अबुल फैज का जीवन परिचय (Biography of Abul Faiz in Hindi)- ‘एक योग्य व्यक्ति कई रूपों सामने आता है और उसके व्यक्तित्व की चमक को समय की गति भी धुंधला नहीं पाती।’ यह कथन अबुल फ़ैज पर भी लागू प्रतीत होता है। इस कारण अबुल फ़ैज का नाम इतिहास में आदर के साथ लिया जाता रहा है। अबुल फ़ैज का जीवन यह प्रदर्शित करता है कि ईरानी सभ्यता से ओत-प्रोत रहने के पश्चात् भी जब हिंदुस्तानी कला, साहित्य व संस्कृति के सान्निध्य में आए तो उनका कवि रूप परिष्कृत होकर सामने आया तथा दोनों ही संस्कृतियों के अंश उनमें श्वासित होते नजर आए।
अमीर खुसरो के पश्चात् ईरानी हिंदुस्तानी संस्कृति के दूसरे महान कवि के रूप में दर्ज अबुल फैज का जन्म 1547 में आगरा में हुआ था। अरबी अदब वाले काव्य तथा औषधि-विज्ञान के मर्मज्ञ अबुल फैज की प्रसिद्धि सुनकर 20 वर्ष की उम्र में ही इन्हें अकबर ने अपने विद्वान दरबारी कवियों में सम्मिलित कर लिया था। 30 वर्ष की आयु में इनकी तैनाती कवि सम्राट के पद पर कर दी गई। ऐसी भी मान्यता है कि इनके द्वारा अकबर के दूसरे क्रमांक के पुत्र को शिक्षा प्रदान की गई।
अबुल फैज को फैयाजी भी कहा जाता रहा है। इनके द्वारा दर्शन, ज्योतिष, गणित, संगीत, कविता, औषधि-शास्त्र, धर्म व इतिहास जैसे विषयों पर लेखन कार्य किया गया। इतिहासकार इनके लिखे ग्रंथों की संख्या 101 तक बताते हैं। इन ग्रंथों के अलावा इन्होंने 50 हजार कविताओं को भी रचा था। फैज की हस्तलिखित रचनाएं भी कई प्रमुख पुस्तकालयों में संरक्षित हैं। फैज अरबी और फारसी के अलावा संस्कृत के भी पंडित थे। इन्होंने नल-दमयंती की प्रेमगाथा लिखी। संस्कृत ग्रंथों के आधार पर वेदांत दर्शन का सार-स्वरूप लिखा व संस्कृत के प्रसिद्ध गणित ग्रंथ ‘लीलावती’ का फारसी भाषा में पूर्ण अधिकारिता के साथ अनुवाद भी किया। 1595 में आगरा में ही इनका निधन हो गया, किंतु ये अपने कृतित्व की रूह में सदैव जीवित रहेंगे।