातों की ठीक से समझना |

3. उचित कर्म |

जैन धर्म में इन्हें त्रिरत्न (तीन रत्न) कहा जाता है |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

3. महाव्रत

महावीर ने अच्छे व्यवहार तथा आचरण के लिए पाँच महाव्रतों का पालन करने के लिए कहा है | ये महाव्रत है –

1. जीवो को न मारना

2. सच बोलना

3. चोरी न करना

4. अनुचित धन न जुटाना

5. इन्द्रियों को वश में रखना

महावीर के निमार्ण के पश्चात् लगभग दो शताब्दियो के बाद उनके जैन अनुयायी दो सम्प्रदाय में बंट गए- शेवताम्बर (सफेद कपडे पहनने वाले) और दिगम्बर (निर्वस्त्र रहने वाले) |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |


➤ श्यामपट्ट सारांश :-

1. महावीर स्वामी जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थकर थे |

2. महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था |

3. ऋषभ देव जैन धर्म के संस्थापक एवं प्रथम तीर्थकर थे |

4. महावीर स्वामी ने अपने सिद्धान्तों का प्रचार प्राकृत भाषा में किया |

5. महावीर स्वामी की मृत्यु के पश्चात् उनके अनुयायी दो सम्प्रदायों में बंट गए – श्वेताम्बर और दिगम्बर |

➤ निरीक्षण कार्य :-

छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश को कॉपी में लिखने को कहेंगी तथा कक्षा में घूम-घूम कर निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं को दूर करेंगी |

➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

एक शब्द में उत्तर दो |
1. महावीर स्वामी के बचपन का क्या नाम था ?
2. जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर कौन थे ?
3. महावीर स्वामी ने कितने रत्नों के बारे में बताया ?
 
➤ गृहकार्य :-
 
छात्राएँ जैन धर्म के त्रिरत्नों तथा पंच महाव्रतो के बारे में लिख कर लाइए |

Important Links

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment