पाठ योजना / Lesson Plan

वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध इतिहास का लेसन प्लान Vedic Period War of Aarya History lesson plan for B.Ed.

वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध इतिहास का लेसन प्लान Vedic Period War of Aarya History lesson plan for B.Ed.
वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध इतिहास का लेसन प्लान Vedic Period War of Aarya History lesson plan for B.Ed.

वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध इतिहास का लेसन प्लान Vedic Period War of Aarya History lesson plan for B.Ed.

वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध इतिहास का लेसन प्लान Vedic Period War of Aarya History lesson plan for B.Ed. – प्रिय मित्रों, इस पोस्ट में हम BTC/DELED, B.ED, M.ED के तहत वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध इतिहास का लेसन प्लान Vedic Period War of Aarya History lesson plan of B.Ed. btc/d.el.ed, b.ed आदि के बारे में हिन्दी में विस्तार से बात करेंगे.

विद्यालय का नाम- अपनी स्कूल का नाम व स्थान लिखें

दिनांक-

विषय-  इतिहास

चक्र- 8

कक्षा –6th

प्रकरण- वैदिक काल आर्यो का जन युद्ध

अवधि- 30 मिनट

सामान्य उद्देश्य :- 

  1. छात्राओं में इतिहास के प्रति रुचि जागृत करना |
  2. छात्राओं में देश भक्ति तथा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास करना |
  3. छात्राओं में आदर्श नागरिक के गुणों का विकास करना |
  4. छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकास करना |
  5. छात्राओं में बौधिक एवं तार्किक चिन्तन का विकास करना |
  6. छात्राओं में आत्मनिर्भरता का विकास करना |
  7. छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करना |
  8. छात्राओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करना |

➤विशिष्ट उद्देश्य :- 

  1. छात्राएँ ‘वैदिक काल’ के आर्यो के अर्थ का प्रत्यास्मरण कर सकेंगी|
  2. छात्राएँ ‘वैदिक काल’ के राजाओं की प्रत्याभिज्ञान कर सकेंगी |
  3. छात्राएँ ‘वैदिक काल’ में हुए युद्धों का वर्णन कर सकेंगी |
  4. छात्राएँ ‘वैदिक काल’ की विशेषताओं की व्याख्या कर सकेंगी |
  5. छात्राएँ ‘वैदिक काल’ के विभिन्न वेदों तथा यज्ञों की विशेषता को बता सकेंगी |

➤सहायक सामग्री-  चाक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट अन्य कक्षोपयोगी शिक्षण सामग्री|

➤पूर्वज्ञान-  छात्राएँ ‘वैदिक काल’ के लोगो तथा उनके मध्य हुए युद्धों के विषय में सामान्य जानकारी रखती होगी |

 ➤प्रस्तावना :-

क्र. स.

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1.

किसी भी शासन काल में राज्य करने वाला व्यक्ति क्या कहलाता था ?

राजा

2.

एक राजा का दुसरे राज्य से सम्बन्ध अच्छा न होने पर राजा क्या करता था ?

युद्ध

3.

वैदिक काल में श्रेष्ठ और उत्तम किसे कहा जाता था ?

राजा

➤उद्देश्य कथन :- आज हम लोग ‘वैदिक काल’ के विषय में अध्ययन करेंगे।

➤प्रस्तुतीकरण :-

शिक्षण बिन्दु

छात्र अध्यापक क्रियाएं

छात्र क्रियाए

1. वैदिक काल आर्यो का जन

वैदिक काल में कई परिवार मिलकर गोत्र का निर्माण करते है | कई गोत्र मिल कर विश का निर्माण करते थे | इसी प्रकार कई विश मिल कर जन बनाते थे | कई जनों के नाम जैसे पुरू जन की जानकारी वैदिक साहित्य से मिलते है | किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए एक सभा होती थी | सभा में सत्तर अस्सी लोग बैठते थे | उनमे से पाँच-छः लोग विशेष आसन पर बैठते थे | आसन पर बैठने वाले प्रमुख लोग राजन्य होते थे | प्रमुख लोगो के अलावा अन्य लोग विश कहलाते थे |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

2. वैदिक काल के युद्ध और राजा

आर्यो के समय से गाय को महत्व दिया जाने लगा था | जन के लोग हमला करके एक दुसरे की गायों को भगा ले जाते थे | यही आर्य जनों के बीच होने वाले युद्धों का मुख्य कारण था | पशु पालन आर्यो के पास अलग से सेना नहीं थी | युद्ध के समय जन के सभी लोग मिलकर लड़ने जाते थे | युद्ध की अगुवाई करने के लिए जन का राजा चुना जाता था | जन को युद्ध में विजय दिलाना राजा का काम था | इसके साथ-साथ वह कबीले में रहने वालों और उनकी संपत्ति की भी सुरक्षा करता था | उसका पद वंशानुगत नही था |

छात्रा ध्यानपूर्वक सुनेगी |

3. यज्ञ तथा वेद

आर्य लोग प्रारम्भ में अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए देवताओं को प्रसन्न करने के लिए स्तुति पाठ तथा यज्ञ कटे थे | यज्ञ का कार्य पुरोहित करवाता था | यज्ञ सामूहिक हुआ करते थे | इसमें पुरूषों के साथ महिलाएँ भी हिस्सा लेती थी | यज्ञ की सफलता के लिए भेट चढ़ावे के साथ-साथ देवताओं की प्रशंसा में वेद मंत्र गाए जाते थे | ये मंत्र संस्कृत भाषा में थे जिन्हें मंत्र या ऋचा कहा जाता है बहुत समय तक मंत्र लिखे नहीं गए | इन्हें बोलकर याद रखा जाता था तथा दूसरो को सिखाया  जाता था | आजा हम ऋगवेद के मन्त्रों को पढ़कर आर्यो के जीवन की कई बातों को जान सकते है | वेद चार है- ऋगवेद, युर्जवेद, सामवेद, अथर्ववेद | युर्जवेद, सामवेद तथा अथर्ववेद में यज्ञों और मंत्रो का उल्लेख है |

 


➤ श्यामपट्ट सारांश :-

1. वैदिक काल में कई परिवार मिल कर गोत्र का निर्माण करते है |

2. वैदिक काल में होने वाला सभा में सत्तर से अस्सी लोग बैठते थे |

3. आर्यो के समय में गायों को अत्यधिक महत्व दिया जाता था |

4. वैदिक काल के यज्ञ में पुरुषों के साथ महिलाएँ भी होती है |

5. यज्ञ में उपयोग किये जाने वाले मंत्र संस्कृत में होते थे |

➤ निरीक्षण कार्य :-

छात्राध्यापिका छात्राओं से श्यामपट्ट सारांश को कॉपी में लिखने को कहेंगी तथा कक्षा में घूम-घूम कर निरीक्षण करते हुए उनकी समस्याओं को दूर करेंगी |

➤ मूल्यांकन प्रश्न :-

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. वैदिक काल में मंत्र ______ भाषा में बोली जाती थी |
2. वैदिक काल में _____ को महत्व दिया जाता था |
3. वैदिक काल में यज्ञ में ______ और _____ दोनों होते थे |
4. वैदिक काल के सभा में _____ से _____ लोग शामिल होते थे |
5. यज्ञ का कार्य ____________ करवाता था |
 
➤ गृहकार्य :-
 
वैदिक काल के युद्धों तथा यज्ञों के बारे में लिख कर लाइए |

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