लागत लेखांकन तथा प्रबंध लेखांकन में अंतर
लागत लेखांकन तथा प्रबंध लेखांकन में प्रमुख अंतर निम्न प्रकार हैं-
(1) उद्देश्य (Object)- लागत लेखा-विधि का प्रमुख उद्देश्य उत्पाद या सेवा की लागत निर्धारित करना होता है; जबकि प्रबंध लेखांकन का प्रमुख उद्देश्य प्रबंधकीय कार्यों के कुशलतापुवर्क निष्पादन के लिए प्रबंध को सहायता प्रदान करना होता है।
(2) क्षेत्र (Scope)- प्रबंध लेखांकन का क्षेत्र लागत लेखाशास्त्र से काफी व्यापक है, वस्तुतः लागत लेखाशास्त्र प्रबंध लेखांकन का एक भाग मात्र है।
(3) वर्णन (Description)- लागत लेखाशास्त्र में केवल मौद्रिक तथ्यों का वर्णन किया जाता है जबकि प्रबंध लेखांकन में मौद्रिक व गैर-मौद्रिक दोनों ही प्रकार के तथ्यों का वर्णन किया जाता है।
(4) प्रकृति (Nature) – लागत लेखाशास्त्र का सम्बन्ध प्रमुख रूप से भूतकालीन तथा वर्तमान से सम्बन्धित तथ्यों से होता है जबकि प्रबंध लेखांकन का सम्बन्ध प्रमुखतया भविष्यकालीन तथ्यों से होता है।
(5) पक्ष (Parties) – लागत लेखाशास्त्र में निहित तथ्यों का प्रयोग व्यवसाय के आंतरिक व बाह्य दोनों ही पक्षों के लिए किया जाता जबकि प्रबंध लेखांकन में निहित सूचना केवल व्यवसाय के आंतरिक पक्षों या प्रबंध के उपयोग के लिए ही होती है।
(6) विकास (Evolution) – लागत लेखाशास्त्र औद्योगिक क्रान्ति की देन है। इसका विकास बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में हो गया था जबकि प्रबंध लेखांकन का विकास गत कुछ दशकों पुराना ही है। वस्तुतः प्रबंध लेखांकन का अभी पूर्ण विकास नहीं हो पाया है, इसमें नई-नई तकनीकों के विकास का क्रम जारी है।
(7) लेखा-सिद्धान्त एवं प्रारूप (Accounting Principles and Formats)- लागत लेखाशास्त्र में लेखाकंन के निश्चित सिद्धान्त एवं प्रारूप होते हैं जबकि प्रबंध लेखांकन के कोई निश्चित सिद्धान्त एवं प्रारूप नहीं होते बल्कि सूचना का व्यवस्थीकरण प्रबंधकीय आवश्यकताओं के अनुरूप परिवर्तित होता रहता है।
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