इक्ष्वाकु का जीवन परिचय जिनके नाम पर शुरू हुआ भगवान राम का वंश- इन्हें सूर्यवंश का प्रथम राजा कहा गया है। इनके जन्म के बारे में विभिन्न प्रकरण प्राप्त होते हैं। कहीं पर इन्हें श्रद्धा के गर्भ से पैदा हुआ वैवश्वत मनु के दस पुत्रों में से एक कहा गया है। कहीं पर ये अमैथुनी रचना द्वारा मनु की छींक से जन्मे बताए गए हैं। इक्ष्वाकु की राजधानी अयोध्या थी। इनके 100 पुत्र हुए। ज्येष्ठ पुत्र विकुक्षि से अयोध्या का राजवंश चला। इसी कुल में आगे चलकर श्रीराम का जन्म हुआ। इनके एक पुत्र निमि से मिथिला का कुल चला। इन्हीं के पचास पुत्रों ने उत्तरापथ में व शेष ने दक्षिणापथ में राज्य किया। चंद विद्वान इक्ष्वाकु को मनुष्य न मानकर जाति मानते हैं, जो उत्तरी भागीरथी की घाटी में रहती थी और इनका संबंध उत्तर-पश्चिम के जनपदों से भी रहा था।
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