उदयशंकर का जीवन परिचय (Biography of Uday Shankar in Hindi)- कला की दुनिया में नृत्य का भी अपना विशिष्ट स्थान है। इस कारण नर्तक भी विश्व स्तर के हुए हैं।
उदय शंकर
कुछ तथ्य
जन्मतिथि: 8 दिसंबर, 1900
जन्म स्थान: उदयपुर, राजस्थान
मृत्यु तिथि: 26 सितंबर 1977
मृत्यु का स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल
व्यवसाय: नर्तक, कोरियोग्राफर, अभिनेता
जीवनसाथी: अमला शंकर
बच्चे: आनंद शंकर, ममता शंकर
पिता: श्याम शंकर चौधरी
माता : हेमांगिनी देवी
भाई-बहन: राजेंद्र शंकर, देबेंद्र शंकर, भूपेन्द्र शंकर, रविशंकर
पुरस्कार: पद्म विभूषण, संगीत नाटक अकादमी फ़ेलोशिप
विख्यात भारतीय नर्तक और बैले निर्माता उदयशंकर का जन्म 1900 में हुआ। उन्होंने यूरोप एवं अमेरिका का भारतीय नृत्य एवं संस्कृति से साक्षात्कार करवाया। इन्होंने भारतीय नृत्य की नई शैलियों का निर्माण करने के अलावा पश्चिमी नृत्य शैलियों का भी अपने नृत्यों में समाहित किया। इन्होंने तांडव नृत्य, शिव-पार्वती, लंकादहन, रिदम ऑफ लाइफ, श्रम और यंत्र, रामलीला और भगवान बुद्ध शीर्षक से नए नृत्यों की रचना की। इनमें वेशभूषा, संगीत, संगीत-यंत्र, ताल और लय इत्यादि वस्तुओं की पूर्ति भी इनके द्वारा ही की गईं। रामायण पर इन्होंने नृत्य नाटिका की रचना भी की। इन्होंने यूरोप व अमेरिका के देशों में अपने नर्तक दल के साथ वर्षों भ्रमण कर भारतीय नृत्यों को लोकप्रिय बनाया। इनके पिता झालावाड़ (राजस्थान) में दीवान थे और शिक्षा विषयक प्रकरणों में राजा के परामर्शदाता रहे थे। इनकी शुरुआती रुचि चित्रकला की तरफ थी। इन्हें इंग्लैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट में चित्रकला सीखने के लिए भेजा गया। वहां एक नाट्यगृह में अन्नपावलोवा नामक प्रतिष्ठित नर्तकी से इनकी मुलाकात हुई। वहीं से ये नृत्यों की तरफ आकृष्ट हुए और लंदन के ओपेरा हाउस में राधाकृष्ण नृत्य पेश किया। ये खुद कृष्ण बने और
पावलोवा ने राधा की भूमिका की। इनकी शिष्य परंपरा भी बेहद समृद्ध रही है। 1971 में भारत सरकार ने इन्हें ‘पद्म भूषण‘ और 1975 में विश्वभारती ने ‘देशी कोत्तम’ सम्मान प्रदान किया। 1977 में इनका 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।