अबुल फजल का जीवन परिचय (Abul Fazal Biography in Hindi)- बेशक वर्तमान में जीते हुए इतिहास बन चुके लोगों की जिंदगी के विषय में जानकारी जुटाना विचित्र लग सकता है, लेकिन सच्चाई यही है कि प्रत्येक क्षण, जो गुजर रहा है, वह इतिहास को ही समृद्ध करने का कार्य कर रहा है।’ उक्त कथन पर विचार करते हुए अबुल फजल की विद्वता पर दृष्टिपात किया जाए तो हम यह स्पष्ट पाते हैं कि वह मुगलकाल का बेहतरीन इतिहासकार और विद्वान शख्स भी था, जिसका जन्म 14 जनवरी, 1551 को आगरा के एक आजिम फाजिल परिवार में हुआ था।
बिंदु(Points) | जानकारी (Information) |
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नाम (Name) | अबूल फजल |
जन्म (Birth Date) | 15 जनवरी 1551 |
जन्म स्थान (Birth Place) | आगरा |
पिता का नाम (Father Name) | नागुल फज़ल |
प्रसिद्धि (Famous For) | अकबर के सलाहकार, अकबरनामा के लेकर |
मृत्यु (Death Date) | 12 अगस्त 1602 |
मृत्यु कारण (Death Causes) | हत्या |
अबुल फजल ने 15 वर्ष की अल्प आयु में ही यथेष्ट ज्ञान प्राप्त कर लिया था। 1574 में यह अपने भाई अबुल फैज के साथ प्रथमतः अकबर के दरबार में आया था। वहां इसने अपनी प्रतिभा से अकबर को काफी प्रभावित कर लिया और एक दिन सम्राट ने इसे अपना निजी सलाहकार तैनात कर लिया। अकबर की कूटनीति और दूसरे शासकों और अमीरों से पत्र व्यवहार का दायित्व अबुल फजल के ही सुपुर्द रहता था। कुछ समय पश्चात् इसकी नियुक्ति दक्षिण के प्रशासक के रूप में हो गई। जब शहजादा सलीम ने बगावत की थी, तब अकबर ने अबुल फजल को ही परामर्श के लिए दिल्ली बुलाया, लेकिन वह कभी लौट न सका। सलीम के संकेत पर राजा वीरसिंह बुंदेला ने मार्ग में ही 22 अगस्त, 1602 को अबुल फजल को मौत के घाट उतार दिया। अबुल फजल को इसके लिखे ग्रंथों के कारण खास तौर पर याद किया जाता रहेगा।
उसकी विशिष्ट कृतियां- ‘अकबरनामा’, ‘आइने अकबरी’, ‘महाभारत’ और ‘बाइबिल’ का फारसी अनुवाद रही हैं। ‘अकबरनामा’ अकबर की शासन पद्धति को गहराई के साथ प्रदर्शित करता है। ‘आइने अकबरी’ में भारत की उस समय की भौगोलिक स्थिति, सामाजिक व धार्मिक जिंदगी और हिंदू दर्शन तथा हिंदुओं की जीवन पद्धति पर भी रोशनी डाली गई थी।
अबुल फजल बेहद उदार विचारों की शख्सियत था। अबुल फजल विद्वान, वीर शासक, उदार और उच्च कोटि के इतिहासकार-लेखक के रूप में स्मरण किया जाता रहेगा।