देवताओं की माता अदिति का जीवन परिचय- अदिति का बखान वेद और पुराणों में कई दृष्टांतों में मिलता है। एक स्थान पर इन्हें सूर्य, मित्र, वरुण, रुद्र व इंद्र इत्यादि 33 देवताओं की माता बताया गया है। पुराण इन्हें देवमाता कहते हैं और श्रीकृष्ण की माता देवकी को इन्हीं का अवतार भी माना जाता है। इनके कानों के कुंडल नरकासुर चुरा ले गया था, जिसे मारकर श्रीकृष्ण ने कुंडल सत्यभामा को प्रदान किए थे।
एक स्थान पर अदिति का विवरण दक्ष प्रजापति की कन्या के रूप में भी प्राप्त होता है, जिसका विवाह कश्यप ऋषि के साथ हुआ था। इसने 12 पुत्रों को जन्म दिया, जो 12 आदित्य नाम से जाने गए। ये नाम अंशुमान, अर्दमन, इंद्र, विष्णु, धातृ, पूषा, भग, मित्र, वरुण, मार्तंड और सविता हैं।
अदिति को बंधन-मुक्ति या स्वतंत्रता का प्रतीक मानकर सभी स्थानों पर उससे प्रकाश की प्रार्थना की गई है। इससे ये आशय निकाला जाता है कि अदिति प्रकाश की सूचक हैं और कश्यप की दूसरी पत्नी दिति अंधकार की। प्रकाश में ही सृष्टि विकसित होती है, अतः अदिति को देवमाता नाम से संशोधित किया गया है।
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