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विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में अन्तर

विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में अन्तर
विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में अन्तर

विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में अन्तर (Difference between Special Education, Integrated Education and Inclusive Education)

प्राचीन काल में भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एक समावेशी शिक्षा में कोई अन्तर नहीं होता था। इसके अलावा विशिष्ट बालकों के लिए किसी भी प्रकार की शिक्षा प्रदान नहीं की जाती थी। समय एवं परिस्थितियाँ के बदलाव ने लोगों का ध्यान इस ओर खींचा तथा विद्वानों ने ऐसे बालकों के लिए नई-नई प्रविधियाँ, लिपियाँ एवं तकनीकों को खोजा। इन नवीन उपायों (विभिन्न प्रविधियों) ने ऐसे बालकों के लिए एक सुनहरा अवसर उपलब्ध करा दिया। जिस प्रकार से इन शिक्षा प्रणालियों के नाम से पता चलता है कि ये विशिष्ट एवं सामान्य बालकों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करती है परन्तु उनके तथ्यों के मध्य समानता होने के बावजूद भिन्नता विद्यमान रहती है। विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में निम्नलिखित अन्तर हैं-

विशिष्ट शिक्षा, एकीकृत शिक्षा एवं समावेशी शिक्षा में अन्तर

क्र.सं. 

विशिष्ट शिक्षा

(Special Education)

एकीकृत शिक्षा (Integrated Education)

समावेशी शिक्षा

(Inclusive Education)

1. विशिष्ट शिक्षा प्रतिभाशाली अपंग बालकों के लिए प्राचीन धारणा है। एकीकृत या समन्वित शिक्षा, ये विशिष्ट शिक्षा का नवीन एवं स प्रगतिशील स्वरूप है। ये आधुनिक धारणा है जिसमें सभी बालकों को एक साथ शिक्षा प्रदान की जाती है।
2. इस शिक्षा को सम्पूर्ण शिक्षा एकीकरण का भाग नहीं समझा जाता है जो बाधित बालकों को दी जाती है। इसे सम्पूर्ण शिक्षा का बाधित बालकों के लिए एक भाग स समझा जाता है जो बाधित बालकों को कुछ अधिक स‍ सहायता प्रदान करती है। न कि अपंग बालकों से सामान्य बालकों से विलग करती है। इसे सम्पूर्ण शिक्षा का भाग समझा जाता है जो बाधित एवं सामान्य बालकों को एक साथ लाती है।
3. विशिष्ट शिक्षा व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं शिक्षण कार्यक्षेत्र में मार्ग दर्शन करती है। एकीकृत शिक्षा, सामान्य शिक्षा के साथ विशिष्ट विधान उपलब्ध कराती है। समावेशी शिक्षा विशिष्ट अधिगम के नए आयाम खोलती है।
4. विशिष्ट शिक्षा के लिए विशिष्ट कक्षाओं को स्थापित करना पड़ता है। इसमें विशिष्ट शिक्षा के लिए ऐसा करना आवश्यक नहीं है परन्तु विशेष स्थिति में ऐसा किया जा सकता है। इसमें विशिष्ट बालक एवं सामान्य बालकों को एक ही कक्षा एवं शिक्षक द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।
5. विशिष्ट शिक्षा में विशिष्ट बालक को सामान्य बालकों से अलग कर शिक्षा देने के पश्चात् दोनों में सामंजस्य की समस्याएँ आने लगती हैं। एकीकृत शिक्षा विशिष्ट बालक एवं सामान्य बालक को अलग नहीं करती है। समावेशी शिक्षा सभी छात्रों को एक साथ लेकर चलती है जिससे सहयोग की भावना उत्पन्न होती है।
6. विशिष्ट शिक्षा का स्वरूप कुछ सीमा तक चिकित्सा या स्वास्थ्य शिक्षा जैसे होता है। समन्वित शिक्षा का आधार मनोवैज्ञानिक है। समावेशी शिक्षा का आधार मनोवैज्ञानिक एवं छात्र अधिगम केन्द्रित है।
7. विशिष्ट शिक्षा एक प्रकार से भेदभाव पर आधारित है। एकीकृत शिक्षा समानता के सिद्धान्त पर आधारित है। समावेशी शिक्षा समानता एवं बन्धुत्व के सिद्धान्त पर आधारित है।

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