Biography

निज़ामुद्दीन औलिया का जीवन परिचय | Biography of Nizamuddin Auliya in Hindi

निज़ामुद्दीन औलिया का जीवन परिचय
निज़ामुद्दीन औलिया का जीवन परिचय

निज़ामुद्दीन औलिया का जीवन परिचय (Biography of Nizamuddin Auliya in Hindi)- पीर-पैगंबर, साधू-संत और आलिम फाजिल लोग किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, देश या वर्ण विशेष में नहीं होते। यही कारण है कि भारतीय मुस्लिमों में भी तेरहवीं शताब्दी तक अनेक मानवतावादी लोग पैदा हो चुके थे। इनमें एक नाम निज़ामुद्दीन औलिया का भी है। तेरहवीं शताब्दी में पैदा हुए निज़ामुद्दीन औलिया को आज सात सौ वर्षों के पश्चात् भी हिंदू व मुसलमान दोनों ही संप्रदाय के लोग इनकी मानवीय शिक्षाओं के लिए स्मरण करते हैं।

निजामुद्दीन औलिया इतिहास Hazrat Nizamuddin Auliya History In Hindi

नाम निज़ामुद्दीन औलिया
जन्म तिथि 1236
पूर्वाधिकारी फरीद्दुद्दीन गंजशकर (बाबा फरीद)
उत्तराधिकारी नसीरुद्दीन चिराग़ देहलवी
उपाधि महबुब-ए-इलाही
धर्म सुन्नी इस्लाम, सूफ़ी,
जन्म स्थान बदायुं, उत्तर प्रदेश
मृत्यु स्थान व दरगाह 3 अप्रैल, 1324

विशिष्ट दरजे के चिश्ती संत शेख निज़ामुद्दीन औलिया का जन्म 1238 में बदायूं (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। 16 वर्ष की आयु में ये शिक्षा प्राप्त करने के लिए मौलाना कमालुद्दीन जाहिद के पास दिल्ली भेजे गए और तदंतर शेख़ फ़ख़रुद्दीन गंज- ए-शकर के शागिर्द बन गए।

निजामुद्दीन औलिया ने अपने शागिर्दों को चिश्ती विचारधारा का प्रचार करने के लिए देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा, किंतु खुद पूरी जिंदगी दिल्ली में ही रहे। दिल्ली में इनका मकबरा बस्ती निजामुद्दीन में आज तीर्थस्थल के रूप में तब्दील हो गया है। सभी धर्म के लोग इनके मकबरे पर श्रद्धानंत देखे जा सकते हैं।

हजरत निजामुद्दीन उच्च कोटि के ज्ञानी व मानवतावादी विचारों के सूफी संत थे। लोगों की व्यथाएं सुनना और इन्हें दूर करने का प्रयास करना इनका रोज का कार्य था। ये उपासना को दो तरह की बताते थे। एक लाज़मी (स्वार्थपरक) और दूसरी मुतादी (परमार्थ परक) । पहली उपासना में प्रार्थना, नमाज व उपवास इत्यादि को शामिलकरते थे और कहते थे कि इसका यश भक्त तक ही सीमित रहता है, लेकिन परमार्थ परक उपासना में दूसरों की जरूरतें पूरी करना व दूसरों से प्रेम करना इत्यादि शामिल है और इसका यश व्यापक और अनंत है। किसी से प्रतिकार लेने को आप शैतान का गुण बताते थे। इन्होंने स्वयं को हमेशा राजनीतिक संपर्क से पृथक रखा। इनके उपदेशों का संग्रह ‘फ़वायुिदल फ़वाद’ के नाम से विख्यात है। 1324 में इनका इंतकाल हो गया, किंतु रुहानी तौर पर इन्हें सदैव याद रखा जाएगा।

दोस्तों मै आशा करता हूँ आपको ”निज़ामुद्दीन औलिया का जीवन परिचय (Biography of Nizamuddin Auliya in Hindi) वाला Blog पसंद आया होगा अगर आपको मेरा ये Blog पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करे लोगो को भी इसकी जानकारी दें।

इसे भी पढ़ें…

Disclaimer

Disclaimer: Sarkariguider.in does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: guidersarkari@gmail.com

About the author

Sarkari Guider Team

Leave a Comment